पटना । इ केंद्र सरकार कए बिहारक प्रति सक्रिया अछि या उदासीनता या फेर लापरवाही, मुदा एतबा जरूर जे केंद्र लेल बिहार एकटा उपनिवेश बनल जा रहल अछि। वित्तीय वर्ष समाप्त हेबा पर अछि बमुश्किल महीना बचल अछि, एहन मे दिल्ली मे बैसल देश चलेनिहार नौकरशाह दक्षिण भारत स किछु समय निकाली बिहार मे पिछला साल आयल बाढ़ कए स्मरण करि लेलथि। बाढ मे टूटल सडकक मरम्मत क लेल मांगल गेल टका बिहार कए द देलथि। केंद्र पथ निर्माण विभाग कए एतबा राशि आवंटित करि देलक जे जेकरा खर्च करबा लेल आब नहि कोनो योजना अछि आ नहि समय। एहन मे मरम्मत क मद मे भेटल राशि क पैघ हिस्सा आब लौट जाएत। पथ निर्माण विभाग एहि वर्ष 23 करोड़ टकाक योजना केंद्र कए पठेने छल। एहि हिसाब स योजना बनल छल। एहि योजना पर राजमार्ग आ परिवहन मंत्रालय कए फरवरी मे जा कए विचार केलक। आनन-फानन मे एहि मद मे बिहार कए 42 करोड़ टका पठा देल गेल। इ राशि एफडीआर यानी फ्लड डैमेज रोड क शीर्ष मे आयल अछि। अचानक एफडीआर मद मे 42 करोड़ देखि पथ निर्माण विभाग क आला अधिकारी हैरत मे पड़ि गेलाह अछि। ओ अपन 23 करोड़ क योजना पर काज करबा लेल तैयार बैसल छलाह। आब जेतबा राशि भेटल अछि ओकर योजना बनेबा में मास बीत जाएत आ फेर तकनीकी आ प्रशासनिक स्वीकृति मे एबना समय लागत जे इ राशि लैप्स भ जाएत। केंद्र क एहि बिहार विरोधी चाल पर खीझकए पथ निर्माण विभाग केंद्र कए अपन योजना क बाद बचल राशि कए तत्काल करि देलक। पथ निर्माण विभाग क अफसर क कहब अछि जे एक माह मे 23 करोड़ क योजना कए शुरू करब मुश्किल अछि। राशि एखन भेटल अछि आब एकर प्रक्रिया शुरू होएत। पथ निर्माण विभाग क संकट सिर्फ एफडीआर नहि अछि, बल्कि वार्षिक योजना क राशि सेहो अछि। वार्षिक योजना मे सेहो पूरा राशि नहि भेटल अछि समय स। एहि तरह पीआर यानी पीरियाडिकल रिपेअर क मद क राशि अछि। एहि मे सेहो योजना क आधा-अधूरा राशि भेट सकत अछि।