पटना । दिल्ली क नजरि आब बिहार क जल पर अछि । जल कए प्राकृतिक संसाधन मानि दिल्ली एकर बंटवारा क कानून बना रहल अछि । कानून बनि गेल त बिहार कए सबस बेसी घाटा होएत । केंद्र पर इ गंभीर आरोप विधानसभा में जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी लगेलथि अछि । विभागीय अनुदान मांग क जवाब क क्रम मे श्री चौधरी नहि केवल सदन बल्कि जनता कए सेहो एहि डाका क प्रति आगाह केलथि।
ज्ञात हुए जे 1950 मे सेहो बिहार संग एहिना व्यवहार कैल गेल छल, जेकर नतीजा आइ गरीब आ पिछडल बिहारक रूप मे सामने अछि। मुदा आब ओ समय नहि रहल । ओहि समय मे जेना श्रीबाबू बिहारक हित कए नजरअंदाज क दामोदर घाटी परियोजना मंजूर क लेलथि तेना आब बिहार कए नजरअंदाज करब कोनो राज्य सरकार लेल संभव नहि अछि ।
श्री चौधरी कहला जे केंद्र क एहि नीति क खिलाफ एकटा आओर लड़ाई लड़बा लेल बिहार कए तैयार भ जेबाक चाही । पहिने कोयला आ अन्य खनिज बिहार लग बतौर प्राकृतिक संसाधन छल, मुदा आइ केवल जल अछि। केंद्र आब ओहि जल पर सेहो डाका देबाक प्रयास मे अछि। बिहारक जल कए दोसर राज्य लेल उपलब्ध करेबाक कुचक्र रचल जा रहल अछि। बिहार क संसाधन स दोसर राज्यक विकास करबाक नीति एक बेर फेर लागू करबा मे केंद्र लागल अछि।
ओ कहला जे सबटा खेल राष्ट्रीय जल नीति क आईना मे भ रहल अछि। एहि नीति क तहत जल बंटबाराक कानून बनि रहल अछि। इ संघीय ढांचा पर चोट अछि । संविधान कहैत अछि जे जल राज्य क विषय छी, केंद्र कए केवल अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय जल क मसला मे हस्तेक्षप क अधिकार अछि। जल कए प्राकृतिक संसाधन मानि बराबरी क आधार पर बांटबा क नीति क बिहार सरकार विरोध केलक अछि। हम अपन जल आन राज्य कए नहि देब । बिहार लग जल अछि त हमर जल बराबर सब कए बांटल जाएत, मुदा इ नीति बा फार्मूला केवल जल पर किया? दोसर प्राकृतिक संसाधन पर किया नहि? सब इलाका क अपना भूगोल अछि। कोनो राज्य कए भूगोल फायदा पहुंचेलक अछि त कोनो राज्य कए घाटा । भूगोल क कारण स दोसा राज्य क तुलना मे बिहार लग बेसी जल अछि । मुदा एतबो नहि अछि जेकरा बिहार लेल अतिरिक्त जल मानि लेल जाए । एकर बावजूद केन्द्र क नीयत साफ नहि अछि । केंद्र अगर बिहार क जल पर डाका देबाक नीति पर आगू बढल त पक्ष-विपक्ष कए एकजुट भ एकर विरोध करबा लेल तैयार रहबाक आवश्यकता अछि किया त सवाल कोनो दल या खास क्षेत्र स नहि बल्कि बिहार क अछि । श्री चौधरी कहला जे राज्य क बंटवारा क बाद, बतौर प्राकृतिक संसाधन, बिहार लेल की अछि, बस जल त बचल अछि । ओ कहला जे केन्द्र क पचडा मे तिलैया-ढाढर, उत्तर कोयल सन योजना पडल अछि। अंतरराज्यीय मामला भेला स विवाद केन्द्र कए सुलझेबाक अछि। मुदा गप नहि भ रहल अछि। केंद्र क उपेक्षा क बावजूद राज्य सरकार पिछला छह साल मे 2.7 लाख हे. अतिरिक्त सिंचन क्षमता क सृजन केलक अछि।
maithili news, mithila news, bihar news, latest bihar news, latest mithila news, latest maithili news, maithili newspaper, darbhanga, patna, दरभंगा, मिथिला, मिथिला समाचार, मैथिली समाचार, बिहार, मिथिला समाद, इ-समाद, इपेपर