ज्योति श्रीवास्तव
बिहार क मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाजवादी नेता क जमात मे वर्तमान मे देश मे सबस पैघ कद क नेता बनिकए उभरि चुकल छथि। जानकार कहब अछि जे देश क कईटा राज्य मे बिखरल समाजवादी नेता क मदद स नीतीश 2019 मे देश क प्रधानमंत्री बनबाक बाट बनेबा मे लागल छथि। ओ अगर पीएम क कुर्सी तक पहुंचैत छथि त गैर कांग्रेसी आ गैर भाजपाई प्रधानमंत्री मे वीपी सिंह क नीतीश अगिला कड़ी साबित भ सकैत छथि।
एकर पाछु ठोस तर्क सेहो अछि। नीतीश कुमार भले गैर भाजपा आ गैर कांग्रेसी शक्ति कए एकत्र करबा मे जुटल छथि मुदा ओ पूर्णत: गैर कांग्रेसवाद आ गैर भाजपावाद क समर्थक नहि छथि । दरअसल ओ अवसर क अनुसार अपन रणनीति तय करैत छथि। परिस्थिति आधारित राजनीति करबाक ग़जब क्षमता रखनिहार नीतीश बेजोड़ नेता छथि। नीतीश समाजवादी क मदद स देश मे अपन कद बढउताह, मुदा कोनो आश्चर्य नहि जे ओ देश क सत्ता क शीर्ष पर पहुंचबा लेल कांग्रेस या भाजपा क दिस स भेट रहल सहायता स्वीकार ल लथि। कांग्रेस आ भाजपा दूनू राष्ट्रीय पार्टी अपन अपन मज़बूरी क वज़ह स नीतीश क प्रति नरमी बरतत। कांग्रेस जतए भाजपा कए पाछु रखबा लेल इ करत ओतहि भाजपा कांग्रेस कए पटखनी देबा लेल नीतीश कए क़रीब रखबाक कोशिश करत। अगिला जनादेश स अगर परिस्थिति जटिल बनल
त एहि प्रकारक संभावना स इनकार नहि कैल जा सकैत अछि। दूनू राष्ट्रीय दल मे स ककरो सहायता स नीतीश देश क प्रधानमंत्री भ सकैत छथि।
नीतीश शरद यादव कए जगह अध्यक्ष पद पर आसीन भ सीधा पार्टी पर निर्णय लेबा लेल आब स्वतंत्र भ गेलाह अछि। लालू सेहो कहि चुकला अछि जे शरद क राजनीतिक सोच आब खत्म भ गेल अछि। दरअसल लालू क बयान मे नीतीश क बढ़ैत कद आ दोसर समाजवादी नेता क कांग्रेस विरोध क चिंता झलकि रहल अछि। नीतीश अपन मिशन क अगिला कड़ी मे मुलायम सिंह यादव, रामविलास पासवान आ मायावती सन समाजवादी ब्रांड क नेता कए पाछु छोडबा लेल दिल्ली पर पकड मजबूत करताह। मुदा इ एतबा आसान काज नहि अछि, दिक्कत इ अछि जे बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत क दोसर अन्य राज्य क बाट धेने बिना ककरो लेल दिल्ली बहुत दूर अछि। एहि लेल ओ मुलायम और पासवान स एकबारगी दूरी नहि चाहता।
नीतीश कुमार, लालू प्रसाद, मुलायम सिंह यादव, रामविलास पासवान सन कईटा नेता जेपी क बाद वीपी क नीति स उपजल जन आकांक्षा क सबस बेसी फायदा उठेनिहार नेता भेलाह, मुदा नीतीश बाकी स अपना कए काफी अलग रखबा मे सफल भेलाह। आकलन कहैत अछि जे नीतीश कुमार कई मायने मे वीपी सिंह स आगू निकलि गेलाह अछि। बिहार मे जाहि प्रकार स ओ सोशल इंजीनियरिंग, अवसर क समझ आ जनता क नब्ज़ पकडि शासन केलथि अछि ओ हुनर वीपी मे नहि छल। नेतृत्व क बेजोड़ क्षमता नीतीश कए अपन समतुल्यक आन नेता स आगू करैत अछि। इ सच अछि जे प्रधानमंत्री क रूप में वीपी सिंह देश क राजनीति मे एकटा तूफान ढार क देलथि। मंडल आयोग क सिफारिश लागू करि ओ मधुमक्खिक छत्ता मे हाथ देलथि आ जख्मी भ सत्ता गंवा देलथि। मुदा वीपी सिंह इतिहास मे अमर भ गेलाह । नीतीश अगर प्रधानमंत्री बनैत छथि त वीपी जेका हुनकर प्रशासन चरमरा नहि सकैत अछि आ नहि ओ फैसला लेबा स डरेबाक स्थिति मे रहताह। ओ कईटा नव फैसला क सकैत छथि जे देश क राजनीति मे दूरगामी असर देखाउत। एहन मे नीतीश कए केवल वीपी सिंह जेका मंडल लेल नहि स्मरण कैल जायत, बल्कि ओ देश क इतिहास मे एकटा नव अध्याय जोड़बा मे सेहो सक्षम भ सकैत छथि।
नीतीश कुमार एहि लेल सेहो अपन समतुल्य आन समाजवादी नेता स बेसी मज़बूत छथि किया त हुनकर संग प्रशांत किशोर सन आधुनिक चाणक्य छथि। कईटा इतिहासकार क मानब अछि जे चाणक्य बाहर स चलिकए मगध आयल छलाह आ ओ सामाजिक रूप स पिछड़ल एकटा एहन व्यक्ति कए देश क सबस पैघ आ मज़बूत मगध साम्राज्य क सम्राट बना देलथि जाहि पर शक्तिशाली नंद वंश क शासन छल। संयोग स इ वैह बिहार थीक जे कहियो मगध साम्राज्य क केंद्र छल। हालांकि इ केवल आकलन अछि, समाजवादी नेताक बीच नीतीश कुमार क छवि आ क्षमताक। नीतीश कुमार क प्रधानमंत्री बनब भविष्य क गर्भ मे अछि। अगिला लोकसभा चुनाव में भाजपा आ कांग्रेस क बाद तेसर विकल्प पर रूप में नीतीश पूर्वक चुनाव स बेसी मजबूत आ चर्च में रहताह, इ संभव अछि।