भूजल संचयन लेल एक दिन मे बनाओल गेल 2168 सोक पिट
26 करोड़ लीटर पानि क होएत संचयन
पटना । पानी, सूखा, आ अकालक दंश झेल चुकल सीतामढ़ी मे हलक सूखबा से पहिने जल संचय क हल जमीन पर उतारि देल गेल अछि । महाराष्ट्र क लातूर क तसवीर देखि एतय क लोग भूगर्भ जल संरक्षण क दिशा मे एतिहासिक पहल केने अछि । जिलाधिकारी राजीव रौशन क नेतृत्व मे जिलाक लोग एक दिन मे करीब 2168 सोख्ता (सोक पिट) क निर्माण केने छथि, जाहिमे पांच जल एक्सप्रेस लायक पानि एक साल मे संचय भए सकत । सूखा आओर अकालक डर एतय क लोग मे कतेक पैघ अछि एकर अंदाजा एहि स लगाओल जा सकैत अछि जे 20 दिन क कसरत क बाद जिलाक 1950 सरकारी, 50 निजी स्कूल क अलावा 40 मदरसा, 40 आंगनबाड़ी केंद्र आ अन्य संस्थान मे आम लोगक सहभागिता स सोख्ता क निर्माण कराओल गेल अछि । गुरुवार कए एक संग जिला मे बनल सभटा सोख्ता क उपयोग मे आनल गेल । एक दिन मे करीब 2168 सोख्ता (सोक पिट) क उपयोग अपना आप मे एकटा रिकॉर्ड अछि । जिला क एहि उपलब्धि कए देखबा क लेल खुद सीतामढ़ी पहुंचल तिरहुत क आयुक्त अतुल प्रसाद कहलथि जे 12 स 15 लीटर पानि संचय करनिहार एहि सोख्ता स साल मे एतेक पानि संचय होएत, जे एक नहि बल्कि पांचटा ट्रेन मे पानि लातूर भेजल जा सकैत अछि । ओ कहलथि जे भूगर्भ जल संरक्षण क दिशा मे उठाओल गेल इ कदम आन राज्य वा जिला क लेल एकटा मिसाल बनि गेल अछिे । ई पहिल बेर अछि जे जखन बिहारे टा नहि देश मे एहि प्रकारक जल संरक्षण क प्रयास कैल गेल अछि । ओ कहलथि एकरा गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड मे सेहो शामिल करेबाक लेल प्रयासरत छी ।
अभियान के प्रनेता सीतामढ़ी क जिलाधिकारी राजीव रौशन कहलथि जे ई पहल जिलाक लोग कए सामूहिक प्रयास क परिणाम अछि । भारत सरकार क स्वच्छ भारत मिशन आओर राज्य सरकार क लोहिया स्वच्छता मिशन क तहत जल निकासी क समुचित प्रबंध आओर भूजल स्तर कए रिचार्ज करबाक लेल एहि पहल क शुरुआत कैल गेल अछि । ओ कहलथि जे काल्हि तक पैघ मात्रा मे पानि एतय बर्बाद भए जाएत अछि । सोख्ता क निर्माण स आब पानिक संरक्षण होएत । एकटा स्कूली बच्चा जों काल्हि तक दू लीटर पानि बर्बाद करैत छी, त आय स ओहि पानिक बचत शुरू भए गेल । एहि सोक पिट क माध्यम स गंदगी क कारण फैलय बला रोगों पर सेहो अंकुश लागत । स्कूल स शुरू होए बला एहि पहल क कारण एकर सीधा प्रभाव बच्चा पर होएत आओर ओहिक माध्यम स जल संरक्षण आओर स्च्छता क संदेश जन जन तक पहुंचत । ओ कहलथि जे एहि सोख्ता स जिला मे हरेक साल करीब 26 करोड़ लीटर जल संरक्षित कैल जाएत, जाहि क लेल अलग से कोनो राशि क आवंटन नहि केल गेल अछि । ओ कहलथि जे कृषि, शिक्षा आ पीएचइडी विभाग मे आपसी समन्वय स्थापित कए एक अप्रैल स सोख्ता निर्माण क प्रशिक्षण शुरू कराओल गेल । जगह-जगह कार्यशाला भेल। आम लोग क मदद क संग संग यूनिसेफ एहिमे हमरा तकनीकी सहायता उपलब्ध करोलथि । ओ कहलथि जे ग्रामीण इलाका मे पीबाक पानि क रूप मे 85 प्रतिशत भूजल क इस्तेमाल होएत अछि। विगत किछु साल मे जिला क भूजलस्तर मे गिरावट आएल अछि, मुदा ओ खतरनाक स्तर पर नहि अछि।
bahut khushi ke baat achhi