कुमुद सिंह
बिहार विधानसभाक चुनाव खत्म भ गेल आ नीतीश कुमार अपार बहुमतक संग सत्ता पर फेर काबिज भ गेलाह। एहि चुनाव स तीनटा गप सामने आयल। जेकर चर्चा करबाक आब उचित समय आयल अछि। कारण इ जे पिछला एक मास मे पूरा देश नीतीशक एहि जीत कए अपन अपन नजरि स देखबैत आ बुझबैत रहल। पहिल गप इ जे भारतीय मीडिया एक बेर फेर बिहार कए बुझबा मे मात खा गेल। दोसर इ जे जातिवाद खत्म भेल त केवल अंगना मे दलान पर जाति पहिने जेकां मजबूत रहल। तेसर आ सबस महत्वपूर्ण गप इ जे लालू आ पासवान दूनू गोटे नीतीश स बेसी हुनकर राजनीति करबाक शैली कए खत्म करबाक प्रयत्न करैत रहलाह।
भारत मे चुनाव विश्लेषण क इतिहास पुरान अछि, मुदा आइ जहि रूप मे इ भ रहल अछि ओकर शुरूआत 1984 स भेल। पिछला 26 साल स एहि लेल एकटा तय फार्मूला बना लेल गेल छल, जेकर आधार पर दिल्ली आ पटना मे लोक संभावना आ आशंका जता दैत छल, मुदा बिहार एहि बेर जे सवाल पर मतदान करबा लेल तैयार छल, ओकर उत्तर एहि फार्मूला स निकलब संभव नहि छल। वोटर लिस्ट मे जातिक उपनाम देखी जीत हार क आंकलन करब भारतीय मीडिया लेल भारी पडि गेल। एहि कारण स भारतीय मीडिया कए इ परिणाम चौंका देलक। आशा स कहीं अधिक सीट देख राजग स बेसी भारतीय मीडिया पगला गेल आ आपाधापी मे इ घोषणा तक करि देलक जे बिहार मे जातिवाद खत्म भ गेल। मीडिया इ देखबाक जा देखेबाक कोशिश तक नहि केलक जे राजग कए विपक्ष स महज 20 लाख वोट बेसी भेल अछि। एहि बेरक चुनाव मे जदयू कए 65.5 लाख वोट (22.56 प्रतिशत) आ भाजपा कए 47.8 लाख वोट (16.49 प्रतिशत) भेटल अछि, जखनकि राजद कए 54.5 लाख वोट (18.84 प्रतिशत) आ लोजपा कए 19.5 लाख वोट (6.74 प्रतिशत) भेटल अछि। कांग्रेस कए 243 सीट पर 24.3 लाख वोट (8.37 प्रतिशत) भेटल अछि। एहन मे इ कहब असंभव अछि जे लालू आ पासवान कए केवल यादव, पासवान आ मुस्लिम वोट भेटल अछि। जखनकि उच्चजाति, महादलित आ परसमांदा कए जोडि कए देखल जाए त राजग क खाता मे तीगुणा वोट अबैत अछि। एहि स साफ अछि जे उच्चजातिक मोट वोट विपक्ष कए भेटल, मुदा एहि तबकाक मौगी राजग कए वोट द राजनीति विश्लेषणक 26 साल पुरान फार्मूला कए गलत करार द देलथि।
सवाल उठैत अछि जे मौगी अपन परिवार स विद्रोह किया केलक, हम विद्रोह शब्दक प्रयोग परिणामक बाद मौगी सब पर भ रहल हमला कए देखैत करि रहल छी, नीतीश कुमार पिछला कार्यकाल मे सबस बेसी मौगी पर फोकस केलथि, एक कात कानून व्यवस्था मे सुधार स सबस बैसी चैन मौगी कए भेटल, त दोसर दिस पंचायत मे 50 फीसदी आरक्षण द सत्ता स दूर एहि जमात कए थोक मे मुखिया बना देलथि। संसद मे आरक्षण लेल शरदक विरोधक बावजूद नीतीशक पहल इ साफ संदेश देलक जे ओ लालू जेकां मौगीक नामपर टोकन राजनीति नहि करैत छथि। मौगी कए उच्च जातिक पुरूष जेकां कार्यालय मे हाजिर अनिवार्य भेला स कोनो कष्ट नहि छल, ओकरा ठेकेदारी नहि भेटबा क कोनो दुख नहि छल, ओकरा सत्ता मे भागीदारी स वंचितो नहि राखल गेल छल। फेर आखिर ओ लालू या कांग्रेसक संग देबा लेल कोना तैयार भ सकैत छल।
बिहारक राजनीति मे एतबा जडता आबि चुकल छल जे कोनो नेता एकरा तोडबाक बाट नहि ताकि सकल छल। पटनाक गांधी मैदान मे जुटल भीड एहि जडता कए आओर कठोर बना रहल छल। एहि जडता कए तोडबा लेल नीतीश मुख्यमंत्री क व्यस्तता क बीच चारि बेर बिहारक गाम-गाम घुमलाह आ आखिरकार जडता कए तोडबाक फार्मूला ताकि लेलाह। विपक्ष एहि ठाम चूकि गेल। उच्च जातिक किछु पैघ आधारवाला नेता एक दिस पटनाक गांधी मैदान मे अपन गप कहबा लेल जनता कए बजेलथि, त दोसर दिस नीतीश जनताक गप सुनबा लेल गाम-गाम घुमि रहल छलाह। इ शुरूआत छल जनता आ नेताक बीच बदलैत संबंधक। कांग्रेसकाल स चलल आबि रहल इ परंपरा बिहार लेल नव छल आओर नेता लेल खतराक घंटी। आइबी आ सर्क्रिट हाउस मे रहि कए चुनाव प्रचार करनिहार कांग्रेसी कए मंच स भाषण देबाक आदत ल डूबल। 90 मे जखन लालूक उदय भेल त सबस पैघ अपील इ रहल जे लालू मंच स कांग्रेसी जेकां भाषण नहि दैत छलाह, बल्कि ओ जनता स गप करैत छलाह। नीतीश एहि स एक डेग आगू बढि कए जनता स गप करबा लेल ओकर दुहारि तक जेबाक शुरूआत केलथि। पार्टी नेताक बस पर चढि पटनाक गरीब रैली मे जे नहि आबि सकैत छल ओ सेहो नीतीश कए सुनलक, देखलक। लोक मे इ संदेश गेल जे नीतीश मुख्यमंत्री भ कए गाम-गाम आबि रहल छथि, जखन कि लालू-पासवान लग कोनो काज नहि अछि तखनो गाम एबाक समय नहि अछि, इ मुख्यमंत्री बनताह त पटनो मे दर्शन नहि देताह। एहि चुनाव मे कोसी सबहक लेल चुनौति छल, मुदा एहि ठाम सेहो नीतीशक इ पहल सफल रहल। बाढ बिहार लेल नव चीज नहि अछि। सब साल अबैत अछि। कोसीक बाढ बिकराल छल। क्षति अपार भेल। मुदा एहि बाढ मे जे भेल ओ पहिने कहियो नहि भेल छल। बिहार कि देश मे एकटा परंपरा बनि गेल अछि जे बाढ वाला इलाका मे नेता हवाई सर्वे करि कए जनता पर उपकार करि दैत छथि। नीतीश एहि तरहक उपकार नहि केलाह। ओ सात दिन कोसी क इलाका मे प्रवास करि राहतक काजक जायजा लैत रहलाह। इ ओ समय छल जखन नीतीशक संग कोनो विपक्षक नेता ओहि इलाका मे राति नहि बितेलक।
दिल्ली आ पटना मे बैसल मीडियाक लोक इ एहसास नहि करि सकेत अछि जे बिहारक कोनो गाम मे पांच बजे भोर मे उज्जर चादर मे लिपटल कोनो मुख्यमंत्री जखन एकटा दलितक दुहारि पर इ पूछबा लेल ठार हुए जे अहांकए लालकार्ड भेटल, त ओ दलित मौगी लेल इ नीतीश ओ नीतिश अर्थात महादेव स कम नहि। मुख्यमंत्रीक रूप मे नीतीशक एप्रोचक सबस बेसी असर मौगी पर भेल, किया कि ओ भाषण सुनबा लेल मैदान पर नहि जाइत छल।
नीतीश मुख्यमंत्री भ कए जनता स योजनाक बारे मे पूछबा लेल गाम-गाम जाइत रहलाह, मुदा लालू या पासवान इ देखबा लेल गाम कहियो नहि गेलाह जे जनता कए लालकार्ड, जॉबकार्ड नहि भेट रहल अछि। लालू या पासवान अपन कोनो कार्यकर्ता कए प्रखंड मुख्यालय मे शिविर लगा लालकार्ड या जॉबकार्ड चाहनिहार लेल मदद करबाक पहल नहि केलथि। मुख्यमंत्री क रूप मे नीतीश जे केलथि ओ हुनकर काज छल, मुदा विपक्षक दिस स एहन कोनो पहल नहि भेल जे नीतीशक एहि पहल कए विशेष बनेबा स रोकि सकए। नीतीशक सब दौरा क बाद राजद क दिस स दौरा क घोषणा भेल मुदा लालू रथ कए झंडा देखेबाक अलावा कहियो ओहि पर बैस गाम जा ओहि ठाम रहबाक कोशिश नहि केलाह। रामविलास त डाक बंगलास विधानसभाक गेट तक अबैत-अबैत थाकि जाइत छथि।
आइ बिहारक विपक्ष एक करोड मतदाता उम्मीद अछि। जाहि मे सब जातिक लोक छथि। सवाल उठैत अछि जे एक करोड मतदाताक उम्मीदवाला विपक्ष अपन पुरान शैली स नीतीशक काट कोना तैयार करत। हार आ जीत स बेसी ओकर कारण आ निराकरण करबाक गंभीर पहलक जे उम्मीद विपक्ष स कैल जा रहल छल, ओ सामने नहि आयल। अपन छह गोट संबंधी कए चुनाव मैदान मे ठार केनिहार पासवान बिहार स बेसी कश्मीर लेल चिंतित छथि। एक मास बीत गेल राजद गाम-गाम त नहि गेल, गाम स अपन कार्यकर्ता कए पटना नहि बजा सकल अछि। राजद एहि विषय पर एखन धरि बैठक नहि क सकल अछि। अपन 22टा विधानसभा क्षेत्र मे सबगोटे कए लालकार्ड आ जॉब कार्ड भेट सकए तेकरा लेल कोनो योजना तैयार नहि करि सकल अछि। विपक्ष कए अपन विधानसभा क्षेत्र मे विकासक काज राजग क विधानसभा क्षेत्र क विकास काज स बेसी तेज रखबाक जरूरत अछि। अपन क्षेत्र मे योजनाक क्रियान्वयन ठीक स करि विपक्ष सत्ता पक्षक सामने ठोस उत्तर द सकैत अछि। मुदा एहि दिस काज करबाक बदला मे विपक्षक दूनू पैघ नेता देश भ्रमण पर छथि।
एहन मे इ जरूर कहल जा सकैत अछि जे नीतीश बिहार कए ककरो स बेसी बेहतर ढंग स बुझि रहल छथि। एहि कारण स जखन नीतीश अपन दोसर पारी शुरू करि रहल छथि त ओ जानैत छथि जे हुनकर मुकाबला ककरो आन स नहि बल्कि खुद नीतीश स अछि। नीतीशक अपन आ अपन मंत्री क संपत्ति क घोषणा करबाक फैसला सार्वजनिक जीवन मे खत्म भ रहल शुचिता क उच्चतम स्तर कए लौटेबा मे मददगार भ सकैत अछि। एक मासक भीतर एक कात नीतीश विधायक फंड समाप्त केलथि आ सेवा क अधिकार लागू करबाक कोशिश शुरू केलथि अछि। त दोसर दिस पासवान कश्मीर मे मसला सुलझेबाक कोशिश क रहल छथि आ लालू पार्टी बैठक करबा स कतरा रहल छथि। एहन मे इ कहब एखनो मुश्किल अछि जे बिहारक बदलैत राजनीति मे एक करोड क विपक्ष केतबा बदलत।