पटना । जापानी फूजी गुरुजी क कृति क बिहार क माटी क संग किछु एहन संबंध अछि जे एक कए छोडि़ दोसर कए नहि बुझल जा सकैत अछि। कई वर्ष क हुनकर कठिन तपस्या ‘विश्व शांति स्तूपÓ क रूप मे बिहार क अमूल्य धरोहर देलथि अछि। आइ देश-विदेश क लोक क लेल ऐतिहासिक वैशाली आ राजगीर क माटी पर हुनकर बनाउल ‘विश्व शांति स्तूप’ आकर्षण का केंद्र है, जो शांति का संदेश सारी दुनिया को सुना रहा है।
दुनिया के सबसे बड़े स्तूप क स्थापना क 40म वर्षगांठ पर एक बेर फेर विश्व भरि क प्रतिनिधि 25 अक्तूबर कए जुटताह आ हैंड ड्रम (ओटाइको) बजा कए आ मंत्रोच्चार कए विश्व शांति क प्रार्थना करताह। हिरोशिमा आ नागासाकी क मेयर क उपस्थिति मे विश्व शांति आ भाईचारे क लेल बिहार आ भारतभूमि क गांठ दुनिया क देश क संग आओर मजबूत होइत। जापान क निप्पोनजन म्योहोजी पंथ क प्रवर्तक वेन एन फूजी गुरुजी 1969 मे दुनिया क जहि सबस ऊंच विश्व शांति स्तूप क स्थापना केलथि, ओकर वास्तुशिल्प बिहार कए कर्मभूमि बनाबेवला उपेंद्र महारथी रहथि। स्तूप क संग विभूति क स्मृति जुड़ल अछि। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एस. राधाकृष्णन 5 मार्च, 1965 कए एकर आधारशिला रखलथि , जखन कि 25 अक्तूबर 1969 को डॉ वीवी गिरी एकर शुभारंभ केलथि। एकर 40म वर्षगांठ पर केवल हिरोशिमा आ नागासाकी क मेयर नहि, बल्कि ब्रिटेन, अमेरिका, यूक्रेन, थाइलैंड, श्रीलंका आ जापान स अनेक तीर्थयात्री क संगहि जापान क 60टा उद्यमी सेहो बिहार आबि रहल छथि। जेकर मिस्टर ए होरियूची नेतृत्व करि रहल छथि । बौद्ध भिक्षु, भिक्षुणी आ अन्य देश क प्रतिनिधिमंडल सेहो एहि मे भाग लेत। जापान क निप्पोनजन म्योहोजी पंथ क मुख्य संन्यासी जी योसिदा 25 अक्तूबर कए राजगीर मे पूजा संपन्न करौउताह। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हिरोशिमा आ नागासाकी क मेयर कए दिवंगत उपेंद्र महारथी द्वारा बनाउल गेल गांधी जी क पोट्रेट क अनुकृति भेंट करि हुनका अहिंसा आ शांति क संदेश देताह। कार्यक्रम मे पद्मभूषण स सम्मानित डिजाइनर राजीव सेठी क अलावा सीजीसी कंपनी जापान क अध्यक्ष टी मोरिटा विशिष्ट अतिथि हेताह। बौद्ध धर्म ग्रंथ मे इ मान्यता अछि जे जाहि गृद्धकूट पहाड़ी पर स्तूप अछि, ओतहि भगवान बुद्ध लोटस सूत्र (सदधर्मपुण्डरीका सूत्र) क उपेदश देने छलाह।