पटना। लड़की कए साइकिल देबाक योजना क सफलता कए देखैत राज्य सरकार आब लड़का कए सेहो साइकिल देबाक निर्णय लेलक अछि। राजधानी क गांधी मैदान मे मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा आयोजित दू दिवसीय शिक्षा दिवस समारोह क उद्घाटन करैत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहला जे हाई स्कूल क 5 लाख छात्र कए चालू वित्तीय वर्ष मे साइकिल क लेल दू-दू हजार टका नकद देल जाइत। अभियान क वीडियोग्राफी कराउ जाइत आ गड़बड़ करै वाला कए उलटा लटकाउल जाइत। एहि मौका पर मुख्यमंत्री एकटा परिशिष्ट क लोकार्पण सेहो केलथि।
देश क प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद क जन्मदिवस पर आयोजित शिक्षा दिवस समारोह मे मुख्यमंत्री कहला,’हमार लक्ष्य सबटा बच्चा कए स्कूल पठेनाई अछि। कार्यक्रम क दौरान मुख्यमंत्री रामनगर क समाज सेवी प्रेमा शाह कए 2 लाख क चेक आ प्रशस्ति पत्र द कए सम्मानित केलथि। बिहार गौरव सम्मान स 16टा छात्र कए पुरस्कृत कैल गेल।
मुख्यमंत्री कहला, जहिया हम सत्ता संभालने रही तहिया बिहार मे 25 लाख बच्चा स्कूल स बाहर छल। इ संख्या आब सिमट कए 10 लाख रहि गेल अछि। दक्षता परीक्षा क परिणाम क चर्चा करैत ओ कहला जे किछु लोक हमरा पर अनपढ़ कए शिक्षक बहाल करबाक आरोप लगा रहल छलाह। स्कूल मे पढ़ा रहल शिक्षक कए अपमानित कैल जा रहल छल। मुख्यमंत्री रहि चुकल एकटा नेता त इ सेहो कहैत छलाह जे ओ ज्यों सत्ता एलाह त सब कए नौकरी स निकालि देताह। आब 99.5 प्रतिशत शिक्षक पास करि गेलाह, त उक्त नेता कए कम स कम माफी मांगि लेबाक चाही।
मुख्यमंत्री विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा मे सफलता क परचम लहरा चुकल शिंजनी, धर्मेन्द्र कुमार पांडेय, तपेश्वर सिंह, सुष्मित, रंजना कुमारी, ऋचा सिंह, अमृत जीवन, आनंद गुप्ता, राम मुरारी कुमार, राकेश कुमार, आर्य कुमार दास, गर्विता सिंह, प्रियंका कुमारी, अमूल्य रत्न, नरेन्द्र नाथ झा आ मयंक कुमार कए 30 हजार स 1 लाख टका तक क चेक आ प्रशस्ति पत्र दकए सम्मानित कैलाह। नीतीश कहलथि जे देश भरि मे सब ठाम बिहार क लोक बाजी मार लैत छथि। ओ कहलथि जे बिहारी कोनो बंदरघुड़की स डरै वाला नहि अछि। बिहारी मुंबई सेहो जाइत, पूणा सेहो जायत, हमरा कतहु जाए स कियो नहि रोकि सकैत अछि, इ हमर अधिकार छी। ओ कहला जे बिहार क स्वाभिमान कए जगेबा लेल अगिला साल स बिहार दिवस मनाउल जाइत। एहि दिन सबटा स्कूल मे परिचर्चा आ गोष्ठी आयोजित कैल जाइत। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी कहला जे कक्षा 1 स 5 क बच्चा मे अखबार क प्रति ललक जगेबा लेल सरकार चल पढ़ कुछ बन नामक अखबार प्रकाशित करत। शिक्षक क काज ओकरा पढि़ कए बच्चा कए सुनेब होयत।