गृह मंत्री पी चिदंबरम हमर नीक मित्र छथि। देश क समस्या क प्रति ओ पूरा जागरूक छथि। दिक्कत इ अछि जे ओ संवेदनशील मामला मे सेहो एकटा राजनेता जेकां व्यवहार नहि करैत छथि, बल्कि अपन अफसर पर निर्भर भ जाइत छथि। केंद्र आ राज्य सरकार गुप्तचरी क मामला मे अफसर पर निर्भर होइत अछि आ इ अफसर अपन मातहत छोट-छोट इंस्पेक्टर पर आश्रित रहैत अछि। एहि तरह स पूरा आ सही खबर ककरो नहि भेट पबैत अछि जाहि स अक्सर गलत निर्णय भ जाइत अछि। शायद अपन अधीनस्थ अफसर क सलाह पर चिदंबरम इ बयान द देलथि जे दिल्ली मे जे अपराध बढ़ल अछि ओ प्रवासी द्वारा अंजाम देल जा रहल अछि।
दिल्ली आ मुंबई जइसन महानगर मे प्रवासी क मामला अत्यंत संवेदनशील अछि। जेना चिदंबरम इ बयान देलथि, राजनीतिक आ गैर-राजनीतिक हलका मे तूफान उठब स्वभाविक छल। पहिने सहो कई बेर विभिन्न दल क राजनेता इ टिप्पणी केने छलाह जे दिल्ली क समस्या क जड़ि मे बिहार स आयल प्रवासी मजदूर अछि। दिल्ली क एकटा पूर्व मेयर त एतबा धरि कहि देलक जे बिहार स आयल प्रवासी मजदूर कए ढंग स रहब नहि अबैत अछि। ओ पूरा दिल्ली कए गंदा करि द रहल छथि। हुनकर एहि बयान पर घोर विरोध भेल। अंततः मेयर साहब कए माफी मांगए पड़ल।
कोनो प्रवासी कोनो हालात मे दोसर जगह जाकए जीवन-यापन नहि करबा चाहैत अछि, किया जे ओकरा भाषा क दिक्कत होइत छै। नव वातावरण मे अपना कए ढालबा मे कठिनाई होइत छै। फेर मौसम आओर माहौल क सेहो फर्क पड़ैत छै। बिहार मे रहनिहार कोनो व्यक्ति क लेल दिल्लीक ठंड कए बर्दाश्त करब आसान नहि होइत छै, मुदा पेट क भूख ककरो प्रवासी कए कतहू जाकए रोजी-रोटी कमेबा लेल मजबूर करि दैत छै आ एहि सिलसिला मे अनेक लोक क जान सेहो चल जाइत छै, मुदा मुआवजा ककरो ककरो भेटैत अछि आ प्रवासी मजदूर क परिजन अपन तकदीर पर कानि अपन काज फेर शुरू करि दैत अछि। पूरा देश मे जतए-जतए बिहार क प्रवासी मजदूर अछि, ओतए एहि तरहक घटना आए दिन घटैत रहैत अछि।
प्रवासी मजदूर क स्थिति, चाहे ओ कोनो प्रांत क अछि, अत्यंत दयनीय अछि। दिल्ली मे त ओ गंदा बस्ती मे रहबा लेल मजबूर अछि। सरकार बेर-बेर स्थिति सुधारबाक गप केलक मुदा कोनो सुधार नहि केलक।
एहन मे मजदूर कए बढै़त अपराध क लेल जिम्मेदार ठहरा सरकार अनुचित काज केलक अछि। कौन समुदाय मे आ कौन राज्य मे अपराधी नहि होइत अछि? मुदा अनकर तुलना मे बिहार स दिल्ली आयल मजदूर बेसी सभ्य छथि। ओ चुपचाप अपन काज करैत छथि आ टका कमा कए ओकर एकटा हिस्सा एहि राज्य मे खर्च कए दैत छथि आ बाकी ल कए बिहार लौट जाइत छथि। आइ दिल्ली आ एनसीआर मे गगनचुंबी इमारत ठार अछि। एक-एक फ्लैट क दाम एक करोड़ टका स बेसी अछि, मुदा जे प्रवासी मजदूर अपन जान लगाकए एकरा बनेलक अछि, ओकरा इ ईनाम कोना द सकैत छी, ओकरा आखिर की भेटल, एकर चर्चा कतहू नहि भ रहल अछि।
जहां धरि दिल्ली मे बढै़त अपराध क प्रश्न अछि, त ओ नवधनाढय़ युवक क कारस्तानी छी, जे अपन मन बहलेबा लेल पैघ-पैघ गाड़ी स गरीब राहगीर कए कुचलैत रहैत छथि।
इ बड़ संतोष क गप अछि जे पी चिदंबरम सेहो अपन बयान वापस ल लेलाह। इ देखल गेल अछि जे दिल्ली सन जगह पर अपमान क घाव ल बिहार लौटल युवक नक्सली बनि जाइत अछि। एहि प्रवृत्ति कए रोकबाक लेल इ आवश्यक अछि जे बिहार स आयल प्रवासी कए अपमानित करबाक परंपरा बंद कैल जाए।
लेखक झंझारपुर स सांसद रहि चुकल छथि।