मैथिली अपन टंगघिच्चा प्रवृतिक लेल सोंसे मिथिला मे मशहुर अछि । लोग एतय कंस्ट्रक्टविक कम आ डिस्ट्रकटिव बेसी अछि । एहि सबकए रहिते जे सार्थक काज होएत अछि ओहि मे जीवटता आ लगनशीलता क जरूरत होएत अछि । मैथिली मे एहन काज कम्मे होइत आएल अछि । एहि कड़ी मे बालमुकुन्द पाठक आ हुनकर टीम सैप्पी मार्ट आनलक जे मैथिली आ मिथिला क लेल एकटा मीलक पाथर साबित होएत । अपन ऑनलाइन पोर्टल सैप्पी मार्ट स दुनिया क हरेक कोन मे बसल मैथिल लेल मिथिलाक पोथी, तीमन, पेटींग आ आन आन चीज सब बेचि रहल अछि । चारि टा लोक कए क खेल-खेल मे बनल ई परियोजना आय विस्तृत रूप लए लेने अछि । मिथिलाक एहि सपूत स इसमाद लेल सुनील कुमार झा गप केने छथि । पेश अछि हुनकर गप-शप क किछु खास अंश – समदिया
सैप्पी मार्टक योजना कोना बनल । धरातल मे आनबाक लेल की की करय पड़ल ?
पहिल मैथिली लिटरेसी फेस्टीवल मे आयोजक एकटा सत्र ‘’मैथिली पोथीक बिक्री आ आवंटन’’ पर केने छथि । जाहि मे डिस्कशन पैनल मे श्री भैरव लाल दास आ श्री शरदेन्दू चौधरी बैसल छल । ओहि मे चर्चा भेल कि मैथिली मे पोथी त रास छपैत अछि मुदा बिकायत नहि अछि । लोग चाहितो कीन नहि सकैत अछि । तखन दर्शक दीर्घा स हम पुछलों कि अहाँ सभ गप एतेक करैत छी त एहन कोनो काज करैत किएक नहि छी ।
एहि बात पर भैरव लाल दास जी हमरा खुब डॉटलथि रहय जे सभ गोटे एक दोसरा कए अढ़ाबैत रहैत छी अपने किएक नहि खोलि लैत छी । ओहि दिन बात हमरा क्लीक कए गेल आ सैप्पी मार्टक योजना पर काज शुरू भए गेल । एहि हम स्टार्टअप चारि गोटे छी हम, विकाश झा, मुकुन्द मयंक आ गुंजन श्री शामिल छी । हम चारो मिल कए सैप्पी मार्टक शुरूआत केलहूँ ।
मैथिली लेल पहिने सेहो एहि तरह क काज भेल छल मुदा फ्लॅाप भए गेल । तखनो एहि तरह क काज अहाँक डर नहि लागल ।
दिनकर कए एकटा फैकरा अछि, ‘’मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है’’ । आ हिंदी अंग्रेजी मे जखन एतेक साइट छै आ नित रोज-रोज तरक्की कए रहल छथि त हम किएक नहि ! बस एहि सोचि कए लागि गेलहूँ । पहिने इ साइट ब्लॉग क रूप मे छल आ हम फोन पर ऑर्डर लैत छलहूँ । मुदा जब ऑर्डर बढ़ि गेल त एकरा विधिवत रूप स वैबसाइट क रूप देबय पड़ल आ मर्चेन्ट स आर्डर बुक होबय लागल ।
सैप्पी मार्ट पर किताबे टा बिकैत अछि की आरो सब किछु ?
सैप्पी मार्ट खाली पोथीये टा लेल नहि अछि । एहि पर मिथिला मैथिली स जुड़ल लगभग सभ किछु भेटत अछि; जेना पथी, मिथिला पेटींग, अचार, अदौड़ी, बड़ी आदि । हमरा जतेक ऑर्डर पोथी क अबैत अछि ओहि स बेसी अचार, अदौड़ी आ आन आन चीज क सेहो अबैत अछि ।
अहाँ सभ अखन स्टूडेंट छी । तखन एहि लेल पायक ओरियॉन कोना केलिए ?
पाय बेसी महत्वपूर्ण नहि अछि । महत्वपुर्ण अछि योजना क क्रियान्वयन । हम अपन मॉ-बाबुजी कए अपन एहि योजना क बारे में बतेलों । हुनका पसिन लेल त ओ इन्वेस्ट कररबाक लेल तैयार भए गेल । एकर अलावा हमर सबहक पॉकेट मनी क सेहो काज आएल ।
मैथिली मे ऑफलाइन पोथी त बिकेते नहि अछि । ऑनलाइन मे कोना अहाँ स्कोप तकलिए ?
देखियो मैथिली मे घरे-घर प्रकाशक भए गेल अछि । आ ओ सब किताब बिकेबा स बेसी किताब छपेबा मे लागल रहैत अछि । दोसर मैथिली पोथी क दोकान सेहो नहिये क बराबर अछि । आ दोसर सबसे पैघ गप मैथिली पोथी क सबसे पैघ पाठक वर्ग अप्रवासी मैथिल अछि । हम अहाँक बता दी जे सैप्पी मार्ट सबसे बेसी दिल्ली, बंबई आ कोलकाता मे पोथी बेचैत अछि । आन आन चीजक वस्तू सेहो उम्हरे बेसी बिकायत अछि ।
अहाँक स्टार्टअप खूब फलय फूलय । इसमाद मार्फत पाठक लए कोनो सुझाव, सलाह ।
निश्चीत हम एतबे टा कहय चाहब जे मैथिली मे कियो भी अगर सार्थक काज करय चाहैत अछि त लोग हुनकर टाँग कोना कए खीच ली । ताहि लेल जरूरत अछि कि एहन लोग स बची आ अपन लक्ष्य दिस बेसी ध्यान दी । एतय जमीनी स्तर पर काज करबाक जरूरत अछि तखने अहाँ आँगा बढ़ि सकब ।
waah, khoob neek saakshaatkaar!
bahut nik lagal sakshtra padhi ka