पटना । आइएएस गुरु पूर्णेंदू शेखर झा लोकसेवा आयोग क परीक्षा लेल तैयारी क रहल छात्र सब कए साहित्यक लडाई आ आलोचनात्मक सोच स दूर रहबाक सलाह देलथि अछि। श्री झा रविदिन पटना संग्रहालय क सभागार में मैथिली साहित्य संस्थान क अभिनंदन समारोह में अपन उदगार राखि रहल छलाह । संघ लोकसेवा आयोग क परीक्षा मे कुल 15 गोट छात्र कए एहि स मैथिली विषय स सफलता दियौनिहार श्री झा कहला जे मैथिली स सिविल परीक्षा पास करब आब पूरा भारत क छात्र क मनोररथ बनि गेल अछि। परीक्षा क परिणाम स इ साबित भ चुकल अछि जे मैथिली अपन समकक्ष पूर्वी भाषा जेना बांग्ला, उडिया व असमी स बहुत नीक प्रतिशत मे परिणाम पाबि रहल अछि। संघ लोकसेवा आयोग तक मैथिली क एहि सफलता आ क्षेत्र विस्तार स अचंभित अछि । श्री झा कहला जे मैथिली भाषा आइ मिथिला क्षेत्र स बाहर निकलि यूपी स गुजरात धरि पसरि चुकल अछि । मैथिली पढनिहार आब बिहार स बेसी बाहर अछि। श्री झा कहला जे हुनकर संस्थान मे कुल 79 टा छात्र एहि साल मैथिली विषय क तैयारी लेल नामांकरण करा चुकल अछि, जाहि में मिथिला क्षेत्र स महज पांचटा छात्र अछि।
मैथिली भाषाक प्रति मिथिला मे उपेक्षापूर्ण रवैया पर क्षोभ व्यक्त करैत श्री झा कहला जे एहि ठामक लोग मैथिली पढनिहार कए एखनो बुरबक बुझैत अछि, अपन बच्चा कए मैथिली विषय रखबा स रोकैत अछि। मैथिली क साहित्य पर चर्चा करैत श्री झा कहलथि ते मैथिली मे कम काज भेल अछि मुदा जे काज भेल ओ उत्तम अछि। मैथिल समाज मे नकारात्मक आ आलोचनात्मक पक्ष एतबा मजबूत अछि जे ओ अपन काज केनिहार कए मोजर नहि दैत अछि। छात्र कए एहि साहित्य क लड़ाई स दूर रहबाक चाही। जे सामग्री उपलब्ध अछि ओकर नीक जेकां अध्ययन क अगर परीक्षा देल जाये त कोनो आन विषयक अपेक्षा मैथिली मे बेसी अंक भेटत। परीक्षा अंक लेबा लेल देल जेबाक चाहि नहि कि साहित्य बचेबा लेल। साहित्य बचेबाक काज छात्र क नहि अछि। एहि अवसर पर कमल चून्न कहला जे मैथिली साहित्य उत्क्रमित नहि अछि आ एकर स्तर सेहो उठबाक चाहि ताहि पर कथाकार अशोक कहला जे मिथिला मे इ बड खराब प्रवृत्ति अछि जे कियो सफल भेल त ओहि पर खुश भेलाक बदला मे ओकरा पर समस्याक एहन बोझ राखि दैत छी जे ओकरा लेल सफलता आफत भ जाइत छै। अशोक कहला जे सिविल सेवा में मैथिली पर चर्च हेबाक चाहि, साहित्य स स्तर कोना ठीक होएत एहि पर विचार क इ उचित मंच नहि अछि। सभा क अध्यक्षता करैत डॉ हेतुकर झा कहला जे आजुक समय मे जे बाजार मे ढार होएत ओ बचत। पूरक विकासवाद क एहि युग मे मैथिली कए अपन बाजार तय कएय पडत। डॉ झा कहला जे आइ मैथिली विश्व क 41म सबस लोकप्रिय भाषा अछि, मुदा बहुत रास एहन लोक अछि जेकरा बुझले नहि अछि जे ओ कोन भाषा बजैत अछि। डॉ झा कहला जे जीवंत भाषा क पाछु ओकर व्याकरण चलैत अछि, जखन कि मृत भाषा हरदम व्याकरणक लाठी ल अपना कए बचेबाक प्रयास करैत अछि। मंच संचालन भैरव लाल दा केलथि, जखन कि धन्यवाद ज्ञापन शिवकुमार मिश्र देलथि। एहि अवसर पर सभागार पूरा खचाखच भरल छल।
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Hm barmahi me maithali lene chhalu bahut neek bishai aaichh aur Jha jee ke vichar s hm shmt chhi.