नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री क कहब अछि जे जखन कोनो भाषा क उन्नति क गप कैल जाइत अछि, त एहि पर कतई क्षेत्रवादी नजरिया नहि हेबाक चाही। अग्निहोत्री भारतेन्दु हरिश्चंद्र क ओहि पंक्ति क उल्लेख केलथि, जाहि मे कहल गेल अछि जे निज भाषा क उन्नति मे लोकक प्रगति नुकायल अछि।
‘देशबन्धुÓ के स्थानीय संपादक अमिताभ अग्निहोत्री सोमदिन प्रेस क्लब ऑफ इंडियाक सभागार मे मैथिलीक पहिल इ पेपर क लोकार्पण करबाक बाद सभा कए संबोधित करैत छलाह। ओ कहला जे जखन कोनो भाषा क उन्नति क गप कैल जादत अछि त एकर कतई क्षेत्रवादी नजरिया नहि हेबाक चाही। ओ कहलथि जे छोट-छोट भाषाई समूह क विकास स समाज आ देश क विकास क आधार तैयार भ सकैत अछि। अग्निहोत्री मीडिया क इंटरनेट माध्यम क महत्व क उल्लेख करैत कहला जे इ सस्ता सेहो अछि आओर एकर प्रसार क्षेत्र सेहो असीमित होइत अछि। ओ कहला जे आइ कईटा एहन अखबार अछि जेकर प्रसार संख्या स बेसी ओकर इंटरनेट संस्करण लोक देखैत अछि। एकर सबस पैघ कारण एकर असिमित भौगोलिक सीमा अछि। ओ कहलथि जे राजधानी दिल्ली मे पहिने हिन्दी मीडिया क लोक कए अछूत बूझल जाइत छल, जेकरा हिंदीक पाठक बदलि देलथि अछि आ आब इ कारवां एक कदम आओर आगू आंचालिक भाषा क दिस स बढि़ चुकल अछि।