ऑल सर्विसेज अंडर वन रूफ क अवधारना आब मूर्तरूप ल चुकल अछि। पटना क ओल्ड कलेक्टेरिएट बिल्डिंग क अपन कार्यालय मे बैस कए अनुप मुखर्जी विकास कार्य क मॉनीटर करि रहल छथि। एहि भवन क देखभाल ऑल सर्विसेज अंडर वन रूफ नाम क कंपनी करैत अछि। सब जिला क प्रोग्राम ऑफिसर क संग ओ मंथली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करैत छथि, लेकिन एहि टेलीकॉन्फ्रेंसिंग स सेहो पटना आ जिला क बीच क खाई नहि पटी सकल अछि। पटना मे त प्रशासन बेहतर भेल अछि, मुदा जिला मे सरकार क सामाजिक कार्यक्रम क स्थिति आओर पदाधिकारी क कार्यशैली मे कोनो खास बदलाव नहि आबि सकल अछि।
आइ जखन पर अपन जिला मुख्यालय दिस विदा भेलहु त सड़क देखी मन प्रसंन्न भ गेल आ ओ दिन कए स्मरण करि रोमांचित भ गेलहुं जहिया कहैत रहि जे सरकार किछु करै नहि करै इ सड़क कए बना दिए। हमर संग चलि रहल पत्रकार उज्जवल कहैत छथि – सरकार वारफुटिंग पर सड़क क निर्माण शुरू केलक अछि। मधुबनी स पटना क दूर तय करबा मे पहिने दस घंटा लगैत छल। आइ छह घंटा लगैत अछि। एहि सड़क पर आइ सेहो काज चलि रहल अछि। पहिने त एकर आओर खराब स्थिति छल, बीस किलोमीटर रोड क त अस्तित्व खत्म छल। खेत स भ कए यातायात परिचालित छल। मुदा आइ एहन नहि अछि।
आगू सड़क पर अवरोध छल। यातायात बाधित छल, मुदा इ अवरोध बच्चा लगेने छल, अपराधी नहि। गुजरैत कार क सामने ओ बांस कए खसा देने छथि। एहि उम्मीद मे कि सरस्वती पूजा क लेल कारवाला कि छु चंदा द दे। बिहार बदलि गेल अछि। बेसी दिन नहि बीतल, जखन एहन अवरोध कए देखैत आशंका भ जाइत छल। रंगदारी वसूलबा, अपहरण करबा या कार कए लूटबा लेल एहन अवरोध ठार कैल जाइत छल। 2004 मे अपहरण क चारि सौ वारदात भेल छल। मुदा आइ माहौल बदलल अछि। गाम मे दसटा मोबाइल कंपनी प्रतिस्पर्धा करि रहल अछि। प्रति सेकेंड एक पैसा क दर स। युद्ध स्तर पर काज केंद्र सरकार स बढ़ल आवंटन क कारण पिछला वित्तीय वर्ष मे विकास क नियोजित प्राथमिकता मे 160 करोड़ क राशि खर्च कैल गेल अछि। 2002 मे मात्र 12 करोड़ क राशि खर्च कैल गेल छल।
बीडीओ कहैत छथि जे नरेगा स संबंधित अनेक कागजात ओ देखा सकैत छथि। ओ अपन सहयोगी कए हाकदेलथि। ओ जमीन पर फाइल क ढेर स फाइल उठा करि दैत अछि। पेपर वर्कस्थिति इ अछि, गाम मे रोजगार प्रदान करै स बेसी तेज गति स जिला क कार्यालय मे पेपर वर्क क ढेर जमा होइत जा रहल अछि।
हमर गाम मे 1710 जॉब कार्ड प्रदान कैल गेल अछि। यानी, सौ दिन काज करबा पर मजदूरी क रूप मे हुनका 17 लाख स ज्यादा टका भेटल छल। गामक एकटा युवाक कहब छल जे ग्रामीण पूरा राशि क पांच प्रतिशत स कम पर दावा केलथि अछि। 43 प्रतिशत राशि क घपला करि लेल गेल अछि। मजदूर क काल्पनिक नाम आ फर्जी बिल क सहारे। 43 प्रतिशत क राशि क गबन क मामला शायद गाम मे रहस्य नहि अछि। आन लोक सेहो ओहि युवकक गप पर सहमति देलथि। केंद्र सरकार क लाखों-करोड़ों क राशि स्थानीय प्रशासनिक तंत्र क टेबुल पर अछि। एकरा विश्वास क संग चोरेबाक प्रति ओ उदासीन बनल अछि- रहस्य इ अछि। पटना मे सेहो इ सवाल मन मे आयल छल। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी कहने छलाह- गरीब राज्य क समक्ष क्राइसिस ऑफ इंप्लीमेंटेशन-योजना कए लागू करब सबस पैघ संकट अछि। टका अछि, मुदा ओकरा खर्च कोना करी? पटना स एहि समस्या क समाधान नहि भ सकैत अछि। नीतीश कुमार कए पंचायत कए बेसी जीवंत बनाबए पड़त। स्थानीय योजना क प्रति निर्वाचित प्रतिनिधि कए जवाबदेह बनाबए पड़त, मुदा बिहार मे पंचायत एखनो पुरान प्रभावी लोकक हाथ मे अछि।
समाजक सबस गरीब लोक लेल विकास एखनो प्रखंड कार्यालयक टेबुल पर स आगू नहि बढि़ सकल अछि। एहि साल विधानसभाक चुनाव अछि आ गरीब नीतीशक दोसर पारी मे अपन हिस्सा सुनिश्चित करबा लेल आवाज उठेबाक मन बना रहल। मन निवेशक सेहो बना रहल अछि। बिहार क विकास एखन धरि सड़क निर्माण, इम्यूनाइजेशन ओद कार्यक्रम पर आधारित रहल, नव संस्था पर नहि। विकास पब्लिक इन्वेस्टमेंट स भेल अछि, प्राइवेट इन्वेस्टमेंट स नहि। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन मे व्यवसायी साख आ बिजली क कमी क चर्चा करैत छथि। राष्ट्रीय औसत क मात्र 12 प्रतिशत एहि ठाम खपत अछि।
बीआइए क पूर्व अध्यक्ष केपी झुनझुनवाला कहैत छथि – नीतीश कुमार क दोसर पारी क इंतजार मे निवेशक बैसल अछि। बिहारक गाम एखनो अनहार अछि, मुदा पटनाक सांझ हरदम हमरा सन लोक लेल रोमांचकारी रहल अछि। रोशनी स नहायल पटनाक सड़क पर जाम लागब आम भ चुकल अछि। जाम टूटल सड़क क कारण नहि अछि, जामक कारण अछि पिछला तीन साल मे शहर मे बढ़ल गाड़ीक संख्या। हमर ट्रेन समय पर छल। दिल्ली मे अनेक सवाल राखल अछि। बिहार कतेक बदलल, नीतीश क दोसर पारी संभव अछि या नहि आ अपराधक ग्राफ सही मे कम भ गेल अछि….। सबटा क उत्तर सोचैत रही कि मोबाइल पर एसएमएस भेटल,’चाही त पटना मे नौकरी ज्वाइंन करि सकैत छी। पटना लौटबाक इच्छा लेने एक बेर फेर दिल्ली जक्शन पर उतरि गेलहुं।