भैरव लाल दास
पटना । आइ-काल्हि बिहार मे ‘पुल’ क बहुत चर्चा अछि । दीघा पुल, बिदुपुर पुल क बीच मे महात्मा गांधी सेतु क चर्चा सेहो खूब भ रहल अछि । गैमन इंडिया द्वारा एहि पुल कए बनाउल गेल छल आ 1982 मे निर्माण पूर्ण भेला स पूर्वहि एकर उद्घाटन भेल । एहि कारण स इ पुल अपन जन्म क समय स ल कए आइ धरि कहियो पूर्ण स्वस्थ नहि रहल । एकर भाग्य मे रोग जन्म स जुडल रहल आ जेना जेना दबाई भेल तेना तेना बीमारी बढैत गेल। आइ इ पुल मरनासन्न अछि। देखल जाय त एहि पुल कए जन्म क इतिहास सेहो काफी रोचक अछि। आम तौर पर लोक राज्य सभा आ विधान परिषद् क उपयोगिता पर हरदम प्रश्न चिह्न लगबैत रहैत छथि, मुदा अपन कालखंड मे एशिया क सबस पैघ पुलक प्रस्ताव बिहार विधान परिषद मे पहिल बेर आयल। विधान परिषद् क एकटा सदस्य छलाह रामविलास शर्मा। धुन क एहन पक्का जे कहल नहि जाये। ओ एतिहासिक दिन छल जाहिया हुनकर माध्यम स पेश गैर सरकारी प्रस्ताव क बाद एहि पुल क चर्चा आरंभ भेल। विधानसभा एहि चर्चा स अनभिग्य छल। ओहि समय मे राज्य मे एतबा टका नहि छल आ केंद्र सरकार कए सेहो एहन पैघ काज करबा लेल टका क व्यवस्था देखए पडैत छल। राम विलास शर्मा पुल निर्माण क ‘समन्वयक’ बनाउल गेलाह आ ओ अपन भूमिका बखूबी निभा गेलाह। बिहार मे आधारभूत संरचना निर्माण क इतिहास क इ सबस रोचक पन्ना कहल जाइत अछि। श्री शर्मा कए जखन बिहार सरकार साफ तौर पर कहि देलक जे टका क अभाव मे ओ एहि महासेतुक निर्माण नहि करा सकैत अछि आ भारत सरकार सेहो अपन हाथ ठार क देलक अछि त श्री शर्मा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी क दरबार मे जेबा लेल रेल टिकट कटा लेलथि। ओ दिल्ली पहुंच इंदिरा दरबार मे जेबा लेल हुनकर पी.ए. स समय मंगलथि। एहि स पूर्व सेहो ओ इंदिरा गांधी स एहि पुल पर वार्ता क चुकल छलाह, मुदा इ भेंट एतिहासिक छल। कारण छल शर्मा जी आहि दिन इंदिरा गांधी स भेंट करबा लेल पहुंचलाह जहिया देश मे ओ इमरजेंसी क घोषणा करबा लेल तैयार भ रहल छलीह। पूरा दरबार तनाव मे छल आ एहि बीच शर्माजी- मैडम स भेंट करबा लेल पहुंच गेलाह। दरबारी सब कए शर्मा जी क मसला सुनि जेना सांप सूंघ गेल छल। थोडे काल त एहि उहापोह मे बीतल जे के जायत मैडम स इ कहबा लेल? शर्माजी कए स्थिति क जानकारी देल गेल, मुदा शर्माजी कए आपातकाल स कोन मतलब हुनका त गंगा पर पुल बेसी जरुरी बुझाइत छल। हुनका बिहार मे पुल चाहैत छल, बाकी स कोनो मतलब नहि। अंत मे अधिकारी हुनका मैडम तक जेबाक अनुमति द देलक। शर्माजी आपातकाल लगबा स ठीक पहिने इंदिरा क दरबार मे मसला ल पहुंच गेलाह आ हुनका स एकर बाधा दूर करबाक अनुरोध केलथि। इंदिरा गांधी सेहो श्री शर्मा एहि संकल्प स बहुत प्रभावित भेलीह। इंदिरा स भेंट क जखन ओ बाहर एलाह त हुनकर चेहरा देखि दरबारी सब भौंचक छल। हुनकर चेहरा खुशी स मुस्की मारि रहल छल। पूछला पर कहलथि जे मैडम केवल टकाक प्रबंधन करबाक आश्वासन नहि देलथि अछि,बल्कि स्वयं वित्त सचिव कए फोन क टकाक व्यवस्था तत्काल करबा लेल कहि देलथि अछि। एहि भेंटक बाद पुल निर्माण मे राशि बाधा फेर कहियो उत्पन्न नहि भेल। पुल चालू भेल आ पैघ-पैघ नाम एकर निर्माण स जुडि गेल, मुदा एक व्यक्ति एकटा राज्य कए बहुत किछु द सकैत अछि, इ शर्माजी क गांधी सेतु प्रकरण स बुझल आ सीखल जा सकैत अछि। यदि व्यक्ति ठान लेलक, यदि व्यक्ति मे जुनून हो त समाज कए किछु देबा लेल नहि त ओकरा कुर्सी चाही आ नहि दौलत। दुख होइत अछि जे आइ जखन केन्द्र सरकार आ राज्य सरकार एहि पुल क पाया तक दुरुस्त नहि करवा पाबि रहल अछि, त एतबा पाया कए ठार करबाक जिद रखनिहार शर्मा जी सन व्यक्ति आइ कतहु ठार नहि छथि।
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राम विलास शर्मा जी के जीवनी के विषय में विसत्रित जानकारी दीय.