सहरसा । एक दिस जखन पूरा बिहार एक दोसर क हाथ पकड़ि क बिहार कए शराब मुक्त करबा क लेल वचन लए रहल रहताह, तखने दोसर दिस सहरसा क बड़गाँव मे किछु उत्साही युवा एक दोसरा क हाथि पकड़ि कविश्वर चंदा झाक जन्मोत्सव मनेबा मे लागल रहताह । कविश्वर चंदा झा विचार मंच बड़गाँव एहि आयोजनक जिम्मा लेन छलाह ।
कविश्वर चंदा झा विचार मंचक आयोजक श्री राजेश रंजन झा एहि विषय मे जानकारी दैत बतेलथि जे मिथिला क महान कवि आ मिथिला रामायण क रचियता श्री कविश्वर चंदा झाक जन्म 21 जनवरी 1831 कए भेल छल । हुनकर जन्मदिवस कए हम सब हरेक साल हुनकर जन्मोत्सव क रूप मे मनेबाक लेल प्रयत्नरत छी ।
श्री झा कार्यक्रमक रूपरेखा पर प्रकाश दैत कहलथि जे मिथिलाक विभिन्न क्षेत्र स विद्वतजन, कवि, चिंतक आ मैथिली संगीतज्ञ सब कए आमंत्रित कैल गेल अछि । कार्यक्रम 21 जनवरी क भोर स शुरू होयत आर साँझ धरि चलत । आयोजनक तैयारी मे व्यस्त दोसर युवा मुकेश मानस कहलथि जे आजुक समय मे मैथिली गीत आर लोकगीत कए सुननिहारक संख्या दिनानुदिन घटल जा रहल अछि, लोकपलायनक चपेट मे पड़ि मिथिला निजता– उत्कर्ष– सांस्कृतिक परंपरा आ मूल्य-मान्यता सब किछु प्रभावित भ रहल अछि । एहि सन्दर्भ में मिथिलाक लोकगीत आ नृत्य कए आगामी कार्यक्रम मे समायोजित कैल गेल अछि । वर्तमान पीढी कए एकर मिठास सँ अवगत करायब आवश्यक बुझि कार्यक्रमक परिकल्पना हम सब तैयार केने छी।
ज्ञात होए जे कविवर चंदा झा सबसे पहिने मैथिली भाषा मे रामायण क रचना केलनि जेकर नाम ‘मिथिला भाषा रामायण’ पड़ल। कविवर द्वारा रचित कृति पुरूष परीक्षा, अहिल्या चरित्र आदि क रचना स मैथिली साहित्य कए एकटा नव आयाम देबाक महत्वपूर्ण कार्य हिनकहि द्वारा कैल गेल छल। कविश्वर कए मिथिलाक राजनीतिक, सांस्कृतिक आ साहित्यिक परिवेशक एतेक ज्ञान छलाह जे हुनकर बारे मे जार्ज ग्रियर्सन कहने छलाह Pandit Chandra (Chanda) Jha whome I know to be one of the most learned men in that part of India. हुनकर रचनात्मक सहयोग क पता हुनकर एहि दू पॉंति स पता चलैत अछि
लिखल जाय मिथिला इतिहास, नहि हो तहि मे शिथिल प्रयास,
विषय विशेष हमहु लिखिदेव, स्वपनहु एक टका नहि लेब ।।
एहि कार्यक्रम कए सफल बनेबाक लेल कविश्वर चंदा झा विचार मंच क श्री चंद्रशेखर झा, अभाविप केर विभाग संयोजक मुरारी मयंक, प्रभात रंजन, अविनाश खाँ बौआ, मन्नु कुमार, भीमशंकर झा, मुकेश सिंह सहित समस्त ग्रामीण तन-मन-धन स जुटल छथि ।