93% बच्चा मोबाईल लाबय छलथि, एहिसँ रिजल्ट 10% घटैत अछि
एहि शैक्षणिक सत्र सँ बैन लागू होएत, शिक्षकक मोबाइल व्यवहार पर सेहो पाबंदी रहत
समदिया
देश विदेश । अपन सबहक देशक चुनाव सबमे अक्सर टॉपर बच्चाक मोबाईल, लैपटॉप देनाई अहम एजेंडा रहैत अछि । जखन कि दुनियाँ क एकटा एहनों देश अछि जे अपन टॉपर्स कए गैजेट सबसँ दूर रखबाक प्रयास कए रहल अछि, ताकि टॉपर्स टॉप पर सतत बनल रहथि । ई देश अछि : फ्राँस । फ्राँस एहन पहिल देश बनल जे कानून बनाकए स्कूल सबमे बच्चाक मोबाईल अननाई बैन कए रहल अछि । देशक कानून निर्माण कमिटि एहि प्रस्ताव कए पास कय चुकल अछि । अगस्त-सितंबर सँ शुरु होए वला नबका सत्र सँ ई फ्राँस क सब स्कूल मे लागू भए जाएत । फ्रेंच एजेंसी ऑफ रेग्युलेटिंग टेलिकम्युनिकेशन क एकटा रिपोर्ट क अनुसार – 12 सँ 17 सालक 93% बच्चा मोबाईल लए कए स्कूल जाईत छथि, जखन कि 2005 मे ई आँकड़ा 72% छल । आब ई नबका कानून बच्चाक संगे शिक्षक पर सेहो लागू होएत। फ्राँस क शिक्षाविद स्कूल मे मोबाईल बैन करेबाक अपील करैत रहय छलथि । हुनक कहनाए छलनि – बच्चा सब क्लास में सेहो मोबाईल क इस्तमाल करैत रहय छथि। पीसा एजुकेशन इंडिकेटर क मोताबिक – शिक्षाक गुणवत्ता मे फ्राँस क रैंकिंग पछिला 5 साल मे 5 पायदान खसल अछि । एहि क पाछू क्लास मे बच्चाक द्वारा मोबाईल व्यवहार सेहो जिम्मेदार अछि । एहि क देखैत पछिला साल फ्राँस क आमचुनाव मे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो स्कूल मे मोबाईल बैन करेबाक वादा केने रहथि । हालांकि आब एतय विपक्ष क कहनाम छनि जे एतेक पैघ स्तर पर बैन लागू कए सकनाई संभव नहिं अछि । फ्राँस मे करीब 51 हजार प्राईमरी आ 7 हजार मिडिल स्कूल अछि । एहिमे सँ करीब 29 हजार स्कूल सब अपन-अपन स्तर सँ कैंपस मे मोबाईल बैन केने छल । आब नव कानून क तहत स्कूल सभकए ई जिम्मेदारी देल जायत जे ओ अपन कैंपस मे एहिक पालन सुनिश्चित करथि।
एक दिन मोबाईल आनय स एक सप्ताह स्कूल नहि एनाए जतेक नुकसान होईत अछि
की वाकई मे बच्चाक एकेडमिक प्रदर्शन आ हुनक मोबाईल लए कए स्कूल आबय के कोनो संबंध अछि? जवाब ताकय लेल लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स किछु समय पहिने एकटा शोध केने छल । नतीजा निकलल छल जे जाहि स्कूल सभ मे मोबाईल अननाए बैन अछि, ओतय बच्चाक प्रदर्शन 6 स 10% नीक रहैत अछि । एहि अध्ययन टीमक नेतृत्वकर्ता रिसर्चर रिचर्ड माफी कहय छथि । बेशक मोबाईल आ आन गैजेट पढ़ाई क नव तरीका सभकए हिस्सा अछि मुदा स्कूल मे मोबाईल आनय स बच्चाक ध्यान भटकि रहल अछि । एहि रिसर्च के हिसाब सँ – “क्लास मे मोबाईल आनय स बच्चाक एक दिन मे ओतेक नुकसान होएत अछि जतेक एक सप्ताह स्कूल नहिं आबय सँ होएत अछि।”