देशक 4,856 विधायक सबके आ सांसद सबमें सँ 1024 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामला दर्ज अछि
रोशन मिश्रा
नई दिल्ली । सु्प्रीम कोर्ट में दागी नेता सबके मामला पर चलि रहल बहस मंगलवार के पूरा भय गेल। कोर्ट फैसला सुरक्षित राखि लेल। हालांकि, एहि फैसला के सुनाबय के दिन निश्चित नहिं कयलक । सुनवाई के दौरान सरकार के तरफ सँ अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल एहि मामला पर विरोध जतेलथि। ओ कहलन्हि कि राजनीति में शुचिता के मंशा रखनाई तारीफ के काबिल अछि, लेकिन न्यायपालिका के ऐहन सब मामला में दखल नहीं देबाक चाही।
वेणुगोपाल कहलथि कि जाबेतक कोनो व्यक्ति पर जुर्म साबित नहिं होई ताबे तक ओकरा अपराधी नहिं मानल जा सकैत अछि।एहन में कोर्ट ओकर मताधिकार पर रोक नहिं लगा सकैत अछि, कियैकि मताधिकारे में चुनाव लड़य के अधिकार शामिल अछि। इहि पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के अगुआई बला पांच जज के बेंच कहलक कि ओ न्यायपालिका के नाते ऐहन मामला सब में दखल नहिं दय रहल छथि। हालांकि, वोटर के ई जानय के हक छनि कि चुनाव लड़यवला के इतिहास की रहल अछि।
कोर्ट पुछलक- की आहाँ जनता के उम्मीदवारक जुर्म बतायब ?: कोर्ट कहलनि कि, की अदालत चुनाव पैनल सँ ई कही सकैत अछि कि राजनीतिक दल चुनाव सँ पहले अपने उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक करय, ताकि जनता के एहि बारे में पता चलि सकय। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग कयल गेल छल कि अगर कोनो जन प्रतिनिधि पर आरोप तय भेल त ओकर सदस्यता रद्द करबाक चाही। गंभीर अपराध आ आरोप तय भेल व्यक्ति के चुनाव लड़य के इजाजत सेहो नहि देबाक चाही।
देशक 21% विधायक-सांसद सबपर अपराधिक मामला: चुनाव आयोग सँ भेटल जानकारी के अनुसार, देशक 4,856 विधायक आ सांसद सबमें सँ 1,024 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामला दर्ज अछि। ई कुल विधायक-सांसद के 21% अछि, यानी हर 5वां नेता आरोपी अछि।एहिमें सँ 64 (56 विधायक और 8 सांसद) के खिलाफ अपहरण के केस अछि। 51 विधायक-सांसद सबपर महिला सबके खिलाफ अपराध के मामले दर्ज छनि। एहिमें अपहरण के सबसँ बेसी मामला उत्तरप्रदेश-बिहार आ महिला सबके खिलाफ अपराध के सबसे बेसी मामला महाराष्ट्र के सांसद-विधायक सबपर दर्ज अछि।