पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र सरकार स सीधा टकराव क संकेत द देलथि अछि। राज्य कए विशेष दर्जा दियेबा लेल ओ आंदोलन क चेतावनी देलथि अछि। योजना आयोग क सदस्य सुधा पिल्लई क अध्यक्षता मे बिहार कए विशेष राज्य क दर्जा क मांग पर विचार लेल अंतरमंत्रालयीय कमिटी बनाउल गेल छल। ओ कमिटी पीएमओ कए सौंपल अपन रिपोर्ट मे कहलक अछि जे विशेष राज्य क दर्जा लेबा लेल जरूरी शर्त कए बिहार पूरा नहि करैत अछि। नीतीश कहला जे कमिटी क रिपोर्ट रद्दी क टोकरी मे फेंक देबाक चाही। अगर बिहार गप नहि मानल गेल, त पटना क गांधी मैदान हुए या दिल्ली क रामलीला मैदान, ओकरा बिहारी स भरि देल जाएत। नीतीश कहला जे कमिटी क रिपोर्ट पढ़बा स एहन बुझा रहल अछि जे ओकरा एहने रिपोर्ट देबा लेल कहल गेल छल। रिपोर्ट मे बिहार कए कोनो हाल मे मदद नहि देबाक तमाम तर्क देल गेल अछि। नीतीश कहला, ‘विशेष राज्य क दर्जा देबाक मापदंड क आधार पर बिहार कए केंद्र लगातार उपेक्षा क रहल अछि। कहल जा रहल अछि जे अंतरराष्ट्रीय सीमा, बाढ़, आबादी आदि क तर्क क आधार पर बिहार कए विशेष राज्य क दर्जा देल गेल, त दोसर कईटा राज्य सेहो इ दर्जा मांगत।
maithili news, mithila news, bihar news, latest bihar news, latest mithila news, latest maithili news, maithili newspaper
We, Mithilabasi, request our honorable CM, Mr Kumar, first to meet PM and jointly come up with a MOU and get foreign policy clearance, for getting dams constructed over rivers inside Nepal, by international companies other than India and Nepal. Mr. Kumar should not depend on Center for project’s initiative. We know this project would mostly help Bihar and so is never going to be a priority item for Indian government. Bihar is a step child of India. It does not matter whether it is a UPA or NDA government, both have neglected us. After foreign policy clearance, Bihar CM should take this project in his hand; and should go to Kathmandu himself with a delegation as a Bihari businessman to bring Nepal on board. Bihar government should contact World bank, IMF etc for loan to complete this project. After paying off the loan by selling electricity to both countries Nepal and India
(Bihar), both should then become 50-50 partners for future use of electricity and water.
This will be a good business for both India(Bihar) and Nepal.
I do not buy the argument that Bihar cannot do business directly with Nepal.
नितीश जी… विषेश राज्यक द्रर्जा के लेल जे तर्क दऽ रहल छथि.. उ सभ वास्तव में मिथिला परि लागु होइत अछि., बिहार पर नञिं. ।
*अंतराष्ट्रिय सीमाः अंतराष्ट्रिय सीमा सं मिथिला जुड़ल अछि.. बिहार नञिं ।
* बाढ़ …..ः बाढ़ सं सेहो मिथिले ग्रस्त अछि.. बिहार नञिं ।
* आबादीः ओना तऽ आबादी. कोनो राज्य विषेश के समस्या नञिं अछि.. इ पूरा देश क समस्या अछि । तञियो इ समस्या देश के अनुपात में मिथिला मे बसी अछि । बिहार (मिथिला रहित) क आबादी समान्य अछि ।
एहि लेल विषेश राज्य (फिलहाल क्षेत्र) क दर्जाक हकदार मिथिला अछि.. बिहार बिलकुले नञिं ।