अनारकली क बहाने भ रहल अछि हिरामन क बॉलिवुड मे वापसी
वैद्यनाथ मिश्र यात्री क परम शिष्य अविनाश दास उर्फ दास दरभंगवी बहुआयामी व्यक्ति छथि। जहिना यात्री जीवन भरि यात्रा करैत रहलाह तहिना अविनाश अपन जीवनक बाट पर घुमंतू रहला अछि। बिहार क पत्रकारिता जगत होय कि हिंदी आ मैथिली साहित्य जगत या पटना क हिंदी रंगमंच अविनाश क नाम लिय त लोक सब तुरंते कहत जे के लौटकर अविनाश क बारे मे पुछि रहल छी कि ओ त आब सिनेमाई दुनिया में चलि गेलाह। जे अविनाश क व्यक्तित्व सं परिचित नै छैथि ओ त गुम्म भ जेताह मुदा जिनका हिनकर व्यक्तित्व सं चिन्हा परिचय छनि तिनका ऑंखि में मुस्की आबि जाईं छनि जे बाउ आई तक जे जे काज ठनलकै से ओ क लेलकै। दरभंगा निवासी आ पटना -दिल्ली प्रवासी आ आब मुंबई निवासी अविनाश क मित्र लोकनि सब के जख़ऩ लगै जे आब अविनाश जी क जीवन सेट भ गेलनि कि तखने किछु दिनक बाद पता चलै जे ओ त जमल नौकरी छोडि कें एकटा नव दिशा क लेल बाट पकडलक। संदिखन अविनाश जी नव नव बाट तकलनि आ ओहि पर ओ नीक जकॉ चललनि हं ताहि कारने सब गोटा के इ लगैत अछि जे अविनाश एहि सिनेमाई रोड पर नीक जकॉ चलताह। अनारकली ऑफ़ आरा लक आबि रहल छैथि 24 मार्चं कें। एहि सिनेमा कए सोच स परदा तक पहुंचबाक यात्रा कए विस्तार स बता रहल छथि फिल्म पत्रकार जितेंद्र नाथ जीतू।
बिहार क निगेटिव इमेज कें खूब भुनाओल गेल अछि। बिहार पर बनल नीक सिनेमा क गप्प करी जकर बिहार सं नीक सरोकार होय त तीसरी क़सम, पार, शूल, मृत्युदंड रहि रहि के तीसरी क़सम मोन आबि जाइत अछि। तीसरी क़सम यानि हीरामन …हीरामन मने एकटा बिहारी जकर मन निष्कपट, निश्छल।
अविनाशक अनारकली ऑफ़ आरा सिनेमाक माध्यम स अनारकली क स्वाभिमान क बहाने महिलाक अस्तित्व क बात करैत अछि। कहानी एकटा रंगीला आर्केस्ट्रा ग्रुप पर अछि। जेकर मेन डांसर अनारकली अछि। ओ डबल मीनिंग गीत गबैत अछि । जाहि कारने लोक सबके लगैत अछि जे इ तो देने वाली है। आ एकटा दबंग सं इएह कारणे अनारकली क संघर्ष होइत अछि । ओ भले रोड छाप …बाईजी..अछि..लोक सबहक बियाह मे गबैत-नचैत अछि एकर ई मतलब नै जे कियो ओकर शोषण क स्कैत अछि।
एहेन बात नै छै जे अनारकली कए कुनो पुरूष संग संबंध नै छै । ओ राफ-साफ़ कहैत अछि जे जाहि पुरूष संग हमर भावनात्मक संबंध नै बनत ओकरा संग हम कोना शारीरिक संबंध बना ली। हम कूनो सती सावित्री नै छी मुदा कतो कियो हमरा किछु कहै देत किछु कहि लेत से हम बर्दाश्त कोना करबै। सिनेमा मे ओ अपन स्वाभिमान क लड़ाई लडैत अछि।
अखन सिनेमा में महिला इशु पर कतेक सिनेमा आबि रहल अछि जाहि मे महानगर या छोट शहर क काम काजी महिला क संघर्ष क बात भ रहल अछि। मुदा अनारकली ऑफ़ आरा एकटा स्ट्रीट सिंगर क कहानी छै। अनारकली जाहि समाज क प्रतिनिधित्व करैत अछि से समाज क संघर्ष सिनेमा मे नै आबि रहल अछि। अहॉ देखैत हेबै जे अक्सर गाम घर में मगहिया डोम सब कखनो कखनो आबि के रह लागैत अछि त गाम घर मे लोक सबहक एहि समाज क महिला के देखि के इ प्रतिक्रिया रहैत अछि जे इ त दै बाली छै। क़तेक लोक एहि लेल प्रयास करैत अछि। लोक सब बिसार जाईंत अछि जे जेना हूनकर अपन घर क मौगी सबहक इज्जत होइत अछि तहिना ओकरो होई छै। इएह पुरूष समाज क सोच क खि़लाफ़ छै इ सिनेमा।
क़तेक लोक के संदेह रहै जे कथावस्तु तेहन छै त कहीं न्याय नै भेलै त कहीं सी ग्रेड सिनेमा नै बनि जाय। अनारकली बनल स्वरा भास्कर एकटा इंटरव्यू में सेहो स्वीकार केलनि जे हुनको इ बात क डर रहनि मुदा आब ओ शान सं कहै रहल छथि जे नीक सिनेमा बनल । सिनेमा क कैप्टन निर्देशक होइत अछि। अविनाश क अपन कंटेंट आ क्राफ़्ट पर पूरा विश्वास रहनि जे लोक भले जे सोचै हमर विश्वास अछि जे सिनेमा बनलाक बाद सब कें नीक लगतै। किएक त अभिनेता अपन किरदार क ग्राफ़ देखैत अछि मुदा निर्देशक क दिमाग़ मे अपन सिनेमा क पूरा ग्राफ़ बनल रहैत अछि।
ओना अविनाश क पहिल सिनेमा अनारकली होएत एकर विचार पहिने नहि छल। पहिल सिनेमा बनेबाक हिनकर किछु और योजना छलनि मुदा ओकर कैनवास बड्ड विशाल छलै …पहिल सिनेमा क लेल बेसी पाई के देतै । एक दिन मनोज वाजपेयी जी हिनकर परिचय अपन जुगाड क निर्माता संदीप कपूर सं करेलखिन जे हिनका पास एक टा नीक सिनेमा क कहानी छनि । एहि पर काज करू। निर्माता के फि़ल्म अनारकली क कहानी सुनाओल गेल आ तय भेल जे रीचा चड्ढा काज करतीह । रिचा तैयार भेलीह मुदा हुनकर एजेंट चेतौबनि जे बूच्ची नै काज करूँ कारन जे अखने अहॉ वासीपुर सं हिट भेलों हं । अखन एहि सिनेमा मे काज करब त अहॉ पर ठप्पा लागत किएक त एकर विषय छै गंदा गीत गबै वाली भोजपुरी टाइप । आब रिचा क मोन भेल हेतैन जे अनारकली बनि जाईं मुदा एजेंट सब आईकाल्हि तत् हाबी रहै छै कलाकार सब पर जेना लगै छै जे इएह सब कैरियर बनबैत अछि। रिचा क टालमटोल रवैया क बाद किछु और हीरोईन क चर्चा भेल मुदा चचा्र चर्चे रहि गेल। निर्माता सेहो कने मसुआ गेलाह। इ गप्प छी दू हज़ार तेरह क ।
अविनाश तकर बाद यानि दो हज़ार चौदह में एकटा आदिवासी क जिंदगी पर एकटा कथा कें पटकथा क रूप देलनि । मनोज वाजपेयी जी कें नीक लगलनि तं ओ काज करै लेल तैयार भेलाह। निर्माता सेहो भेटलखिन मुदा एहि बेर निर्माता पाछू हटि गेलाह। किछु दिनक बाद जख़ऩ अनारकली क बारे मे स्वरा भास्कर कें पता चललनि त ओ स्वयं काज करबाक इच्छा जतौलनि । पहिल निर्माता सेहो तैयार भेलखिन। इ गप्प छी दूँ हज़ार 15 क । आब वीसी क किरदार लेल पीयूष मिश्रा सं बात कैल गेल ओ रूचि सेहो देखौलनि मुदा पीयूष जीक संगे बात सेहो आगू नहि बढल । किछु महीना बीतलाक बाद निर्माता संदीप कपूर, अविनाश कें फ़ोन केलनि जे आब कूनो हालत में स्वरा क लक अनारकली सिनेमा बनेबे करब। काज शुरू भ गेल। वीसी क तलाश जारी जे के रोल करताह। अविनाश एहि बात पर अडिग छलाह जे कूनो बिहारी अभिनेते सं इ किरदार कराओल जाय। संजय मिश्रा सं गप्प भेल। ओ तैयार त भ गेलाह मुदा डेट क समस्या । विनय पाठक जी कहलखिन जे अविनाश बाबू आरा की कहानी है और हम आरा के हैं त इ रोल हमी करेंगे। टीम क लेल हरख क बात । मुदा मामला पाई पर जाक अटकि गेलै। फेर प्रकाश झा, विनीत कुमार आ नरेंद्र झा आ बहुत रास अभिनेता लोकनि क नाम आयल मुदा फ़ाइनल कियो नै। एम्हर शूटिंग डेट नज़दीक आबि गेल रहै। अचानक संजय मिश्रा जी क फ़ोन आयल जे ओ काज करताह मुदा हुनका पास ग्यारह दिन अछि। टीम सं रज़ामंदी भेटलनि। फि़ल्म में पंकज त्रिपाठी आ इश्तियाक़ खान सेहो नीक भूमिका में छैथि।
अमूमन होइत ई अछि जे बिहार क कहानी पर सिनेमा बनैत अछि त बिहार क कलाकार सबकें कम काज भेटैत अछि। मुदा एहि सिनेमा में नब्बे प्रतिशत कलाकार बिहारी छथि। संजय मिश्रा, पंकज त्रिपाठी, विजय कुमार, उमाकांत झा, अभिषेक शर्मा, दिलीप गुप्ता, सुमन पटेल, नीलेश दीपक, इंद्रजीत, अमित नवेंदू आर क़तेक। अनारकली क शुटिंग क आखिऱी दिन रहै ओहि दिन गौरीनाथ जी क फ़ोन एलनि जे वियोगी जी आयल छैथि । राति मे जख़ऩ गौरीनाथ जी क डेरा पर तारानंद वियोगी जी सं भेंट भेलनि त वियोगी जी कहलखिन जे बॉस जत जत जाईं छह झंडा गारि दैत छहक।