आइ जनतंत्र क हारि भ गेल। बिहार क आम जनता जाति, धर्म आ मजहब स उपर उठि कए नीतीश कुमार कए वोट देने छल, मुदा नीतीश कुमार जनता क भावना क सेहो सम्मान नहि क पाबि रहल छथि। खगड़िया, नवादा, गया आओर आब मधुवनी। गौरतलब अछि जे सब ठाम जे किछु भेल ओहि पर सरकार आ सरकारी मशीनरी क ओहने रुख रहल जेहन कहियो लालू प्रसाद क राज मे छल। मधुबनी मे भेल पुलिसिया गोलीबारी आ हिंसा लेल मधुबनी जिला क अदूरदर्शी पुलिस-प्रशासन क पक्षपातपूर्ण रवैया ज़िम्मेदार रहल। मधुबनी क प्रशासन जेकरा जनता क लेल काज करबाक छल ओ एकटा वरिष्ठ शिक्षा पदाधिकारी क लेल काज करैत रहल..। निष्पक्ष कार्रवाई करबाक स्थान पर पुलिस खुद एकटा पार्टी बनि गेल। प्रशासन दिस स न्यायपूर्ण कार्रवाई नहि होइत देख आम लोक क तामस उग्र होइत गेल। कोनो प्रकारक हिंसा क समर्थन नहि कैल जा सकैत अछि। मुदा जखन हिंसा कए पुलिस अपन व्यवहार स आमन्त्रित करि रहल छल, तखन एकरा कोना रोकल जा सकैत छल। मधुबनी मे नवपदस्थापित एसपी रंजीत कुमार मिश्रा बुधियारी देखेलथि अछि आ मृतक प्रशांत क शव कए हुनकर परिजन कए सौंप देलथि। प्रशांत क अंतिम संस्कार मे शामिल भ प्रशासनक भागीदारी सेहो निभा देलथि। अगर एहने सूझबूझ आ समझ पूर्व पुलिस अधीक्षक सौरव कुमार देखा देने रहितथि त मधुबनी मे एतबा जान-माल क नुकसान नहि होइ देखितहुं। प्रशांत क परिवार कए अपन बच्चा क शव लेबा लेल धरना पर नहि बैसल देखितहुं।
इ पूरा मामला नीतीश क ओहि सुशासन आ न्याय संग विकास क मूल नाराक विपरीत रहल। नीतीश अपन हर चुनावी भाषण आ ओकर बाद क भाषण सब मे दोहरा रहल छथि जे ओ सब कए संग लकए बिहार क विकास करताह, ओ समाज कए तोड़बा मे नहि बल्कि जोड़बा मे विश्वास रखैत छथि,मुदा मधुबनी मे जे भेल ओ ठीक एकर उलट अछि।
नीतीश सरकार अपना स पूर्व लालू सरकार क भांति पूरा मामला कए निपटेबाक कोशिश केलक अछि। एहि लेल किछु बेसी सबूत देबाक काज नहि अछि। पुलिस प्रशासन क अन्यायपूर्ण रवैया स जखन मधुबनी मे आगि लागल छल तखन मुख्यमंत्री सचिवालय दिस स सूचना देल गेल जे मधुबनी क हालात पर सीएम आवास मे उच्चस्तरीय बैसार चलि रहल अछि। पहिल बेर एहन बैसार मे उपमुख्यमंत्री कए सेहो बजाउल गेल। राति 9 बजते मीडिया कए कहल गेल जे मधुबनी क डीएम आ एसपी पर कार्रवाई करैत हुनकर स्थानांतरण क देल गेल। मीडिया एहि खानापूर्ति क विरोध क स्थान पर दरभंगा क आईजी कए घेरबाक काज केलक। देर राति सरकार हुनको हटेबाक सूचना द देलक। समाचरा पत्र सरकारक एहि कारवाई क खबर स पटल अछि। सरकार क कार्रवाई विरोध कतहु स नहि भेल। सरकार पूर्वक भांति केवल डीएम आ एसपी कए हटाकए अपन जिम्मेदारी निभा लेबाक औपचारिता देखेलक। न्यायिक जांच या सीबीआइ जांच क महत्व आब सब जनैत अछि। पूर्व स अलग अपन प्रशासनक ढोल पिटनिहार मुख्समंत्री नीतीश कुमार मधुबनी कए आगि मे झोकनिहार जिलाक डीएम आ एसपी कए सजा देबाक संगहि आरोपी शिक्षा अधिकारी कए बर्खास्त करबाक कार्रवाई स भागि गेलथि। मधुबनी क घटना लेल एहि तीनू गोटा कए गिरफ्तारी हेबाक चाहैत छल, मुदा नीतीश सरकार एक प्रकार स हिनका सब कए पुरस्कृत क देलक अछि।
मधुबनी कए जरेबाक जमीन तैयार करनिहार एसपी सौरभ कुमार कए बिहार क सबस कमाउ जिला किशनगंज क एसपी बना देल गेल अछि आ किशनगंज क एसपी रंजीत मिश्रा कए मधुवनी क एसपी बना देल गेल अछि। इ कार्रवाई पूर्व क सरकार क कार्रवाई स कनिको भिन्न नहि अछि। दोसर कार्रवाई आईजी संग भेल व्यवहार अछि। आईजी कए सजा देखा बिहार पुलिस विभाग आधुनिकीकरण क एडीजी बना देल गेल। सच्चाई इ अछि जे हिनकर प्रमोशन दू मास पूर्व भ चुकल छल आ केवल पोस्टिंग करब बचल छल। एहन मे सरकार हिनकर पोस्टिंग एहन समय मे केलक जे लोक मे संदेश जा सकए जे हुनका सजा देल गेल आ इ कार्रवाई मीडिया क माध्यम स कराउल गेल अछि। ओना हिनकर गिनती राज्य क किछु नीक पुलिस अधिकारी मे होइत रहल अछि, मुदा पुलिस मुख्यालय क चाटुकार नहि रहबाक सजा ओ भोगैत रहलाह अछि।
सरकार क एहि खेल क बिहार क भविष्य पर की असर पड़त इ त भविष्य कहत, मुदा नीतीश कुमार क एहि राजनैतिक शैली स लोकतंत्र क जरुर नुकसान भ रहल अछि आ पता नहि बिहार क की होएत। एहि पूरा मामला कए सुलझेबा मे राज्य क पुलिस मुखिया अभयानंद क विफलता सेहो खुलि कए सामने आयल अछि। उम्मीद अछि हुनका लोक एकटा शिक्षक क रूप मे नहि बल्कि एकटा नीक पुलिस मुखिया आ प्रशासक क रूप मे सेहो देखत। आशा अछि जे भोर नव आशा क किरण लकए आउत, अमन क प्रतीक मधुबनी मे फेर स शांति लौटत.. आगू फेर एहन घटना नहि भ सकए तकरा लेल सबटा जिम्मेवार लोकसब पर सख्त कार्रवाई होएत..
साभार : इनपुट – भवेश नंदन आ संतोष सिंह क वाल स, फोटो- प्रकाश मित्रवत।
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