भुवनेश्वर वात्स्यायन
पटना। पटना एक बेर एकटा पैघ राजनीतिक रैली क गवाह बनबा लेल तैयार अछि। राजनीतिक रूप स सर्वाधिक जागृत समाज भेला स पटना उत्तर भारत मे शुरू स राजनेता लेल लोकप्रियताक एकटा मानक देलक अछि। पटनाक इतिहास देखी त शुरू मे पैघ पैघ सभा होइत छल जे बाद मे रैली क रूप ल लेलक। जानकारक कहब अछि जे 1980 स पूर्व जे पैघ सभा या रैली भेल ओ कोनो नेता या पार्टी द्वारा प्रायोजित नहि रहैत छल। राजनीतिक दल द्वारा प्रायोजित रैली क परंपरा 1980 क बाद शुरू भेल। बिहार बहुत रास गलत चीज दिल्ली स आयात केलक जाहि मे स एकटा इ सेहो कहल जा सकैत अछि। भारतीय इतिहास मे दिल्ली मे पहिल बेर एहि तरह क रैली भेल अछि। पटना कए इ रोग दिल्ली क लसरिया छी। राजनीतिक दल द्वारा प्रायोजित रैली गरीब रैला आ फेर मंडल रैली लोक क जेहन मे एखन धरि अछि। 1980 स पूर्व रैली लेल आमंत्रण क चलन नहि छल,बल्कि लोग स्वत: अपन हीरो कए सुनबा लेल भाषण स्थल तक अबैत छलाह। महात्मा गांधी क प्रार्थना सभा हुए बा पंडित जवाहरलाल नेहरू क 1962 क रैली, पटना सबहक गवाह रहल अछि। 1962 मे पटना बेली रोड मे खुलल जीप मे घूमैत नेहरू कए देखने अछि त दोसर दिस हेलीकाप्टर स गांधी मैदान पहुंचल मायावती कए सेहो देखबाक अवसर पटना कए भेटल अछि।
गांधीवादी विचारक डा. रजी अहमद क कहब अछि जे जनसभा से रैली तक क इतिहास पटना जेतबा लग स देखलक ओतबा आन कोनो शहर नहि देखलक। ओ कहैत छथि जे अगस्त क्रांति क लपट ग्यारह अगस्त कए पटना पहुंचल छल। अस्वस्थ रहबाक कारण डा. राजेंद्र प्रसाद पटना मे छलाह। हुनका गिरफ्तार क लेल गेल। हुनकर गिरफ्तारी क बाद पटना मे जे भीड़ जुटल छल ओ छात्र क पहिल रैली छल। कोनो सभा नहि छल ओ। अहमद कहैत छथि जे आजादीक बाद 1962 मे पंडित जवाहर लाल नेहरू क सभा पहिल एतिहासिक सभा छल। कांग्रेस क कार्यक्रम क सिलसिला मे ओ पटना आयल छलाह। आइ जाहि ठाम बेली रोड मे चिड़ियाघर बनल अछि ओतहि पंडित नेहरू क सभा भेल छल। ओ आम जनताक बीच स खुलल जीप मे सभा स्थल तक गेल छलाह। रास्ता क दूनू भाग काफी भीड़ छल।
डा.रजी अहमद अपन स्मृति कए जागृत करैत कहैत छथि जे जेपी क आह्वान पर गांधी मैदान मे चार नवंबर 1974 कए जे भीड़ जुटल छल ओकर चर्च सब करैत अछि, मुदा पाकिस्तान क संग युद्ध आ फेर बांग्लादेश क उदय क बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी क जे सभा 1974 मे गांधी मैदान मे भेल छल ओकर सेहो अपन इतिहास अछि। ओ भीड कए सेहो नहि बिसरल जा सकैत अछि। इंदिरा गांधी अपन पिता क समान गांधी मैदान एकटा खुलल जीप स पहुंचल छलीह। अहमद कहैत छथि जे 1980 स पूर्व जनसभा या रैली मे लोक एहि भाव स नहि अबैत छल जे गांधी मैदान मे जे सभा भ रहल अछि ओ कोनो किसी दल विशेष क नेता क छी। बल्कि मामला इ छल जे लोक अपन हीरो कए सुनबा लेल अबैत छल। ट्रेन पकडि कए आसपास क लोक गांधी मैदान पहुंचैत छल। 1980 क बाद बस स लोक कए पटना अनबाक चलन शुरू भ गेल। हाल क दू दशक मे मंडल रैली, गरीब रैला आ फेर मायावती क रैली एकर उदाहरण अछि जे लोकक स्मृति मे अछि।
जहां धरि गांधी मैदानक सवाल अछि त आजादी क पहिने पटना मे देश क दिग्गज नेता क जनसभा मुख्य रूप स पटना सिटी क मंगल तालाब आ दानापुर इलाका मे होइत छल। तखन गांधी मैदान मे जनसभा क अनुमति नहि छल। मुदा आजादी क बाद इ मैदान बहुत किछु देखलक। डा.रजी अहमद अपन स्मृति कए जागृत करैत कहैत छथि- जेपी क आह्वान पर चार नवंबर 1974 कए जे जुटान गांधी मैदान मे भेल छल ओ एखन धरिक मात्र गांधी मैदानक नहि बल्कि भारतीय इतिहासक सबस पैघ स्वत: स्फूर्त रैली छल। भीड़ इतिहास मे दर्ज अछि। हाल इ छल जे फतुहा मे पुलिस प्रशासन एहि प्रकार स व्यवस्था क देने छल जे लोक पटना नहि आबि सकथि। तखन गंगा मे जल सेहो छल। प्रशासन कए एहि गपक भय छल जे लोक नाव स पटना पहुंच जाएत। एहि मामला मे जे सख्ती भेल ओकर अपन इतिहास अछि। एकर बावजूद लोक गांधी मैदान देखल गेल।
गांधी मैदान क संदर्भ मे बसपा सुप्रीमो मायावती क नाम सेहो एकटा इतिहास अछि। बसपा क रैली मे ओ एयरपोर्ट स गांधी मैदान हेलीकाप्टर स आयल छलीह। गांधी मैदान मे पहिल बेर हेलीपैड बनाउल गेल छल। गांधी मैदान लेल इ पहिल मौका छल जखन कोनो नेता जमीन क बदला मे आसमान स आयल छल। लालकृष्ण आडवाणी कए गांधी मैदान क एकटा चुनावी सभा मे पटना क तत्कालीन डीएम गौतम गोस्वामी समय खत्म भेला पर भाषण देबा स रोकि देने छलाह। इ अपन समयक एकटा पैघ घटना छल। समय क संग पटना बहुत किछु बदलैत देखलक, नहि बदलल त बस पटनाक राजनीतिक जागृति जे एखनो देश मे राजनीतिक आंदोलन क मानक अछि। इ निर्विवाद सत्य अछि जे पटनाक गांधी मैदान क आवाज दिल्ली क सत्ता तक एखनो जंतर-मंतर स बेसी तेज पहुंचैत अछि। एकर प्रमाण समाजसेवी अन्ना हजारे क आंदोलन अछि जे दिल्ली क असफलता क बाद पटनाक गांधी मैदान स पुन: नव संस्करण मे एबाक तैयारी क रहल अछि।
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