मिथिला क विकास लेल सब क्षेत्रक लोक अपन अपन स्तर स प्रयास क रहल छथि। विकासक मामला मे पछुआ गेल मिथिला क दर्द सब मैथिलक शरीर मे बराबर भ रहल अछि। मैथिलीक प्रसिद्ध फिल्मकार मुरलीधर क कहब अछि जे विकास जमीन स कटि कए नहि, बल्कि जमीन पर जा कए भ सकैत अछि। हुनक एहि विचार कए बिना कोनो संपादन केने अहां सब लेल प्रस्तुत क रहल छी।
केओ मुंबई केओ दिल्ली केओ पंजाब,परवल आ देशक अन्य भाग सों मिथिला प्रेमी सब आवाज़ उठा रहल छैथ, जे मिथिलाराज बनना चाही, केओ कहैछैथ मिथिला राज लईये क छोड़बैन्ह. मुदा हमरा विचार सों समादे दही नैहि जन्मय (जमय) छैक ताहि लेल जोरन देबयटा परे छैक. ई त ऐना भेल जे घमासान लड़ाई मचल छैक सरहद पर आ फटक्का फोड़य छी गाम में. राज चाही बिहार में आ संस्था खोलने छी = मुंबई / गुजरात / दिल्ली / कोलकाता में. इतिहास गवाह छैक आई धैर जतेक राज्यक स्थापना भेल अछि ताहि में बहुतो के अप्पन प्राणक आहुति देब पडलयन तहन जा क सफलता भेटलैक अछि, गोरखालैंड, तेलंगानाक स्थिति आइंखक आगू अहि, भारत के आर दोसरो भाग में कतेक संघर्ष भ रहल छैक कतेक लोक आत्मदाह केलक कतेक गोली लाठी खा क अपना प्राणक आहुति देलक मुदा स्थिति जस के तस. भगवती नैह चाहैथ जे मिथिलांचल में एहन स्थितिक सर्जना होइक. मैथिली भाषा , मैथिलि संस्कृतिक जे ह्रास भ रहल छैक तेकर जिम्मेदार के? मैथिली भाषा/ मैथिली संस्कृति एखन अति संकट ग्रस्त अछि एक त दोसर आंचलिक भाषा (बोली) कए घुस-पैठ दोसर मैथिली भाषा क लोक मात्र ब्राह्मणक भाषा बुझैत छैक से किये ? जनगणना काल में गैर ब्राह्मण अप्पन मातृ भाषा हिंदी लिखबय छैथ से किया? अहि विषय पर मिथिला राज के नाम पर ढोल पीट वला झंडावरदार सब के चाईक आ संज्ञान में छैन्ह?. सबस पैघ मुद्दा जे जे मिथिला राज चाही त किएक, केकरा लेल केकरा द्वारा..? मिथिलाक युवक सब पलायन क रहल अछि होनहार विद्यार्थी सबके अप्पन गाम घर छोइड क बनवास लेव लेल मजबूर होम पैड रहल छैक अशिक्षा , बेरोज़गारी , रोग , भूख स्वास्थ्य के समस्या , मिथिलांचलक परिचय होइत छलैक दही, माछ , पान , मखान आ तिलकोरक पात सों मुदा महिषक थन सुखा गेल, माछ चैढ गेल गाछ पर, बारी मुका पानक पात मौला गेल, मखान अहि मचान पर, तिलकोरक पात सुखा गेल। लोकक दरवज्जा पर सों महिस, गाय, बकरी पठरु सब हेरा गेल, जलचर सुखा गेल अहांके माछ अबैया आंध्रा सों, तरकारी अबैया बर्धमान (बंगाल) सों, अडिया करिकवा छागर (खस्सी) अबैया राजस्थान सों जों अहाँ सब किछ खाई छी त भैंस पोसय किया नैह छी , मुर्गा मान्छ पालय किया नैह छी ? हिनका सबके मिथिला राज चाही…. ओ जमाना गेल जे दलानक खाट पर बैस क तमाकुल चुना रहल छी, तास फेटा रहल अछि ,भांग घोटा रहल अछि, खेत बटायदार करैया अधा अन्न आँगन में पंहुचा जैत छल आब ओ सब किछ स्वयं करब तखने जीवित रहब बहुत दिन परजीवी रहलों आब जमाना संगे चलवाक प्रयास करू. हिनका सबके मिथिला राज चाही….. व्यथा एतब्या नैह अछि गामक कृषक सबहक सहयोगी सेहो किछ बेसी पाई कम्या दुआरे पंजाब चल गेल आश्चर्य होइया, पंजाब में 8 घंटा के बदले 24 सों घंटा काज करए परैत छैन्ह खेते में रह लेल खोपरी बना देत छैन्ह, तैयो खुश छैथ. राइत क खेतक मालिक सरदार सब दारु हफिंग खा क अबै छैन्ह आ मारबो पिटबो करै छैन्ह मुदा तैयो खुश। मुदा अपना गाम में रही 8 घंटा ड्युटी क परिवार संगे रहब से नैह. गाम मे युवा सबहक अकाल भ गेल छैक अप्पन जमीन जथा बटैया लगा क केवाड में एक सेरक ताला मायर क मुंबई चल जेता दरवानी करए, दिल्ली में तरकारी बेचता, कोलकाता मे भंसियाक (महराज) काज करताह, बर्तन मलता, गाडी धुलाई करता परन्तु अपना गाम मे रही अपना जमीन पर अप्पन पसीना नैह बहेता… अहि विषय पर मिथिलाक बुद्धिजीवी विद्वान सबकए एक छत्ता तर मे आब पड़तैन्ह. चाहे ओ कोनो समुदाय सों होइथ. हम मिथिला समाजक लोक सब सों पूछ चाहबैन्ह आ कहए चाहबैन्ह जे एहन स्थिति केर सृजना भेल कोना? आ एकर निवारण कोना होएत ताहि पर मंथन चिंतन केनाई अति आवश्यक अछि…पहिने घर दुरुस्त करू/ गाम दुरुस्त करू/ पंचायेत/क्षेत्र/ जिल्ला/ गरीबी कुपोषण,अशिक्षा, पर्यावरण, समाज में सुख, समृद्धि कोना पसरत जाही मिथिला में अप्पन भाषा , अपना संस्कृति के अवहेलना भ रहल अछि अहि सबके प्रतिष्ठित करू पहिने घर मजबूत करू अहि चिंता जनक स्थिति पर ध्यान केन्द्रित केनाई आवश्यक छैक नैह की मिथिला राज पर…. अहि मिथिलांचल धरती कहियो सोन चिरय कहावैत छल मुदा अहि समाजक गद्दार बइमान सब मिल क ओही सोन चिरय के पैंख नोइच नोइच क लहू लहुहान क देलकय आब मात्र एक्केटा उपाय अछि, अप्पन खून पसीना रूपी मेहनत के मलहम बना क ओही सोन चिरय के घाऊ पर लगा क सोन चिरय के ठीक करी दुरुस्त करी आ ओही सोन चिरय के आकाश में परवान चढ़हैत देखी जाहि सों ई मिथिलाक पावन धरती फेर सों सोन चिरय कहावय .. जय मैथिलि जय मिथिला…”‘.स्वर्ग सन मिथिला धाम अप्पन गाम स्वर्ग नाचे धरती पर..सांझ खान सोहर के तान पराती भोर भिसर.”…. जे मैथीली
ki kahu mithila ta swarg chhi dukh ke bat e ahhi ki jati wadi sab ta hamra sab brahman samaj ke daba rahal achhi lekin ham sab garw s kahi rahal chhi ki hamra sab ke yadi kono aarakchhan nahi bhetat tahiyo ham apan budhhi sa aagu rahab or aagu rahe ke koshish karab. aagu bat achhi je hamra samaj s aarachhan hata debak chahi.ghar s bahar aabi k dekhu ki aarakchhan ke aadmi aagu chhe ki bina aarachhan wala.
ek bat kahet chhi mithila ke washi sab mili k mithila s jati wadi ke hatabu.bhagwan sab ke karm bati dene chhathin je okar anadar karet chhe se aagu bhoge chhe tahi chalte kakhano mon me e nahi karbak chahi ki ham hajam cchhi t ham kesh nahi katab hamar karmachhi ham kyak nahi katab hamra me o kala achhi e nahi ki ham galat karet chhi
मिथिला राज्यक आन्दोलनक लेल जे अबाज चाही ओ मिथिलामे अखनि धरि नहि पहुँच सकल अछि. कारण मिथिला आ मैथिलीकेँ काटि-काटि बँटबाक जे प्रयास भ रहल अछि ओकर प्रति यावत् धरि मिथिलाक जनता नहि जाग्रत होएत तावत् धरि आन्दोलनक सपना मात्र मिथ्या सिद्ध होएत।
बिल्कुल सही मुरलीधरजी ।
MITHILA PRANT KEBLAM
Ahan apan prasank swayi uttar ehi sundar lekh men dene chhee. Mithila men arthik bipannata kiyek bhel? E mul prasn achhi, jahi chalte lok aan pradesh aa bidesh, jibika ke khoj men jait chhaith.
Ehi bipanata ke mukhya karan achhi, Nepal san aba bala sab nadi men barhi. Je Mithila 4-6 mas dhari pani men dubal rahat, ota ke lok ki karat? ota, investor kona kono karkhana lagaot?
Nepal aa India ke mili k , Nepalak andar sab nadi per dam banak ehi samasya ke samadhan hait. Muda e bhagirathi kaj ke Bihark CM pachhila 60 barakh men suruo nahi kara poulah achhi. E Bhagirathi kaj matra Mithila prant aa Mithilak CM (a dedicated manager) ke dwara sambhab achhi.
Mithila prant bhene, UttarBihar ke kalyan hait. Jati-panti ke chakkar men nahi paru. Apan paribarak bhabishya ke banebak lel Mithila prant banab ke kaj men jatahi chhe, otahi sa prayatnshil rahu.
Mithila prant kona hait ahi lel Game Gam, Patna, Dilli, Mumbai, London, NewYork jata 2-4ta Maithil chhaith, kaj chalait rahbak chahi. Yabat Mithila nahi bani jai. Sab Uttar Bihari mili kai, ek jut bhakai prayatn karait rahu.
Mithila prantak birodh kona kam hait seho charcha jaruri achhi. Yahi hamsab ghare me ekmat nahi haib, tan bahar anka kona convince karbaik?
Ek sadhe sab sadhe, sab sadhe sab jai ke dhyan men rakhit, Mithila Prant keblam ke goal laka barhu
Jai Mithila, Jai Tirhut,Jai Videh, Jai Uttar Bihar
JAI MAITHIL,JAI MAITHILA,JAI MAITHILI,NAMASKAR. HUM SANJEEV MISHRA BHOPAL.WE SHOULD UPDATE WHERE WE ARE MISSING AND LACKING, GREAT TO MEET WITH YOU ALL. WE SHOULD FEEL PROUD TO SAY WE ARE FROM MAITHILA.
Murali Bhaiya , Gor Lagai Chhi
Hum Bhorukawa Fm Rajbiraj San Binay Karna – Apnek Aalekh Hamra Aetek Nik Lagal Ki Hum Radio Me Hu Bahu Prasharn Kelaun Aa Swarg San Mithila Dham Geet Seho Bajelaun Hamar Aagrah Je Aehan Aalekh Sab Apne Nepalk Mithilak Sandharv Jodika Seho Likhal Jay Hum Radio Me Prasharan Karab.
murlidhar je ke bichar sa ham bilkul sahmat chhi . nitish ke rojgar aa congress (kendra) ke manrega yojna ke babjood lakho maithil nabyubak mahila burdh lok sab roj daribhanga . saharsa , katihar, bhagalpur aadi jagah sa train pakari kay punjab hariyana mumbai or dosar jagah jathi chhathi.se kiya ? mithilanchal me sansadhan ke abhab nahi muda upyukat dohan ke awsyakta achhi ..thi hetu murlidhar ji ke kahab jayaj chani. kichu baat o karwa jaroor kahlahe muda jayaj . ger bramhan ke brabmah nichta ke najair sa nai dekhiyo okra baat ke bhawna ke samtju . pahil bat ta ham appna ghar me hindi ke maithili sa nik bujhai chi aa bahar me hindi jharai chhi se kiya je mathili nai bujhai t okar sange baju ta thik muda maithili bhasi lag seho hindhi jhari .i thik baat nai.
jay mithila jay maithil.
besh tay shubh din.]