भारतीय भाषा परिषद क युवा पुरस्कार एहि बेर मैथिली सेवी गौरीनाथ कए देल गेल। इ पुरस्कार पहिल बेर कोनो मैथिल सेवी कए भेटल अछि। अन्य भाषा क संग मैथिली मे सेहो इ पुरस्कार देबाक फैसला करनिहार परिषद विशेष धन्यवाद क पात्र अछि। मैथिली क लेल परिषद क युवा पुरस्कार 22 जनवरी, 2010 कए कोलकाता क भारतीय भाषा परिषद सभागार मे सुपरिचित कथाकार गौरीनाथ कए प्रदान कैल गेल। मैथिली मे पुरस्कार चयन कए ल कए हरदम विवाद रहल अछि, मुदा एहि चयन क जेतबा प्रशंसा कैल जाए ओ कम अछि। गौरीनाथ जीक काज पाथर पर दूभि रोपब स कम नहि अछि। गौरी नाथ अंतिका क माध्यम स मैथिली क लेल जे रचनात्मक संघर्ष केलथि ओ ककरो स नुकायल नहि अछि। गौरीनाथ जखन हंस क सहायक संपादक छलाह, तखने स ओ मैथिली त्रैमासिक अंतिका निकालि रहल छथि आ इ पत्रिका समय क चुनौति क संग विलक्षण तरीका स मुठभेड करैत निरंतरता रखने अछि। भारतीय भाषा परिषद क युवा पुरस्कार ओहि जीवटता आ रचनात्मक संघर्ष क सम्मान कहल जा सकैत अछि। परिषद के युवा पुरस्कार के पहले गौरीनाथ को नाच के बाहर आ मासुष क लेल हिंदी अकादमी, दिल्ली क कृति सम्मान आ पटना पुस्तक मे 2005 क विद्यापति पुरस्कार भेट चुकल अछि।
मैथिली गौरीनाथ क मातृभाषा छी आ मातृभाषा मे ओ केवल दस्तावेजी पत्रिका नहि निकालि रहल छथि बल्कि एहि भाषा मे रचनात्मक लेखन निरंतर जारी रखने छथि।
1969 मे सहरसा (आब सुपौल) क कालिकापुर गाम मे जनमल गौरीनाथ क आरंभिक शिक्षा गाम पर भेल। आइ अगर एकटा वैचारिक प्रकाशक आ लेखक क रूप मे हुनकर पहचान बनल अछि त एकर पाछु हुनकर हरदम अपन अतीत क संघर्ष कए मन पाडब अछि।
गौरीनाथ हिंदी मे सेहो एकटा त्रैमासिक बया नाम स निकालैत छथि। एकर संग ओ अंतिका प्रकाशन क बैनर तर स भारतीय भाषा क उत्कृट साहित्य सेहो प्रकाशित करि रहल छथि। बिना कोनो पैघ आर्थिक आधार कए हुनकर इ सफर लोक लेल प्रेरणादायक रहल अछि।
Gaurinath jik Samman nishitrupen Maithilik samman achhi…aanha hunak kaj aa jeevanak chitran bes samichin kenau hain.Hunak jeevan yatra sangharsak path par ekhno agrashit achhi…jena kono aan Maithil bhashi ke hoit chhainh,tahan nik kajak uttar aab e santushtik gap je lok khas ka pathak varg me hunka lel samman bahut badhlaiy.
Ham halahi me esamvadak bare me bujhnau hain,adyatan parhlak baad ham khushi san vibhor bha uthlaon,je kon ehan Maithil chhaith je atte nistha aa jata sa apan mai-pain ki sich rahal chhaith.Hamar subhkamna je esamvad naya aasman ke nishchit rupen phallibhut karai..Prashant Mishra,Madhubani/Bihar
Ham ekta pathakak rup me Gaurinath ji san puran parichit chhi aa samyak kram me vyaktigat rup sa seho chinhaliyainh,ekhan hunka sang ham ANTIKA ke sampadkiya mandal me seho chii;aai sabhak anbhav san kahi sakait ji aanhak likhal baat samuchit aa vivekshil aaichh.O Maithilik aadhar sthamv chhaith…han sangharsh ta karhe parai chhai,jan vicharak astap par samjhoutak aadat nai huai ta..badd nik lagal padhait.
मैथिलीक लेल पुरस्कार शुरू करबाक लेल सब सं पहिने भारतीय भाषा परिषद, कोलकाताक एहि पहल केर स्वागत करबाक चाही…किऐ कि कुनू क्षेत्रीय भाषा (ओना मैथिली आब आठम अनुसूची मे शामिल भ’ गेल छै)मे ई पहिल शुरूआत थिक। संगहि ईहो जे निर्णय लेब’ मे पारदर्शिता बरतल गेल छै सेहो बड़ नीक बात। ओना ई सर्वविदित छै जे मैथिली लेल जं कुनू पुरस्कार देल गेल अछि तं ओ विवादास्पद रहबे टा करै छै…चाहे ओ पुरस्कार ”सरकारी”घराना सं होय आकि ”कुनू व्यक्तिक नाम पर” होइ।
पुरस्कार के निर्णायकगण के धन्यवाद जे उचित निर्णय ल’ क’ गौरी भाई के चुनलन्हि, समस्त युवा मैथिल के तरफ स धन्यवाद।
Uprokt samachar hamra vilamb sa bhetal. Muda tahi sa ki Gaurinath ji ke bahut bahut badhaai.