ममता क एहि कदम स रेलवे क माली हालत एक बेर फेर बिगड़बाक जबरदस्त खतरा अछि
यदि आरक्षित राशि डीआरएफ मे देल जाएत त ममता लाभांश देबाक स्थिति मे सेहो नहि रहती
ऑपरेटिंग रेशियो बढि़कए 94.7 प्रतिशत भ गेल
नई दिल्ली। रेलवे बजट 2010-11 मे रेलवे क ओहि एकाउंटिंग प्रणाली क प्रयोग कैल गेल अछि, जेकरा लेल ममता श्वेतपत्र मे पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद क आलोचना केने छलीह। एकर अलावा एहि रेल बजट मे तमाम गप कए नुका लेल गेल अछि। उदाहरण क लेल सरप्लस कए बहुत कम देखाउल गेल अछि आ ओकर धन लोकलुभावन परियोजना दिस मोडि़ देल गेल अछि। रेलवे क बहीखाता कए खंगालबा पर ओकरा लग 951 करोड़ सरप्लस राशि बचि रहल अछि। एकर बावजूद वित्त वर्ष 2010-11 क प्रस्ताव मे 41 हजार 426 करोड़ क निवेश योजना क प्रावधान अछि। एहि मे स मात्र 15 हजार करोड़ वित्त मंत्रालय स बजटीय सहायता क रूप मे भेटत। करीब तीन हजार करोड़ रेलवे वित्त निगम जुटाउत। बाकी टका क इंतजाम रेलवे कए करबाक अछि। इ कतए स आउत? इ सरप्लस स आउत। कियाकि किछु माह पहिने रेलवे क श्वेतपत्र मे 2007-08 क बाद 13 हजार 481 करोड़ टका क शुद्ध सरप्लस देखाउल गेल छल। इ सरप्लस छठम वेतन आयोग, पेंशन निधि आ मूल्यह्रास आरक्षित निधि क लेल कैल गेल योगदान क बाद छल। जखकि 2009-10 मे एहि सबटा कटौती क बाद मात्र 951 करोड़ क सरप्लस देखाउल गेल अछि। ओतहि, अगिला वित्त वर्ष क लेल 3 हजार 173 करोड़ सरप्लस क अनुमान लगाउल गेल अछि। एहि स इ साफ भ जाइत अछि जे रेलवे क लग मे परियोजना क लेल अतिरिक्त धन 2007-08 क सरप्लस स निकालल जाएत आ एहि कारण स बाद क वर्ष मे सेहो सरप्लस कए कम देखाउल गेल अछि।
इस विषय मे पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद क कहब अछि, ‘ममता हमरा पर आरोप लगेलथि, मुदा अपने गड़बड़ केलथि अछि। हम 11 हजार 72 करोड़ कैपिटल फंड मे देने रही। जखनकि एहि बेर एहि मद मे कोनो राशि नहि देल गेल अछि। ममता छठम वेतन आयोग क नाम पर 55 हजार करोड़ क समायोजन देखेलथि अछि। जखनकि वास्तव मे एहि मद मे केवल 41 हजार करोड़ क देनदारी बनैत अछि। बाकी टका कतए गेल?Ó एतबे नहि, ममता मूल्यह्रास आरक्षित निधि क लेल मात्र 4 हजार 500 करोड़ क प्रावधान केलथि अछि। जखनकि लालू क समय मे एहि मद मे 9 हजार करोड़ देल गेल छल। एहि तरह स पूरा 4 हजार 500 करोड़ क बचत ममता एहि ठाम करि लेलथि अछि। एहि स रेलवे क पुरान संपत्ति क नवीकरण क काज प्रभावित होएत, मुदा नव परियोजना क लेल टका बचि गेल अछि। लालू क अनुसार यदि इ राशि डीआरएफ मे देल जाएत त ममता लाभांश देबाक स्थिति मे सेहो नहि रहती। ममता अपन लोकलुभावन परियोजना क लेल विभिन्न तरीका स जे टका बचेलथि अछि ओकर बजट मे कतहू जिक्र तक नहि कैल गेल। ममता क एहि कदम स रेलवे क माली हालत एक बेर फेर बिगड़बाक जबरदस्त खतरा अछि। एकर संकेत ऑपरेटिंग रेशियो स भेट रहल अछि है, जे बढि़कए 94.7 प्रतिशत भ गेल अछि। मुदा रेल बजट मे एकर जिक्र करबाक ममता हिम्मत नहि जुटा सकलथि।
Call me wind because I am abouestlly blown away.