ज्ञानेश्वर
पटना। सचमुच ‘हंटरवाली’ शोभा ओहतकर क बिहार वापसी राज्य क पुलिस लेल नीक समाद अछि। 1990 बैच क आईपीएस अधिकारी शोभा पिछला किछु साल स अपन गृह राज्य महाराष्ट्र मे प्रतिनियुक्ति पर छलीह। ओ एहि दरम्यान पुणे मे विभिन्न पद पर तैनात रहलीह। जानकारक कहब अछि जे शोभा पूणे मे सेहो अपन छाप छोडलथि अछि।
इ मानल जाए जे अपन कैडर मे पुनर्वापसी क बाद शोभा ओहतकर कए बिहार मे कोनो महत्वपूर्ण जिम्मेवारी भेटत। ओ आईजी क पोस्ट पर तैनात भ सकैत छथि। शोभा ओहि पुलिस अधिकारी मे स छथि जे सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण स्थिति स निपटबा आ सब कीमत पर अपराध कए नियंत्रित करबा लेल तैयार रहैत छथि। क्राइम-कंट्रोल क मामले मे लेफ्ट-राइट क बाधा कए ओ सख्ती स निपटैत छथि।
दरभंगा-मधुबनी मे आईएसआई/आईएम क गतिविधि पर आइ जे हो-हल्ला मचल अछि, ओहि पर सबस पहिल दरभंगा क पुलिस कप्तान क रुप मे शोभा कर खुलासा केने छलीह। लगातार चलल आपरेशन स पाकिस्तान तक बैसल आतंक क बाप बौखला गेल छल। तखन दिल्ली पुलिस राठी स्टील क मालिक क बेटा क अपहरण मे पकडल गेल अपराधी स एकर राज खुलबेने छल जे शोभा ओहतकर कए मारबाक सुपारी सेहो लेल जा चुकल अछि। दाउद क गिरोह आपरेशन कए अंजाम देबा मे लागल अछि। तत्कालीन एकटा केन्द्रीय मंत्री सेहो साजिश मे शामिल बताउल गेल छलाह। एकर तुरंत बाद शोभा क तबादला दरभंगा स क देल गेल। सूत्रक कहब अछि जे शोभा ओहतकर कए तखन दरभंगा स नहि हटाउल गेल रहिते आ आपरेशन कए खुलल छूट भेटल रहिते त आइ इ नौबत नहि अबिते जाहि स पूरा मे दरभंगा माड्यूल क चर्चा भ रहल अछि। आइ बेर-बेर दोसर प्रदेश क पुलिस दरभंगा स आतंकी कए दबोचि रहल अछि।
दरभंगा टा नहि शोभा ओहतकर क कड़कमिजाजी क चर्चा हजारीबाग क कोल माफिया मे आइ धरि अछि। शोभाक नाम सुनि एखनो ओ कांपि जाइत छथि। अखंड बिहार मे हजारीबाग कए एहन जिला मानल जाइत छल जाहि ठाम पोस्टिंग क बोली धनबाद क बाद सबस बैसी लगैत छल। खुद अधिकारी मानैत छथि जे हजारीबाग क कमाई कई पुश्त कए विलासिता प्रदान क दैत अछि। एहि ठाम कियो ईमानदार जाइत छल, तखन पहिने त दू-चारिटा क लूट स चौतरफा फजीहत करा देल जाइत छल। शोभा ओहतकर क हजारीबाग पोस्टिंग सेहो शायद एहि परिस्थिति क देन छल।
चुनाव क समय छपरा मे शोभा ओहतकर छलीह। एकटा मंत्री बहुत उछल-कूद मे लागल छलथि। मुदा वोट क दिन एहि मंत्री जी क हालत त कोनो लायक न बचल। हेकड़ी कोना गुम होइत अछि,टीवी पर पूरा दुनिया देखलक। हाजीपुर मे सेहो इ दबंग आईपीएस अधिकारी अपराध जगत कए चूलें हिला कए राखि देलथि। ओना देखल जाए त शोभाक एएसपी क रुप मे रंगत पटना सिटी मे देखै लागल छल।
काफी सालक बाद हिनकर कार्यकुशलता कए फेर स देखबाक समय आयल अछि। ओना इ सही अछि जे आईजी क हैसियत मे अपराध-नियंत्रण क सीधा डंडा त हुनका लग नहि रहत मुदा लचर अधिकारी कए हांकबाक अधिकार जरूर रहत। सबस पैघ गप इ जे राजनीतिक दखल कए नहि बर्दाश्त करबाक तेवर नवका सरकार क व्यवस्था क संग कोना संतुलन बैसा रखैत छथि, इ देखबाक गप होएत।
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