रंजीत कुमार
रांची। डुमरी पुल कए जर्जर भेलाक बाद बाद स सहरसा, खगड़िया, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया आदि जिला क करीब 30-35 लाख लोक कए बाहर ल जेबा लेल एकटा मात्र रास्ता सहरसा-मानसी रेल-लाइन अछि। इ एकटा लूप लाइन अछि, जेकर उपेक्षा क अपन अलग कथा अछि। एक बेर फेर एहि लाइन पर कोसी मैया क कोप टूटल अछि। एखन धरि कुल छहटा गाडी कए रद्द कैल जा चुकल अछि आ अगर मैया नहि मानलथि त एक-दू दिन मे पटरी पर गाड़ी नहि नदी क धारा चलत।
भेट रहल जानकारी क अनुसार, कोपरिया आ धमारा टिसन क बीच फनगो हॉल्ट लग नदी क धार बाट भटकि गेल अछि। ओ अपन निर्धारित बाट पर बहबा स कतरा रहल अछि। विशेषज्ञ क कहब अछि जे बालू क कारण स निर्धारित चैनल मे शायद कोनो पैघ डेल्टा बनि गेल अछि, जे धार कए पार्श्व दिस जेबा लेल मजबूर क रहल अछि। मुदा पार्श्व मे रेलवे लाइन अवरोधक बनल अछि। एहि लेल नदी एकरा जोर-जोर स खुरुचि रहल अछि। स्थिति इ भ गेल अछि जे करीब 50 मीटर क लंबाई मे नदी आ पटरी क बीच मीटर-दू मीटर क दूरी बचल अछि। रेलवे क इंजीनियर बोल्डर आ क्रेटर क माध्यम स एकरा रोकबाक प्रयास क रहल अछि। एकरा लेल भारी संख्या मे मजदूर लगाउल गेल अछि। बावजूद एकर इंजीनियर साहेब सब इ कहबा मे असक्षम छथि जे ओ पटरी कए बचा पाउताह बा नहि।
प्राप्त जानकारी क अनुसार, छहटा सवारी गाडी क परिचालन रद्द कैल जा चुकल अछि। एहि मे सहरसा-मधेपुरा (55555/56), सहरसा-मानसी (55569/70) आ सहरसा-समस्तीपुर सवारी गाडी शामिल अछि। जनसेवा एक्सप्रेस, हाटे बजारे एक्सप्रेस, कोसी एक्सप्रेस आ राज्यरानी एक्सप्रेस क परिचालन जेना तेना भ रहल अछि, मुदा इ सब सेहो कई घंटा विलंब स चलि रहल अछि। आब जखनकि रेलवे आ राज्य सरकार क विशेषज्ञ इंजीनियर आगामी स्थिति पर अनिश्चित छथि, त हम अपन कोसी विशेषज्ञ सब स बुझबाक कोशिश कैल जे आगू की भ सकैत अछि। लगभग सब गोटे कहला जे अगर चारि-पांच दिन तक वर्षा नहि भेल आ जलस्तर मे तेजी स बढ़ोतरी या घटोतरी नहि भेल त संभव अछि जे पटरी बचि जाए। जल अगर तेजी स कम या बेसी भेल, त बोल्डर आ क्रेटर क पहाड़ तक रेल लाइन कए नहि बचा सकत। जल क लेवल खसत त नदी कए मुख्य धार मे बनल डेल्टा कए पार करबा मे भारी दिक्कत होएत, मुदा ओकर बहाव-शक्ति मे बढोतरी होएत। परिणामस्वरूप पटरी दिस बहबा क प्रयास क रहल धार आओर जोर स कटाव करबा मे लागि जाएत। अगर लंबा समय तक स्तर बरकरार रहल, त संभव अछि जे नदी डेल्टा कए तोडि कए मुख्य धार मे बहबा लेल तैयार भ जाए आ पटरी बचि जाए। समस्तीपुर मंडल कार्यालय क अनुसार, कटाव रोकबा लेल 109 बैगन बोल्डर उझलल जा चुकल अछि। 500 मजदूर दिन-राति कटाव निरोधक काज मे लागल अछि। अभियंता क 15टा टोली लगातार स्थिति क मुआयना क रहल अछि।
बुझल हुए जे किछु साल पहिने सहरसा-मानसी क बीच पटरी क अपग्रेडेशन भेल छल। पुरान छोटी लाइन स अलग हटि कए बड़ी लाइन लेल पुल बनाउल गेल छल। तखने किछु गैर-सरकारी नदी विशेषज्ञ पटरी आ नदी क अलाइनमेंट पर सवाल ढार केने छलाह। मुदा हुनकर गप के सुनत। यैह कारण अछि जे सब साल बरसात क मौसम मे मानसी स ल ए सिमरी बख्तियारपुर तक भारी जल-जमाव होइत अछि। कोसी आ बागमती क विभिन्न धारा पटरी आ पुल क एहि “रामसेतु’ क बीच अटक जाइत अछि। मुदा एहन परिस्थिति पिछला किछु साल मे नहि बनल छल। जखन स कुसहा कटाव भेल अछि, तखन स कोसी क प्रकृति मे विचित्र बदलाव देखबा लेल भेट रहल अछि। कोसी महासेतु क कारण सेहो एकर प्रवाह डिस्टर्ब भेल अछि, किया जे एहि पुल क कारण लिंक बांध बनाउल गेल अछि। कोसी महासेतु क बाद सेहो दूटा आओर पुल कोसी पर बनल अछि। एहि लेल इ कहब आब असंभव भ गेल अछि जे कोसी क मौजूदा प्रकृति की अछि आओर ओकर मुख्य धार कतए अछि। एहन परिस्थिति मे आम लोक क अलावा विशेषज्ञ सेहो किछु बजबा क स्थिति मे नहि छथि। शब्द भले भिन्न हुए मुदा ओ सेहो घोर अंधविश्वासी क भांति कहैत छथि- “सब किछु कोसी पर अछि। हम किछु नहि क सकैत छी।’ कोनो संदेह नहि जे कोसी आ अभियंता क इ द्वंद्व आगू नव-नव गुल खिला सकैत अछि। पटरी टूटए बा तटबंध, अभियंता मालामाल हेताह। कहर त हरदम आम लोक पर खसैत अछि।
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