कोच्चि। 1951 मे मिथिलाक पुत्र सुरेंद्र चौधरी जे आसमान मे लकीर खींचने छलाह, ओहि लकीर कए आइ भावना कंठ आ शिवांगी सन मिथिलाक बेटी शिखर तक पहुंचा देलक अछि। आइ मिथिला कहि सकैत् अछि जे भारतक पहिल अपन विमान तेजस बनेनिहार मानस बिहारी वर्मा होइथि या पहिल युद्धक विमान उडेनिहारि महिला पायलट भावना कंठ, पहिल पर कब्जा मिथिलाक बरकरार अछि। मंगल दिन नौ सेनाक पहिल महिला पायलट सेहो मिथिलाक बेटी शिवांगी आसमान मे नव लकीर खींच दुनिया मे मिथिलाक धीयाक परचम लहरा देलथि अछि। सब-लेफ्टिनेंट शिवांगी एकटा अनिवार्य प्री फ्लाइट चैक क दौरान भारतीय नौसेना क सफेद डोर्नियर 228 ट्विन टरबोप्रोप विमान कए देखैत -परखैत छथि। अपन निरीक्षण स संतुष्ट भेलाक बाद ओ विमान क कॉकपिट मे चढ़ैत छथि। उड़ान भरैत छथि आ एकटा इतिहास रचि दैत छथि। इ विमान भारतीय नौसेना द्वारा सामान्य उपयोग आ निगरानी क काज मे अबैत अछि।
24 वर्षीय सब लेफ्टिनेंट शिवांगी भारतीय नौसेना क पहिल महिला पायलेट छथि। ओ मंगल दिन इतिहास रचि देलथि आ मिथिला अपन बेटीक उपलब्धि स गदगद रहल।
सब लेफ्टिनेंट शिवांगी कए सोमदिन कोच्चि मे आइएनएस गरुड़ पर आयोजित एकटा कार्यक्रम मे विंग्स स सम्मानित कैल गेल छल।
बता दी जे शिवांगी कए डोरिनर 228 उडेबाक प्रशिक्षण देल गेल अछि। हुनका भारतीय नौसेना क सबसे पुरान स्क्वाड्रन इंडियन नावल एयर स्क्वाड्रन प्रशिक्षित केलक अछि। एहि मौका पर लेफ्टिनेंट शिवांगी कहलथि, ”हम अपन खुशी कए शब्द मे बयां नहि क सकैत छी। ” कॉकपिट मे बैसल- बैसल शिवांगी एकटा टीवी चैनल स कहलीह, ”हमर पिता एकटा शिक्षक छथि आओर हमर दादा जी एकटा किसान छलाह। हमर परिवार मे आइ तक कियो सैन्य बल मे सेवा नहि देलक अछि। शिवांगी कहलीह जे हम जे करै चाहैत छी हमर परिवार हमर संग रहैत अछि। चाहे मकेनिकल इंजीनियरिंग करबाक गप हुए बा भारतीय नौसेना मे शामिल हेबाक फैसला, परिवार सबटा मे हमर संग रहल। अपन बेटी कए युद्धक विमान पर बैसल देखि रहल शिवांगी क माता-पिता हरिभूषण आ प्रियंका आएनएस गरुड़ पर छलथि। जिनका खुशी नुकायल नहि जा सकैत छल।
शिवांगी क पिता हरिभूषण कहला, ”हम बेहद साधारण पृष्ठठभूमि स अबैत छी, आइ हमर बेटी हमरा इतबा नाम देलक जाहि स भावुक भ गेल छी, हमरा अपन बेटी पर बहुत गर्व अछि। हमरा लगैत अछि बेटी जे चाहैत अछि ओकरा ओ करबा स नहि रोकबाक चाही, ओकरा ओकर मनक करै देबाक चाही। ओकरा प्रोत्साहित करबा जरुरत छै।” बता दी जे शिवांगी क परिवार बिहार क मुजफ्फरपुर जिलाक एकटा गांव मे रहैत अछि।
कॉकपिट क भीतर सब-लेफ्टिनेंट शिवांगी उड़ान भरबा स पहिने विमान क निरीक्षण पूरा केलथि। शिवांगी कहलीह “हमर कमांडिंग ऑफिसर कहने छथि जे विमान कखनो इ नहि देखैत अछि जे ओकरा उडेनिहार स्त्री अछि आ पुरुष। एहि लेल हमरा खुद कए एकटा प्रशिक्षु क तरह देखबाक चाही नहि कि एहि तरह जे हम त औरत छी या आदमी। हमरा अपन सीनियर आ समक्ष सब स बहुत प्रोत्साहन भेटल।” शिवांगी कहलीह, “एखन हमर प्रशिक्षण क बहुत रास हिस्सा बाकी अछि। एखन हमरा डोर्नियर मे मैरिटाइम रिकोनेसैंस आ विमान मे अन्य भूमिका सब कए सीखबाक बाकी अछि। एकर बाद हमरा पी-81 विमान लेल सेहो प्रशिक्षित कैल जाएत.” बता दी जे पी-8आई एकटा पैघ लंबा रेंज क एंटी सबमरीन आ एंटी सरफेस लड़ाकू विमान अछि। लेफ्टिनेंट शिवांगी डोर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग प्रशिक्षण कोर्स आईएनएएस 550 जनवरी मे शुरू करतीह, जाहि स ओ मैरिटाइम रिकोनेसेंस स्क्वाड्रन स जुड़बा स पहिने तैयार भ जेतीह।
ओ कहलथि, “अपन बेहतर प्रयास करैत लगातार मेहनत करैत रहबाक चाही, अपन सपना कए पूरा करबा स घबरेबाक नहि चाही आओर कोशिश करैत रहबाक चाही।” बता दी जे डोर्नियर 228 एकटा खास तरह क विमान अछि जेकर खूबी मे बेस दूरी, उपयोगी क्षमता काफी अधिक अछि। आओर इ काफी वजन सेहो उठा सकैत अछि। खास बात इ जे इ बहुत कम लागत मे क देखबैत अछि।