पटना/दरभंगा/ नई दिल्ली। दरभंगा महाराज क ऐतिहासिक तिजोरी क ताला की टूटल राज परिवार क इतिहास क प्रति लोकक अभिरुचि जागी गेल। महाराज स जुड़ल एक-एक टा सामानक खोज शुरू भ गेल अछि। इतिहास मे दर्ज भ चुकल दरभंगा राज एक बेर फेर लोकक जिज्ञासाक केंद्र मे अछि। महाराजक हवाई जहाज स ल कए हुनकर रेल सैलून तक क खोज मे आम स ल कए खास तक बाझि गेल अछि। महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह कल्याणी फाउंडेशन क ट्रस्टी टीके झा क अनुसार, दरभंगा महाराज क लग मे ब्राडगेज आ मीटर गेज (बड़ी लाइन आ छोटी लाइन) क लेल अलग-अलग सैलून छल। बिहार क इ ऐतिहासिक राज परिवार छल, जिनकर घर क सीढ़ी यानी रानी महल तक रेल पटरी बिछल छल। महाराजा कामेश्वर सिंह क निधन क बाद एहि बेशकीमती सैलून क किछु सामान गायब करि देल गेल छल। जेकर बाद सैलून बरौनी क रेलवे यार्ड मे रख गेल छल। सैलून मे कीमती फर्नीचर क संगहि सोना-चांदी सेहो जड़ल छल। फाउंडेशन रेलवे मंत्रालय स एहि बाबत पत्राचार करबाक निर्णय लेलक अछि। एतबे नहि दरभंगा महाराज क लग मे दू टा पैघ जहाज सेहो छल। महाराजक देहावसान क बाद ओकर कोनो पता-ठिकाना नहि अछि। राज्य अभिलेखागार क निदेशक विजय कुमार क कहब अछि जे महाराज क सैलून क संबंध मे कोनो रिकार्ड नहि अछि। हम सब ओकरा ताकि रहल छी। महाराज क रेल गाड़ी कतय आ कोन हाल मे अछि इ बूझब सब लेल जरूरी अछि। अगर हमरा एहि मे सफलता भेटल त निश्चय रेलवे क इ सैलून दरभंगा आ बिहार लेल एकटा महत्वपूर्ण विरासत होइत।
पिछला साल समाद महाराज पर एकटा विशेष संस्करण देने छल, ‘हम सब बिसरि गेलहूं महाराजÓ। ओकर बाद किछु लोक महाराजक प्रति जिज्ञासाक भाव देखौने छलाह, मुदा पिछला एक हफ्ता मे इ भाव काफी बढि़ गेल अछि। महाराज क तिजोरी स कईटा महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज भेटल अछि। दरभंगा महाराज परिवार क प्रबंधक अरुण कुमार उर्फ कुंवर जी कहला जे दस्तावेज तिजोरी स निकलि चुकल अछि, मुदा एखन धरि ओकरा ठीक स सूचीबद्ध नहि कैल जा सकल अछि। अभिलेखागार क दायित्व अछि जे एहि दिशा मे पहल करथि। ज्ञात हुए जे 1989 मे महारानी काम सुंदरी देवी दरभंगा राजक विरासत कए संरक्षित करबा लेल महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह कल्याणी फाउंडेशन क स्थापना केलथि, जे राज परिवार क इतिहास स जुड़ल बहुतो दस्तावेज आ सामान कए संरक्षित करबा मे लागल अछि। फाउंडेशन क मुख्य ट्रस्टी मे पटना विश्वविद्यालय क प्राध्यापक प्रो हेतुकर झा, प्रो सुरेंद्र गोपाल आ प्रो जगन्नाथ ठाकुर छथि, जखन कि ओकर डोनर ट्रस्टी स्वयं महारानी कामसुंदरी देवी छथि।
समाद पहिल बेर देखवाक सौभाग्य भेटल। एक्कहि बैसक मे सभ अंक पढि़ गेलहुँ। दरभंगा महाराज क विषय मे पहील बेर एत्ते विस्तार सँ जानलहुँ।हमर प्रिय गायक महेन्द्र भाइ नहि रहलाह,सेहो दुखद समाचार समादे सँ भेटल।
बुद्धिनाथ मिश्र
देवधा हाउस,गली-५,
वसंत विहार एन्क्लेव,
देहरादून-२४८००६
फोन: ०१३५-२७६७९७९
अस्सीक दशकक शुरुआत मे जखैन हम बच्चा रही ताबत धरि महाराजक ट्रेनक एकटा बोगी मोतीमहलक ( जे मिथिला विश्वविद्यालयक फिजिक्स डिपार्टमेंट भ गेल छल) सामने नहरक कट मे अपन अंतिम दिन गिनैत प्लेटफार्म पर अरण्यरोदन करैत ठाढ़ छल. जखैन कनी ज्ञान भेल ताबत तक एकरो हटा देल गेल.
Darbhanga maharaj ke karnama sansar ke samne anbak lel apnek naman karait chhi