भारतीय सिविल सेवा परीक्षा मे मैथिली कए एकटा विषयक रूप मे चयन एखनो एकटा फैसला मानल जाइत अछि। 2 मई कए आयल सिविल सेवाक मुख्य परीक्षा क रुकल परिणाम मे सफल उम्मीदवार सौरभ चंद्र (रैंक 66) किछु एहने लोक मे शामिल छथि जे मैथिली कए एकटा विषय क रूप मे चयन केलथि आ सफलता सेहो अर्जित केलथि। सिविल सेवा परीक्षा मे इतिहास स तीन बेर असफल रहल सौरभ अंतिम प्रयास मे लोक प्रशासन संग अपन मातृभाषा मैथिली कए मुख्य विषय बनेलथि आ सफलता क स्वाद चखलथि। मधुबनी क एकटा छोट सनक गाम धनियापट्टी क रहनिहार सौरभ स एहि उपलब्धि पर इसमाद लेल सुनील कुमार झा विस्तार स चर्चा केलथि अछि। प्रस्तुत अछि ओकर किछु खास अंश…
प्रश्न – सबस पहिने आईएस बनबा लेल बहुत बहुत बधाई।
उत्तर – बहुत बहुत धन्यवाद। इ सब गुरुजन आ माता-पिता क आशीर्वाद क नतीजा अछि।
प्रश्न – अपनेक प्रारंभिक शिक्षा कतए भेल।
उत्तर – हमर प्रारंभिक शिक्षा शांति निकेतन बाल विद्यापीठ स भेल अछि, जतय हम अपन हाई स्कूल कम्पीट केलहुं, तेकर बाद उच्च शिक्षा लेल दरभंगा आबी गेलहुं।
प्रश्न – मधुबनी मे संस्थान क कमी छल या कोनो खास गप जे अहाँ कए दरभंगा दिस आबय लेल मजबूर क देलक।
उत्तर – मधुबनी मे संस्थानक कमी त अछि। दोसर मिथिला विश्वविद्यालय क नाम बहुत सुनने रही, ताहि लेल बेसी उत्सुक रही एहि मे पढबा लेल। दोसर मैथिली क प्रति हमरा अनुराग बच्चे स छल।
प्रश्न – तैयारी की कोना भेल, कतए स तैयारी केलहुं।
उत्तर – स्नातक क बाद दिल्ली चल गेलहुं आ शुरू स सिविल सेवाक तैयारी मे लागल रहलहुं। दिल्ली मे मुखर्जी नगर मे डेरा लेने रही।
प्रश्न – तैयारी करबा काल कोन गप क ध्यान बेसी राखल।
उत्तर – हमर हिसाब स बेसी टेस्ट बुक पढबा स कोनो फायदा नहि होइत अछि। सबस पैघ गप इ जे अहां ओतबा पढू जेकरा नीक जकां बुझि सकू। दस टा किताब पढला स बढ़िया अछि जे एकटा किताब दस बेर पढू, संगहि हम स्वाध्याय क बेसी महत्त्व दैत छी, हमरा विचार स शिक्षक खाली मार्गदर्शन करैत छथि, ओ बाट नहि खोली या बना सकैत छथि। इ काज अहां कए अपने करबाक अछि।
प्रश्न – इतिहास छोडि मैथिली कोना लेलहुं।
उत्तर – सबस पहिने त मैथिली हमर मातृभाषा छी आ एहि भाषा संग हम बेसी सहज छी। इ सही अछि जे हम इतिहास स स्नातक केने छी आ तीन बेर इतिहास ल कए परीक्षा देने रही, मुदा इतिहास ल कए तीन बेर असफलता क मुंह देखला क बाद हमरा लागल जे अपन मातृभाषा स कियाक नहि एक बेर प्रयास करी। किया कि हमरा इ महसूस भ रहल छल जे मातृभाषा भविष्य क निर्माण क सकैत अछि। एकर बाद हम इ फैसला लेलहुं। इ हमर आखरी प्रयास छल आ हम सफल भ गेलहुं।
प्रश्न – मैथिली त अहां लेल नव विषय छल।
उत्तर – ओना मिथिला विश्वविद्यालय म पढैत पढैत हमर मैथिली स बेसी जुड़ाव भ गेल छल, एहि दौरान मैथिली स हमर बेसी अनुराग भ गेल, पत्राचार मे हम सेहो मैथिली क प्रयोग करैत रही। एहि लेल हमरा मैथिली नव विषय नहि रहल।
प्रश्न – सोमदिन अहां परिणाम आयल आ शुक्रदिन नवका सत्रक परिणाम सेहो आबि गेल। की उम्मीद कैल जाए एहि बेर सेहो मैथिली कए छात्र सफल भेल हेताह।
उत्तर – अवश्य, किया नहि। 2010 क सत्र मे हमरा सब संग कुल 40टा छात्र एहन मुख्य परीक्षा मे छलाह जे मैथिली कए एकटा विषयक रूप मे लेने छलाह। पहिलका सूची मे त 11 गोटे क नाम सामने आबि चुकल अछि, नवका मे एकटा हम छी। एहि सूची मे आओर मैथिली विषय लेनिहार सफल भेल हेताह। हमरा लग आंकडा नहि अछि। सत्र 2011 मे सेहो मैथिली कए विषय बनेनिहार सफलता अर्जित केने हेताह। एखन त क्षेत्रवार लोकक परिचय सामने आबि रहल अछि, विषयवार आंकडा सेहो सामने आउत।
प्रश्न – आगां मैथिली आ मैथिल क उत्थान क लेल कोनो योजना।
उत्तर – निश्चित रूपे। हमर एहि जीवन आ भविष्य मैथिली तय केने अछि ताहि लेल हम मैथिली लेल जेतेक भ सकत करबा लेल सदिखन तैयार रहब। अपन सेवाकाल मे सेहो मैथिली क लेल जे कोनो सहयोग हमरा स भ सकत हम पाछु नहि हटब।
प्रश्न – अहां अपन सफलता क श्रेय केकरा देब।
उत्तर – हम अपन सफलता क श्रेय अपन बाबूजी कए देब। हुनकर प्रयास स हम सफल भेलहुं। तकर बाद हम अपन गुरुजन, मां आ परिवार क सब सदस्य संगे मित्र लोकनि कए सेहो एकर हिस्सा बनायब।
प्रश्न – सिविल सेवा क तैयारी क रहल छात्र लेल कोनो सन्देश।
उत्तर – मातृभाषा भविष्य निर्माण कए सकैत अछि एकरा बिसरब नहि। पढू आ खूब पढू जतबा पढ़ब तेतबा आगाँ बढब, एहि बाट मे मुश्किल खूब आउत मुदा मुश्किल पार करब तखने सिकंदर बनब।
प्रश्न – इसमाद स गप करबाक लेल बहुत बहुत धन्यवाद
उत्तर – अहूँक बहुत बहुत धन्यवाद।
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Pahile te saurab ji ke bahut bahut dhanayad safalta ke lel. Ek baat hamar man me aaib raha chai Maithili visay me paryapt study material upladha chai..? Aur kunu kathinai…je aaha ke bhel is visay ke chunaw ke baad ukar charcha nai kato bhel.!