- समुद्री सीमा नहि रहलाक बावजूद बिहार पौउलक टॉप- 5 मे स्थान
- 14-19 के बीच माछ कारोबार क जीडीपी मे योगदान 53,660 करोड रहल।
- तीन साल के दौरान बिहार मे माछ उत्पादन में 18.47 फीसदीक बढोतरी भेल।
- बिहार मे 6.42 लाख एमटी मांग अछि, जखन कि उत्पादन भ रहल अछि।
- बिहार मे 2 स 3 लाख टन माछ अबैत छल, आब 40 हजार टन आबि रहल अछि।
- 30 हजार एमटी माछ बिहार स बंगाल, नेपाल आदि राज्य मे निर्यात भ रहल अछि।
नीलू कुमारी
नयी दिल्ली / पटना । 30 हजार स बेसी माछ विहीन पोखरि आ सूखल धार-चौरक बावजूद माछक उत्पादन मे बिहार नहि केवल देश मे पांचम राज्य भ गेल, बल्कि आत्मनिर्भर सेहो भ गेल अछि। बिहार एहि साल तमिलनाडू कए पछुआ पांचम स्थान पाबि लेबा मे सफल रहल। बिहार स बेसी माछक उत्पादन केनिहार पश्चिम बंगाल, आंध्र, गुजरात आ केरल समुद्र तट पर अछि जखनकि बिहार नदी आ पोखरि मे माछक उत्पादन करैत अछि। सर्वाधिक माछ उत्पादन केनिहार पांचटा राज्य मे बिहार असगर एहन राज्य अछि जेकर सीमा समुद्र स सटल नहि अछि। ताहि लेल इ उपलब्धि बहुत खास अछि।
- प बंगाल- 14,47, 260 मीट्रिक टन
- आंध्र प्रदेश- 10,10,830 मीट्रिक टन
- गुजरात- 7,21,910 मीट्रिक टन
- केरल- 6,67,330 मीट्रिक टन
- बिहार- 6,02,000 मीट्रिक टन
दोसर दिस बिहार मे माछक उत्पादन आ मांग क बीच फासला आब महज 40 हजार मीट्रिक टन रहि गेल अछि, जखन कि 30 हजार मीट्रिक टन माछ बिहार स बंगाल आ नेपाल सन किछु ठाम निर्यात सेहो भ रहल अछि। पशुपालन एंव मत्स्य विभागक प्रधान सचिव विजयालक्ष्मी कहलथि जे किछु साल पहिने तक बिहार मे माछक मांग आ उत्पादन मे बहुत अंतर छल। करीब 3 लाख मीट्रिक टन माछ आंध्र स आयात हांइत छल। मुदा आइ 40 हजार मीट्रिक टन आयात भ रहल अछि, जे अगिला एक वर्ष मे लगभग खत्म भ जेबाक चाही। प्रधान सचिव कहलथि जे बिहारक माछ क मांग पडोसी देश नेपाल आ पडोसी राज्य मे सेहो बढि रहल अछि। एखन बिहार स करीब 40 हजार मीट्रिक टन माछ निर्यात भ रहल अछि। एहन मे कहि सकैत छी जे बिहार अपन मांग क बराबर माछक उत्पादन क रहल अछि।
माछक उत्पादन
- 14-15 : 479 लाख मीट्रिक टन
- 15-16 : 506 लाख मीट्रिक टन
- 16-17 : 509 लाख मीट्रिक टन
- 17-18 : 587 लाख मीट्रिक टन
- 18-19 : 602 लाख मीट्रिक टन
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह देश मे माछ उत्पादनक आकडा देखबैत कहैत छथि जे केंद्र सरकार देश मे मत्स्य उत्पादन आ एकरा लेल जरूरी ढांचागत सुविधा क विकास पर अगिला पांच साल मे 25000 करोड़ टका निवेश करत। मत्स्य पालन क्षेत्र 1.60 करोड़ स बेसी लोक आजीविका क प्रमुख स्रोत छै। मत्स्य पालन क विकास स भारत क पोषण सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित भ सकैत अछि। रोजगार सेहो प्रदान कर सकैत अछि।
राष्ट्रीय स्तर पर 2017-18 क दौरान अंतर्देशीय क्षेत्र स 8.90 मिलियन मीट्रिक टन आ समुद्री क्षेत्र स 3.69 मिलियन मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादनक संग 12.59 मिलियन मीट्रिक टन क कुल मछली उत्पादन दर्ज कैल गेल अछि। 2016-17 क तुलना मे 2017-18 क दौरान मछली उत्पादन मे औसत वृद्धि 10.14% (11.43 मिलियन मीट्रिक टन) रहल । इ मुख्य रूप स 2016-17 (7.80 मिलियन मीट्रिक टन) क तुलना मे अंतर्देशीय मत्स्य पालन मे 14.05% क वृद्धि क कारण अछि।
उल्लेखनीय अछि जे भारत वर्तमान मे माछ क विश्व क दोसर सबस पैघ उत्पादक अछि। वर्ष 1950-51 क दौरान कुल माछ उत्पादन मे अंतर्देशीय माछ उत्पादन क प्रतिशत योगदान 29 प्रतिशत छल, जे 2017-18 मे बढिकए 71 प्रतिशत भ गेल अछि। आंध्रप्रदेश मे सर्वाधिक 34.50 लाख टन अंतर्देशीय माछ क उत्पादन होइत अछि, जखनकि गुजरात देश मे समुद्री माछ क सबस पैघ (7.01 लाख टन) उत्पादक राज्य अछि। वर्ष 2017-18 क दौरान 45,106.90 करोड़ टका मूल्य क 13,77,243.70 टन माछ आओर माछ उत्पाद क निर्यात भेल। समुद्री माछ उत्पाद क निर्यात मे सेहो वर्ष 2017-18 क दौरान प्रमात्रा क रूप मे 21.35 प्रतिशत आ मूल्य क रूप मे 19.11 प्रतिशत क बढ़ोतरी दर्ज भेल।