कुमुद सिंह
15 जनवरी क तारीख तिरहुत क्षेत्र लेल एकटा शाप जेकां अछि। 15 जनवरी, 1934 क भोर 8:29 मे तिरहुत क धरती एहन हिलल जे 11000 गोटे क जान चल गए। एहन भूकंप फेर नहि आयल, मुदा तिरहुत क जे वर्तमान खंडहर भ इतिहास भ गेल ओ 79 साल बाद धीरे-धीरे बिला रहल अछि। कहल जाइत अछि जे खंडहर देखि कए महलक वजूदक पता चलैत अछि, निश्चित रूप स तिरहुत क वजूद मजबूत छल, मुदा आइ एतबा कमजोर किया भ गेल। तिरहुत क लक्ष्मीछ जेना लगैत अछि भूकंप में फाटल जमीन क भीतर चल गेलीह बा हम सब लक्ष्मी कए जमीन मे धंसा देलहुं अछि, दूनू प्रश्न् क उत्तएर नहि भेट रहल अछि। भूकंप एक दिस नष्टे करैत अछि त दोसर दिस नव निर्माणक अवसर सेहो प्रदान करैत अछि, मुदा 79 साल बाद इ विचार करबा लेल ककरो लग समय अछि जे हम ओहि अवसर क केहन उपयोग केलहुं।
आइ हम सब ओहि 11000 लोक क आत्मााक शांति लेल एक ठाम जमा तक नहि भ रहल छी। महज 79 साल मे हम ओहि विपदा कए एना बिसरि गेलहुं अछि जेना ओ सदियो पुरान घटना हुए। जखनकि ओहि विपदाक प्रभाव एखन धरि हमर जीवन पर देखा रहल अछि। हमरा लग आइ धरि नहि त राजनगर सन शहर बचल आ नहि भपटियाही सन स्टेनशन। 79 साल बाद आइ धरि हम ट्रेन स कोसी लंघबाक सपना देख रहल छी। हम कोसी पर रेल पटरी बिछेबा मे 79 साल लगा देलहुं, तखनो एहि तारीख कए बिसरि जाइत छी। हमरा सब कए इ नहि बिसरबाक चाही जे 1934 क भूकंप हमरा सब कए एतबा पाछु क देलक जे वर्तमान मे कोनो आधारभूत संरचना हमरा सब लग 100 साल पुरान नहि अछि, जे अछि ओ क्षतिग्रस्तग भेल संरचनाक नव सवरूप अछि।
1934 क भूकंप क बाद दरभंगा क जेना नव निमा्रण भेल, ओहन नव निर्माण राजनगर सन शहरक नहि भेल, मुदा तिरहुत सरकार आन शहर कए कालांतर मे विकसित करैत रहल। राजनगर जेकां खंडहर कोनो आन शहर हमर सामने नहि अछि। मुजफफरपुर आ मुंगेर कए फेर स ढार कैल गेल। इ सच अछि जे दरभंगा क जेकां विकास आन शहरक नहि भ सकल। दरभंगाक नव निर्माण क पाछु एकर तिरहुत सरकार क मुख्याजलय होएब मुख्यक कारण रहल। महाराजा कामेश्व र सिंह दरभंगाक नव निर्माण लेल दरभंगा इंप्रुभमेंट ट्रस्टव (वर्तमान नगर निगम) क निर्माण केलथि आ वास्तुवविद टेम्लेवर्त आधुनिक दरभंगाक नक्शा् तैयार केलथि। टेम्लेव क कारण स दरभंगा नहि बल्कि देश कए पहिल भूकंपरोधि महल भेटल, जे आइ उपेक्षाक दंश झेल रहल अछि। उपेक्षा त टेम्ले, क क मास्टेर प्लारन क सेहो भेल आ ओकर कईटा प्रति रहबाक बावजूद वर्तमान सरकार आ राज दरभंगा दूनू एहि मास्ट्र प्लाआन कए हरा देलक। ककरो लग एकर कोनो प्रति सुरक्षित नहि अछि। इ त वर्तमान विधायक क इच्छाो आ इ’समाद आ इ’टीवी क मेहनत क फल रहल जे ओकर एकटा प्रति बरामद भेल अछि, जे दरभंगाक आधुनिक स्वतरूप कए बुझबा मे मददगार साबित भ रहल अछि। एहन मे सवाल अछि जे भूकंपक 79 साल बाद हम अपन जमीन लेल केतबा सचेत भेलहुं। प्राकृति आपदा स निपटबा लेल हम केतबा तैयार छी, हम नव निर्माण स केतबा आधुनिक भेलहुं। भूकंप अगर हमरा स बहुत किछु ल लेलक त हमरा एहि मादे बहुत किछु नव भेटल। आइ एहि पर विचार करबाक जरूरत अछि जे ओहि नवका आधारभूत संरचना कए हम केतबा सुरक्षित रखलहुं आ खंडहर कए कौन रूप मे देखबाक प्रयास केलहुं। तिरहुत क वर्तमान हाल देखि इ कहबा मे संकोच नहि जे हमरा सब कए सोच आ दिशा दूनू बदलबाक प्रयास करबाक चाही। हम सब जाहि दिशा मे जा रहल छी ओ हमरा सब कए जमीन स उखाडि रहल अछि आ सोच अपन जमीन क प्रति लगाव कए कम रहल अछि। भूकंपक स धरा क काया नष्टक भेल, मुदा आजुक सोच धरा क आत्माा नष्टन क रहल अछि। पुरान विपदा कए बिसरब एक प्रकार स नव विपदा कए आमंत्रित करब अछि। त आउ भूकंपक 79 साल पूरा भेला पर हम सब ओहि आत्माब क शांति लेल प्रार्थना करि जे ओहि विपदा मे हमरा सब स दूर भ गेलथि। आउ हम हुनक ओहि काज कए पूर्ण करबा मे लागि जे ओ नहि क सकलथि अर्थात तिरहुतक विकास।
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bad sharmak bat aachi.e baras ta nahi bha sakal shrandhanjali.sab gote mil ka agila barakh k taiyari kari aa 11000 aatma ke shanti ke lel kuchh keyal jay
1934 k trasdi bhyawah chal.koshi pr railway line k dhwast bhela pr agal bagal ke gaam me rahi rahal parivar jena bichur gel.Bihayal beti k munh dekhwa lel log k sehanta lagal rahi gel.Trasdi e bh gel je Mithila k du bhag bibhakt bh gel or Ek bhag ke Koshi kahi mithilak asmita pr prashn thar bh gel. Janmal gamenay se t hum ahat chaloin sange Mithilak wajud pr seho khatra aib gel.aou hum sab mil ke ohi trasdi ke metewak sankalp li or Mirt atma k shanti lel Ishwar se prarthna kari.