दरभंगा । दरभंगा घराना क गौरवशाली इतिहास आ उज्जवल भविष्य दूनू शनिदिन सांझ दरबार हॉल मे एक संग देखबा लेल भेटल। ध्रुपद धाम कार्यक्रम क दोसर दिन दरभंगा घराना क प्रस्तुति स दरबार हॉल भावविभोर भ गेल । पं अभय नारायण मल्लिक, हुनक भाई राम कुमार मल्लिक आ भातीज समित कुमार मल्लिक क एहन प्रस्तुति भेल जे पूरा वातावरण वासंती भ गेल ।
दूरदर्शन पटना क तत्वावधान मे विदुर मल्लिक संगीत अकादमी इलाहाबाद आ कासिदं संस्कृत विवि, दरभंगा क सहयोग स तीन दिनी ध्रुपद धाम कार्यक्रम क दोसर दिन क शुरुआत गया घराना क प्रसिद्ध पखावज वादक प. रविशंकर उपाध्याय क प्रस्तुति स भेल । गया घराना क अदभुत शैली स परिचय करबैत पं उपाध्याय पढंत, पठित आ लयकारी क कईटा प्रयोगात्मक रचना दर्शक क समक्ष प्रस्तुत केलथि । ऋषि उपाध्याय क रूप मे एहि ठाम गया घराना सुरक्षित भविष्य सेहो देखबा लेल भेटल । ओ अपन पिता संग झाला आ धुमकिट क प्रस्तुति स मन मोहि लेलथि ।
दोसर दिन क दोसर प्रस्तुति दरभंगा लेल खास रहल । मुंबई स आयल लखनऊ निवासी दरभंगा घराना क पं सुखदेव चतुर्वेदी पहिल बेर अपन गुरु पं विदुर मल्लिक क जन्मभूमि पर अपन प्रस्तुति द रहल छलाह । दरभंगा घराना मे मल्लिक, तिवारी, पाठक क बाद चतुर्वेदी चारिम उपनाम जुडला स घराना क विस्तार देखबा लेल भेटल । चतुर्वेदी पहिने राग कल्याण आ फेर राग वसंत स ध्रुपद क राजधानी कए मता देलथि । तानसेन क वंदिश जयमान रानी….जखन ओ शुरु केलथि त दरबार हॉल मे लागल प्रतिमा जेना झंकृत भ गेल । नवल वसंत नवल वृंदावन… गबैत काल प. विदुर मल्लिक कए हुनका पर आशिर्वाद साफ देखा रहल छल । प्रस्तुतिक उपरांत प. चतुर्वेदी भावविभोर भ कहला जे दरबार हॉल मे प्रस्तुति द हुनक जीवन धन्य भ गेल ।
दोसर दिनक तेसर प्रस्तुति दरभंगा स ध्रुपद क पलायन क भ्रम दूर केलक । प. रामकुमार मल्लिक अपन पुत्र समित मल्लिक संग मंचासीन भेला त पूरा दरबार हॉल थोपरी बजा अपन खुशी क प्रदर्शन केलक । दरभंगा मे शास्त्रीय संगीत क सूखैत रसधार कए बचेनिहार रामकुमार मल्लिक राग कलावती स दर्शक कए मंत्रमुग्ध क देलथि । बाहर झमाझम भ रहल वर्षा क बीच जखन पिता-पुत्र क युगल प्रस्तुति राग वसंत मे एहो खेलत होली…शुरू भेल त दरबार हॉल मे स्वर आ ताल क उडैत गुलाल मे सब नहा गेलाह ।
दोसर दिनक तेसर प्रस्तुति सेहो खास रहल । दरभंगा धराना मे सबस पैघ, मिथिला रत्न पं अभय नारायण मल्लिक (1938) अपन पुत्र संजय मल्लिक क संग मंचासीन छलाह । दरबार हॉल मे महाराज कामेश्वर सिंह क समझ राग दरबारी गाबि चुकल पं. रामचतुर मल्लिक क सबस प्रिय शिष्य प. अभय नारायण मल्लिक आइ सेहो पहिने राग दरबारी सुनेलथि । हुनक प्रस्तुति स लागल जेना समय पाछु लौट गेल। राग वसंत मे हुनक दोसर प्रस्तुति बाहर भ रहल वर्षा कए आओर तेज क देलक । दरभंगा घराना क खास काली स्तुति सुनाओ ओ दोसर दिनक कार्यक्रम कए समापन केलथि ।
शब्द, स्वर आ ताल क गवाह बनबा लेल दरबार हॉल मे दोसर दिन कोनो राजा उपस्थित नहि छल, राजा क कोनो वंशज सेहो नहि देखेलाह, पहिल दिन जेना जनप्रतिनिधि सेहो नहि छलाह, मुदा मौसम खराब रहलाक बावजूद आम लोक क उपस्थिति स बुझा रहल छल जे ध्रुपद क प्रेम दरभंगा क रग-रग मे बसल अछि । एहि कार्यक्रम क जीवंत प्रसारण डीडी भारती क माध्यम स पूरा विश्व मे कैल गेल. इ आयोजन 17 फरवरी कए संपन्न होएत।
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