पटना। राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटील कहलथि अछि जे बिहार देश कए बहुत किछु देलक अछि आ एकर इतिहास गौरवशाली रहल अछि। बिहार विधान परिषद क शताब्दी समारोह कए संबोधित करैत ओ कहलथि जे राज्य क इतिहास, सभ्यता आ संस्कृति क इतिहास अछि। बिहार मौर्य आ गुप्त साम्राज्य क साक्षी रहल अछि। गुप्त काल कए देश क स्वर्णकाल कहल जाइत अछि। ओ कहलथि जे बिहार क इ धरती समाज कए कालिदास, चाणक्य, आर्यभट्ट जइसन ज्ञानी देलथि। नालंदा आ विक्रमशिला विश्वविद्यालय सेहो बिहार क देन अछि। राष्ट्रपति कहलथि जे लोक कए जाति, धर्म आ सम्प्रदाय तक सीमित नहि रहबाक चाही, बल्कि सब कए देश क लेल सोचबाक चाही।
ओ कहलथि जे बिहार हरदम सब लेल सोचैत रहल अछि आ सब कए अपन बनबैत रहल अछि। स्वतंत्रता संग्राम क दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी बिहार आएल छलाह आ तखन ओ कहने छलाह जे ओ बिहार छल जे हुनका भारत मे पहचान दियौलक।
पाटील कहलथि जे हुनका खुशी अछि जे हाल मे बिहार कई क्षेत्र मे तेजी स विकास केलक अछि आ आगू बढ़ल अछि। ओ कहलथि जे संभवतः बिहार देश क एहन पहिल राज्य अछि जतए ग्राम पंचायत मे महिला कए 50 प्रतिशत आरक्षण देल गेल अछि। ओ कहलथि जे सब राज्य कए एहन कल्याणकारी योजना चलेबाक चाही जाहि स महिला कए सशक्त कैल जा सकए आ समाज क अंतिम पायदान पर ठार लोक कए एहि विकास योजना क लाभ भेट सकए।
राष्ट्रपति कहलथि जे सामाजिक सेवा आ रोजगार क संग-संग बेहतर शिक्षा आओर स्वास्थ्य सेहो आवश्यक अछि। ओ अपन संबोधन मे कहलथि जे सम्राट अशोक एक बेर कहने छलाह जे जनकल्याण कए बढ़ावा देबा स बेसी महान आओर कोनो कार्य नहि अछि।
एहि स पूर्व राष्ट्रपति विभिन्न लेखक क लिखल सातटा पुस्तक क लोकार्पण केलथि। एहि पुस्तक मे बिहारीनामा, विधान परिषद का इतिहास, विधान परिषद सदस्य परिचय, बिहार के बलिदानी नामक पुस्तक शामिल अछि।
एहि स पहिने राष्ट्रपति दीप प्रज्जवलित करि विधान परिषद शताब्दी समारोह क विधिवत उद्घाटन केलथि। इ समारोह एक वर्ष तक चलत। एहि मौका पर राज्य क राज्यपाल देवानंद कुंवर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष अब्दुलबारी सिद्दिीकी सेहो उपस्थित छलाह। विधान परिषद क अध्यक्ष ताराकांत झा आगत पाहुनक स्वागत केलथि, जखन कि धन्यवाद विस अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी देलथि। एहि मौका पर राष्ट्रपति कए एकटा स्मृति चिह्न् सेहो भेंट कैल गेल। एहि स पूर्व राष्ट्रपति विशेष विमान स पटना हवाईअड्डा पर पहुंचलथि जाहि ठाम राज्यपाल आ मुख्यमंत्री सहित कई गोटे हुनकर स्वागत केलक।