पटना। बिहार विधान परिषद क उपभवन मे आयोजित ‘किशोरी संसद’ मे धीया सब संसदीय व्यवस्था मे विधायी कार्य स रूबरू भेलथि। बिहार विधान परिषद क सभापति ताराकांत झा ‘किशोरी संसद’ क अध्यक्षता करैत कहला जे बिहार क तमाम धीया समाज आ राज्य क नहि, बल्कि देश क भविष्य छथि। ओ कहला जे धीया क क सपना कए साकार करबा मे माता-पिता कए सेहो आगू एबाक चाही, किया कि संस्कार क पहिल पाठशाला परिवार अछि।
एकर बाद ‘किशोरी संसद’ क कार्यवाही धीया क मांगपत्र प्रस्तुति स भेल। अरवल क अनन्या सृष्टि सभापति क सामने लिंग जांच कए महिला हिंसा क श्रेणी मे रखबाक मांग उठेलथि आ डाक्टर कए दंडित करबा संबंधी कानून कए सख्ती स लागू करबाक मांग केलथि। विधानमंडल कार्यवाही जेकां इ पूरा दृश्य देखबा मे लगैत छल। एहि दौरान ‘शेरो-शायरी’, ‘टोका-टोकी’ आ ‘हंसी-ठिठोली’ सेहो खूब भेल। नवादा क श्वेता गौड़ स्कूल मे शुद्ध पेयजल आपूर्ति आ 12म कक्षा तक नि:शुल्क शिक्षा क व्यवस्था करबा क मांग रखलथि। तखने सभापति टोकलाह-‘तोरा विधानसभा क टिकट जरूर देल जेतहु…।’ एहि पर ‘सदन’ मे खूब ठहाका लागल। धीया सेहो पाछु कहां रहैवाली। एकसंग आवाज आयल-‘सर, एडवांसे मे दिया दियउ ने…।’ ठहाका चलैत रहल। किछु धीया बाल अधिकार स जुडल मुद्दा सेहो उठेलथि, मुदा सदन मे सबसे बेसी जे मांग उठल ओ शिक्षा स संबंधित छल। कईटा धीया राज्य मे अंग्रेजी विषय आ कंप्यूटर शिक्षा कए अनिवार्य करबाक मांग उठेलथि। एहि पर शिक्षा मंत्री पीके शाही कहला जे अंग्रेजी कए अनिवार्य बनाउल जाए या नहि? एहि पर वाद-विवाद होइत रहल अछि। किछु बच्चा एहि ठाम अंग्रेजी आ कंप्यूटर शिक्षा कए अनिवार्य करबाक मांग उठेलथि अछि। मुदा ग्रामीण परिवेश क बच्चा कए अंग्रेजी कए अनिवार्य करबा पर परेशानी होएत। जखन स्थिति ठीक भ जाएत तखन राज्य सरकार नीति मे परिवर्तन करत।
सदन मे समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह कहलथि जे धीया अपन मुखर आवाज स एहि ठाम साबित क देलथि अछि जे बिहार नारी सशक्तीकरण क दिशा मे सही आ तेजी स आगू बढि रहल अछि। बेटी अहां इ जोश आ जुनून बनेने राखू।