सीतामढ़ी । मैथिली साहित्य सम्मेलन अही महिनाक 19 जुलाई वृहस्पति दिन माता जानकीक प्राकट्य स्थली मिथिलाक पावन भूमि सीतामढ़ीमे मैथिली कवि सम्मेलन माध्यमे अपन दोसर आयोजन करय जा रहल अछि। साक्षात शक्ति स्वरूपा माता जानकी, मैथिलीकेँ नामसँ सेहो जानल जाय छथिन। मिथिलाक आन आन स्थान पर त’ खूब पर्व समारोह , नाच गाना सभ होयत रहैए मुदा सीतामढ़ी जे मिथिलाक ऐतहासिक धरोहर अछि ओतय अहि तरहक संगोष्ठि कवि गोष्ठी विगत किछु वरखमे भेल हुए से संज्ञानमे नहि अछि। साँस्कृतिक उत्सव पर्व समारोह सभ बरिख मे एकबेर अवश्य होयत देखल जाइए।
“मैथिली साहित्य सम्मेलन” केर संस्थापक सदस्य शरत झा, प्रकाश झा आ संजीव सिन्हा जीक आपसी सहमति सँ निर्णय भेल कि मैथिली भाषाक चहुँमुखी विकास हेतु देशक कोनेकोन मे गोष्ठीक आयोजन कएल जाए। आ सभसँ बेसी धेयान मिथिलाक क्षेत्रमे देल जाए। संस्थाक उद्देध्य अछि जे कवि गोष्ठी आ संगोष्ठिक आयोजन एहन स्थान पर कएलासँ पूब सँ पच्छिम आ उत्तर सँ दक्खिन धरि “एक मिथिला एक भाषा” केर ताग सँ जोड़ि आत्मीयताक अनुभति सँग एक दोसरकें जोड़ल जाए।
अहि कार्यक्रमकें मुख्य आयोजक ” मैथिली साहित्य सम्मेलन” संगहि अनेकानेक साहित्यिक, समाजिक आ शैक्षणिक संस्था सभक सहयोग सँ 19 जुलाई वृहस्पति दिन पार्टीजोन स्थान सीतामढ़ी मे साँझुक तीन बजे सँ सात बजे धरि होयत। समस्त भाषानुरागी लोकनिक आत्मीय शुभकामनाक सँग सहयोग अपेक्षित अछि। जाहिसँ आयोजन सुचारू रुपे समापन भ’ सकैए।सीतामढ़ी सँ दस टा कवि आ शेष मिथिला सँ दस टा कवि सँग कार्यक्रमकें रूपरेखा बनि रहल अछि। ई एकटा प्रारंभिक सूचना मात्र अछि, विस्तृत जानकारी सँग एकबेर पुनः अपने लोकनिक बीच आएब।
एहि संबंध मे मैथिली साहित्य सम्मेलन क महासचिव रामबाबू सिंह कहला अछि जे मिथिलाक भौगोलिक आ समाजिक विस्तार पर जोर देबाक लक्ष्य अहि कार्यक्रमकें मूल उद्देश्य अछि। कवि लोकनि सँ आग्रह जे अपन स्वरचित कविता पाठ हेतु हमरा सँ सम्पर्क करथि। कवि गोष्ठी सम्मेलनमे समस्त सहित्यजीवी लोकनि सादर आमंत्रित छी।