नई दिल्ली/ पटना। बिहार मे पर्यटकक संख्या मे लगातार बढोतरी भ रहल अछि, मुदा पर्यटन स्थल पर ओहि अनुरूप सुविधाक घोर अभाव देखल जा रहल अछि। गया आ नालंदा तक सिमटल बिहार पर्यटन आब समग्र रूप स पूरा बिहार तक पहुंच गेल अछि। लोक बिहार पहुंचलाक बाद नालंदा आ गया क आसपासक क्षेत्र सेहो देखबा लेल जा रहल छथि। एहन मे हुनका आधारभूत सुविधाक अभाव पर्यटन विकास मे बाधक बनि रहल अछि। पर्यटक बढैत संख्याक अनुरूप पटना, गया और नालंदा सन जगह पर सेहो देल गेल सुविधा कम पडि रहल अछि। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम क अधिकारीक क अनुसार राज्य मे नवम्बर मास मे 5.27 लाख विदेशी पर्यटक एलथि। इ आंकड़ा भारत कोनो राज्य मे एहि मास मे आयल पर्यटक क आंकड़ा स बेसी अछि। एहन मे पर्यटक लेल रहबाक नीक व्यवस्था आ धुमबा लेल नीक सडक सन मूलभूत जरूरत क अभाव देखार भ रहल अछि।
एहि संदर्भ मे बिहार टूर एंड ट्रैवल असोसिएशन राज्य क पर्यटन विभाग कए एकटा पत्र सेहो लिखलक अछि। एसोसिएशन क कहब अछि जे नीक सड़क क निर्माण स जतए बिहार क मुख्यमंत्री 2010 विधानसभा चुनाव मे दोबारा कामयाबी हासिल केलथि, ओतहि बौद्ध आ जैन सर्किट मे खराब होइत सड़क क कारण राज्य कए पर्यटन क्षेत्र मे काफी नुकसान भ रहल अछि। बिहार मे बढैत पर्यटन क संभावना कए देखैत बौद्ध आओर जैन पर्यटन सर्किट मे सड़क क हालत मे सुधार करबाक अनुरोध कैल गेल अछि। एसोसिएशन महासचिव केपी सिंह कहला जे दूनू सर्किट मे सड़क क हालत खराब अछि, एहि स पर्यटक मे राज्य क खराब छवि बनैत अछि। ओना ओ इ कहला जे राज्य मे कानून-व्यवस्था बेहतर अछि आ पर्यटन सुरक्षित अछि।
दोसर दिस बिहार क पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव क कहबा अछि जे नव राष्ट्रीय राजमार्ग क विकास क गप कए छोडू, मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग क सेहो राष्ट्रीय मापदंड क अनुरूप बना कए रखबा मे सेहो केंद्र सहयोग नहि करि रहल अछि। 2005 मे राज्य सत्ता परिवर्तन क बाद स बिहार लगातार उपेक्षा क शिकार रहल अछि। राज्य मे 3642 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग अछि। एहि मे स 1609 किलोमीटर सड़क भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण क अधीन अछि, जखनकि 2033 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग क रखरखाव क जिम्मेदारी बिहार सरकार क अछि। मूल समस्या एहि सड़कक रखरखाव पर अछि। बिहार सरकार वित्तीय वर्ष 2005-06 स एखन धरि राष्ट्रीय राजमार्गो क रखरखाव क 4162.47 करोड़ टका क लागत क पांच सौ स बेसी प्रस्ताव केंद्र सरकार कए पठा चुकल अछि मुदा सड़क परिवहन आ राजमार्ग मंत्रालय एहि मे केवल 1082.79 करोड़ क 180 योजना कए स्वीकृति प्रदान केलक अछि।
एहि मे कोनो दू राय नहि जे राष्ट्रीय राजमार्ग क रखरखाव लेल केंद्र दिस स धन आवंटन मे बिहार क उपेक्षा भ रहल अछि। चालू वित्तीय वर्ष मे राज्य क राष्ट्रीय राजमार्ग क रखरखाव लेल केंद्र एखन धरि कोनो राशि नहि देलक अछि। एतबे नहि पिछला सात सालक दौरान राज्य क ज्यादातर सड़क योजना कए सेहो केंद्र सरकार स स्वीकृति नहि भेटल अछि। बिहार न सड़क परिवहन आ राजमार्ग मंत्रालय कए वर्ष 2011-12 क सालाना योजना मे शामिल करबा लेल 1061.64 करोड़ क प्रस्ताव जुलाई, 2011 कए पठाउल गेल छल, मुदा मंत्रालय एहि साल लेल कोनो योजना कए स्वीकृति नहि देलक। तीन साल पहिने बिहार सरकार राज्य मे राष्ट्रीय राजमार्ग क खराब स्थिति आ ओकर मरम्मत लेल पठाउल गेल प्रस्ताव कए स्वीकृति मे केंद्र क देरी कए देखैत अपन स्तर पर सड़क कए दुरुस्त करा देलक, मुदा एहि मद पर खर्च भेल करीब 900 करोड़ क राशि क भुगतान क मामला एखनो केंद्रीय सड़क परिवहन आ राजमार्ग मंत्रालय मे अटकल अछि। बिहारक नजरि स देखल जाए त बिहार केंद्र क जिम्मेदारी निभेबा लेल किया बाध्य भ रहल अछि, जखन कि आन राज्य मे केंद्र सरकार अपन जिम्मेदारी निभा रहल अछि। बिहार एक बेर केंद्र क जिम्मेदारी निभा देलक जाहि स सडक किछु चलबा जोकर भेल। मुदा केंद्र इ मानि कए बैस गेल जे सब साल आब इ काज बिहार अपने क लेत। इ केंद्र सरकारक बिहार विरोधी नीति क उदाहरण त कहले जा सकैत अछि संगहि इ भारतीय संघ आ राज्य क संबंध कए सेहो कमजोर क रहल अछि।