रामबाबू झा
नयी दिल्ली। संगीतकार , लेखक, कला इतिहासकार गजेन्द्र बाबू नहि रहलाह। सोमदिन हुनक निधन भ गेल। ओ पिछला किछु दिन स बीमार चलि रहल छलाह।
78 वर्षीय डॉ. सिंह गजेन्द्र नारायण सिंह मूल रूपसँ पूर्वी मिथिलाक छलाह ओ मधेपुरा आ पूर्णियाक सिमान परकें धंछोहा गामक रहनिहार छलाह आओर चम्पा नगर ड्योढ़ी कें कुमार श्यामानन्द सिंह सँ संगीत कें शिक्षा हिनका प्राप्त भेल छलनि संगहि कतेको ख्याति प्राप्त घरानासँ शिक्षा सेहो प्राप्त कएने छलाह। ओ एहन व्यक्तित्व छलाह जे कहिओ मन्च पर गायन वा वादन नहि केलथि। मुदा संगीत पर हुनकर विशेष अध्ययन रहनि आओर यएह कारण छैक जे अपन जीवन कालमे दू दर्जन सँ बेसी संगीत पर आधारित पोथी लिखलन्हि। दर्जनों पोथी केवल मिथिलाक लोक संगीत आओर शास्त्रीय संगीत पर आधारित अछि।
पंचगछिया घरानाक मिथिला रत्न गायक माँगनि खबास पर विस्तृत हिनकर अध्ययन छलनि आओर माँगनि खबास पर अलगसँ पोथी सेहो गजेन्द्र नारायण सिंह जीक लिखलाह। संगीत जीवन्तता केर प्रमाणित करबा लेल मिथिला दर्शनमे कएको आलेख लिखने छथि। चारि पाँच साल पहिने अखिल भारतीय मिथिला संघ कें नजरि अहि विभूति पर पड़लनि तखन ओ हिनका दिल्लीमे बजा कए हुनका मिथिला विभूति सम्मान देल गेलनि। अहि अवसर पर ओ कहलखिन्ह जे चलु बुरहारिमे कमसँ कम मिथिलाक लोककेँ मन तÓ पड़लनि। हमरा लेल ई सम्मान अद्वितीय अछि।
एकांत साधक छलाह गजेन्द्र बाबू। नै कोनो मन्च आ नहि कतहु पुरस्कारक पेंचमे बौआइत देखतिए। श्रीकृष्ण पूरी पटनामे ओ अपन आवास पर रहैत छलाह। सँगीत साधनामे ओ उमेर भरि रमल रहलाह। हुनकर सानिध्य पाबि बहुते लोक पीएचडी सेहो कएलाह अछि। काल्हि भोरे हृदय गती रुकलासँ हिनकर निधन भ गेलनि।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आ राज्यपाल सतपाल मलिक समेत दरभंगा आ बनैली राज परिवार सेहो हुनक निधन पर शोक जतेलक अछि। संगीत जगत स जुड़ल लोक हिनक निधन पर मर्माहत अछि। सबहक कहब अछि जे कला क क्षेत्र मे अहम योगदान देनिहार पद्मश्री गजेंद्र नारायण सिंह क निधन स एहि क्षेत्र मे जे शून्य पैदा भेल ओ लंबा समय तक महसूस कैल जायत।
गजेंद्र बाबू भारतीय संगीत आ कला जगत पर चारि टा महत्वपूर्ण किताब लिखने छथि। महफिल जे संगीत क इतिहास पर आधारित एकटा संदर्भ ग्रंथ अछि, स्वर गंध, जे संगीत स संबंधित उपाख्यान आ भारतीय संगीतकार क संक्षिप्त जीवनी पर आधारित अछि, कालजयी सुर- पंडित भीमसेन जोशी, जे भीमसेन जोशी क जीवन आ संगीत पर आधारित अछि आओर सुरिले लोगों की संगत, जाहि मे किछु उल्लेखनीय हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीतकार क जीवन आ संगीत क विवरण भेटैत अछि।
बिहार संगीत नाटक अकादमी क मुखिया क रूप मे ओ संगीतकार लेल छात्रवृत्ति योजना शुरू केलथि। 2014 मे दिल्ली पब्लिक स्कूल, लुधियाना द्वारा प्रकाशित हुनकर आत्मकथा, बिहार की संगीत परम्परा मे हुनकर जीवनक सार संकलित कैल गेल अछि। वर्ष 2007 मे कला क क्षेत्र मे हुनकर योगदान लेल पद्मश्री सम्मान स सम्मानित भेलाह। ओ बिहार संगीत नाटक अकादमी क अध्यक्ष सेहो रहलाह।