आइआइएम अहमदाबाद स पास आउट छात्र क अद्भुत पहल
ब्रांडेड तरकारीक पहिल चेन बिहार मे खुलय जा रहल अछि। सुधा के बाद समृद्धि बिहारक पहचान बनत। सुधा बिहार मे ओहि समय मे अपन नाम बनौलक जखन बिहार मे सहकारिता आ व्यापार क माहौल लगभग भ चुकल छल। आइ हालात बदलल अछि। आइआइएम स पढ़ल दूटा बिहारी छात्र नौकरी मांगबाक बदला मे नौकरी पैदा करबाक जे कोशिश केलथि अछि, समाद क पूरा टीम हुनकर अभिनंदन करैत अछि। हुनक संपूर्ण परियोजना क संबंध मे विस्तार स बता रहल छथि समदिया उज्जवल कुमार।
बिहारक सपना छथि कौशलेंद्र आ ओमप्रकाश
एखन धरि 5000 किसान कए जोड़लथि
पिछला दू साल स चलि रहल छल पायलट प्रोजेक्ट
नीतीशक हाथ स होयत चेन क उद्घाटन
वेंडर कऐ डिग्नीटी दिएबाक सपना
25 गोटे कए सीधा रोजगार
भ रहल अछि हर दिन 70 हजार टका क कारोबार
बिजनेस क तरीका
सबहक एकेडमिक फाईल
दिसंबर तक पांचटा पॉली हाऊस क प्रोजेक्ट होयत लांच
राजधानी क सबटा कॉलोनी मे शीघ्र हायत स्टॉल
सीन-1. यउ यार, पैकिंग टाईम ओवर भ रहल अछि। देखूे, रेट लिस्ट मिलल वा नहि। सबहक बिल एखन धरि नहि मिलल अछि। अनुज अपन लोकक संग कोऑर्डिनेशन बनेबा मे व्यस्त छथि। दिन क दू बाजल अछि। व्यस्तता हर दिन बढि़ जाइत अछि। नीक होयत अहां सब गप करबा लेल हमार कंट्रोल ऑफिस मे आबि।
सीन-2. हरेंद्र पैंकेजिंग मे व्यस्त छथि। हरेंद्र क ऊपर क्वालिटी कंट्रोल क सेहो जिम्मेवारी अछि। एक-एकटा आइटम पर नजरि रखैत छथि। पैकेज मे कनिक चूक भेल त, सबटा क्रेडिट खराब भ जाइत। ओमप्रकाश हरेंद्र कए बता कए निकलि रहल छथि जे ओ कंट्रोल ऑफिस जा रहल छथि।
सीन-3. कौशलेंद्र अपन लैपटॉप पर बजट क रिव्यू करि रहल छथि। आगू क प्लानिंग ड्राफ्ट करबा सेहो कौशलेंद्र क जिम्मेवारी अछि। एहि लेल कौशलेंद्र कए एकटा केबिननुमा अलग चैंबर देल गेल अछि। कॉरपोरेट कल्चर क भांति कौशलेंद्र स भेंट करबाक पूर्व हुनका स सहमति लेनाइ सेहो नहि बिसरैत छथि।
इ तमाम सीन कोनो कोई पैघ कॉरपोरेट हाऊस क नहि अछि। बल्कि एहन बिहारी जज्बा क अछि, जे उपेक्षित रहल वेंडरिंग क पेशा कए एकटा नव मुकाम देबाक सोचलथि अछि। आइआइएम अहमदाबाद स एमबीए क पढ़ाई पूरा करबाक बाद कौशलेंद्र आ ओमप्रकाश लाखो टकाक अट्रैक्टिव पैकेज कए त्याग कए किछु अलग करबाक सोचलथि। एहि मे हुनकर ओ परिवेश आधार बनल, जतय स ओ अबैत छथि। किसान परिवार स अबैक कारण कौशलेंद्र किसान क दर्द आ हुनकर शोषण कए लग स देखने छथि। जखन एमबीए क लास्ट ईयर मे रहथि तखने ओ पैसला केलथि जे हुनका प्लेसमेंट मे पार्टिसिपेट नहि करबाक अछि
कौशलेंद्र आ ओमप्रकाश कहलथि जे तरकारी कए सेहो ब्रांड बनेबाक सपना अछि। जेना डेयरी प्रोडक्ट क रूप मे ‘सुधाÓ एकटा ब्रांड बनि कए उभरल अछि, तहिना तरकारी मामला मे ‘समृद्धिÓ एकटा ब्रांड बनि कए उभरत। कौशल्या फाउंडेशन क चेन अगिला माह खुलत। इ चेन मात्र बिहार मे नहि, पड़ोसी राज्य झारखंड आ उत्तरप्रदेश मे सेहो खुलत।
प्राइस कंट्रोल क फंडा
छोट किसान क इ आम शिकायत होइत अछि जे हुनका लग प्रोडक्ट क प्राइस एकाएक डाऊन भ जाइत अछि। वजह होइत अछि, एक संग पैघ मात्रा मे प्रोडक्शन आ ओकरा प्रिजर्व करबाक समस्या। एकरा लेल कौशलेंद्र आ ओमप्रकाश ‘पॉलिहाऊसÓ प्रोजेक्ट पर काज कए रहल छथि। एहि टेक्निक क जरिए कोनो तरकारी क उत्पादन कए एहि तरहे मैनेज करब संभव भ सकत जे ओहि समय मे पैघ मात्रा मे एकर उत्पादन न भ सकत। ओमप्रकाश एहि संबंध मे कहलथि जे एहि साल क अंत तक पांच पॉली हाऊस शुरू भ जाइत। एकटा पॉली हाऊस स पांच सौ किसान कए लाभ भेटत।
…आओर कारवां बनैत गेल
चूंकि कौशलेंद्र क पारिवारिक पृष्टïभूमि किसान रहल अछि, एकर कारण स ओ सब स्तर पर अपन तैयारी पूरा करि लेलथि। जूनागढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज स एग्रीकल्चर मे बीटेक क पढ़ाई पूरा केलथि। एकर बाद रहल-सहल कमी आइआइएम, अहमदाबाद स पूरा भ गेल। एमबीए क पढ़ाई पूरा हुएबाक क्रम मे बिहारी टैलेंट क एकटा जमात बनल गेल। से पहिल कौशलेंद्र बिहार स उपजेवाला तरकारी कए एकटा ब्रांड देबाक सोचलथि। एहि मे हिनकर संग देबा लेल आगू बढ़लथि आइआइएम स पास ओम प्रकाश सिंह। एन.एम.आइ.एम.एस, मूंबई स एमबीए करबाक बाद अनुज, एमएससी करि चुकल धिरेंद्र आ ग्रेजुएट हरेंद्र कुमार पटेल सेहो कौशल्या फाउंडेशन स जुडि़ गेल छथि।
डेढ़ लाख स शुरू भेल छल कारोबार
अपन स्कॉलरशिप क राशि आ किछु अन्य अवार्ड क तहत भेटल टका कए कलेक्ट करि कए कौशलेंद्र आ ओमप्रकाश कारोबार क नींव रखलथि। ब्रांड नेम रखल गेल ‘समृद्धिÓ आ मदर एजेंसी क रूप मे ‘कौशल्या फाउंडेशनÓ कए रजिस्टर्ड कराउल गेल। लगभग 50 हजार टका क लागत स एकटा रेफ्रिजरेटेड वान बनवाउल गेल, जाहि मे राखि कए तरकारी बाजार तक पहुंचाइल जा सकल।
पहिल दिन क सेल छल छह टका
ओमप्रकाश कहलथि जे पहिल दिनक सेल छल छह टका। हालांकि महीना क अंत तक इ राशि पांच सौ तक जा पहुंचल। दोसर महीना इ राशि करीब हजार रुपए तक जा पहुंचल। ओमप्रकाश क कहब अछि जे आइ एक दिन मे करीब सत्तर हजार टकाक करोबार भ रहल अछि। हर महीना स्टाफ्स पर 1.25 लाख रुपए खर्च भ रहल अछि। 25 गोटे त नौकरी करि रहल छथि आ सत्तर गोटे सीधा एकरा स जुड़ल छथि। हिनका संग दिहाड़ी कारोबार भ रहल अछि। एकर अलावा पांच हजार किसान कए अपन प्रोडक्ट कए सीधा बेचबाक सुविधा द रहल छी।
बंटा है डिपार्टमेंट
काज क पूरा बंटवारा अछि । ओमप्रकाश आ कौशलेंद्र ओवर ऑल स्ट्रेटिजी तय करैत छथि। एकर अलावा मॉनिटरिंग क जिम्मेवारी सेहो हिनके दूनू लग अछि। ओतहि अनुज ऑडिटिंग क काज करैत छथि। एकरा संगहि प्राइस रेट तय करब, परचेजिंग बिल मिलायब, गोदाम मे डिस्प्ले बोर्ड पर रेट चार्ट बनायब अनुज क जिम्मे अछि। दीपक काउंटर संम्हारबाक अलावा क्वालिटी कंट्रोल क जिम्मेवारी सेहो सम्हारने छथि। ओतहि हरेंद्र आ धीरेंद्र किसान क संग कोऑर्डिनेशन बनेबा मे माहिर छथि। जरूरत पड़लाह पर स्थानीय स्तर पर भेल कोनो दिक्कत कए बखूबी हल करैत छथि।
सीएम करताह चेन क शुभारंभ
वेजिटेबल ब्रांड क चेन क शुभारंभ सीएम नीतीश कुमार एहि माह करताह। एकर बाद स राजधानी मे एक संग करीब 15 तरकारी बाजार मे एकर स्टॉल लागि जाइत। एहि संबंधर मे ओम प्रकाश कहलथि जे एकर पाछु हमर सबहक मंशा अछि जे लोक वेजिटेबल वेंडर वाला क प्रति अपन नजरिया बदलि लथि। संगहि हुनका एकटा सोशल डिग्नीटी सेहो भेटत।
होम डिलिवरी क सेहो सुविधाकौशल्या फाउंडेशन क बैनर तरे आइआइएम पास आउट छात्र क बिजनेस तीन ग्रुप मे बंटल अछि। कुल बिजनेस क 60 फीसदी पार्टनर वेंडर क संग, 30 फीसदी इंस्टीच्युशंस क संग आ मात्र 10 फीसदी काउंटर सेल होइत। एकर अलावा कॉल क आधार पर होम डिलिवरी क सेहो सुविधा एकर जरिए मुहैया कराउज जाइत अछि। एकरा लेल शर्त अछि जे ऑर्डर 50 किलो स कम नहि हेबाक चाही। फतुहा, एकंगरसराय आओर आरा स तरकारी मंगाउल जा रहल अछि।
कोर कमिटी क मेंबर क एकेडमिक बैकग्राउंड
ओमप्रकाश
टेंथ-डिनौबली, धनबाद
प्लस टू-डिनौबली, धनबाद
गेजुएशन(हिस्ट्री ऑनर्स)-दिल्ली यूनिवर्सिटी
एमबीए(2007 बैच)-आइआइएम, अहमदबाद
कौशलेंद्र
टेंथ-जवाहर नवोदय विद्यालय, नवादा
प्लस टू-साइंस कॉलेज, पटना
बी टेक-जूना गढ़ एग्रीकल्चर कॉलेज
एमबीए-आइआइएम अहमदाबाद
अनुज
टेंथ-पूसा, समस्तीपुर
प्लस टू-मुजफ्फरपुर
ग्रेजुएशन-दिल्ली यूनिवर्सिटी (हिस्ट्री)
एमबीए-एन एम आइ एम एस, मंूबई
धिरेंद्र
एम एस सी इन केमेस्ट्री- मगध यूनिवर्सिटी
हरेंद्र कुमार पटेल-ग्रेजुएट-मगध यूनिवर्सिटी