तिरहुत मे रेल एलाक 144 साल बाद भेटल अपन इंजन
पटना । मधेपुरा मे ग्रीन फील्ड विद्युत रेल इंजन कारखाना मे पहिल इंजन तैयार अछि। मधेपुरा लिखल इ इंजन भारत रेल इतिहास मे एकटा नव अध्याय शुरु करत। महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह क दूरदर्षित नीति स 1874 मे तिरहुत रेलवेक स्थापनाक संग एहि इलाका मे रेल क आगमन भेल आ 19वीं सदीक अंतिम कालखंड मे सर्वाधिक पटरी तिरहुत इलाका मे बिछाउल गेल, मुदा पटरी स ल कए इंजन तक विदेश स आयल छल, 144 साल बाद मधेपुरा मे अपन इंजन तैयार भ चुकल अछि। मिथिलाक चितरंजन अपन पहिल इंजन देश कए सनेस देबा लेल तैयार अछि। मधेपुरा रेल इंजन कारखाना मे 12 हजार हॉर्स पावर क पहिल इलेक्ट्रिक इंजन तैयार भ ट्राइल लेल अगिला मास पटरी पर उतरत। 28 फरवरी, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरी झंडी दिखाकर एकरा देश कए लोकार्पित करताह। रेल मंत्री पीयूष गोयल आ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एहि अवसर पर उपस्थित रहताह। हालांकि 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव मधेपुरा आ मढ़ौरा मे रेल इंजन कारखाना बनेबाक घोषणा केने छलाह, मुदा रेलवे राशि क अभाव मे इ परियोजना कई साल तक अटकल रहल। आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एहि परियोजना कए जमीन पर उतारबा मे सफल रहलाह।
रेलवे क आधिकारिक सूत्र कहब अछि जे एहि इंजन कए बनेबा में फ्रांस क एल्सटॉम कंपनी क 35 इंजीनियर आ कर्मी लागल छथि। भारत सरकार संग एल्सटॉम क भेल समझौता क अनुसार एहि कंपनी कए सबटा जरूरी सुविधा मुहैया करवा देल गेल अछि। एहि मे कारखाना लेल जमीन, बिजली, रेल पटरी, सड़क कनेक्टिविटी सन आधारभूत संरचना अछि। अधिकारीक कहब अछि जे इंजन कए रवाना करबा लेल कारखाना स स्टेशन तक ट्रैक बिछाउल जा चुकल अछि।
एल्सटॉम क 800 इलेक्ट्रिक रेल इंजन 11 साल क अंदर तैयार करत। वित्त वर्ष 2017-18 मे केवल एक इलेक्ट्रिक इंजन देश को समर्पित कैल जायत। संगहि वित्त वर्ष 2018-19 मे चारिटा, जखनकि वित्त वर्ष 2019-20 मे 100 टा इलेक्ट्रिक इंजन देश कए समर्पित कैल जायत। इ इंजन ट्रैक पर 120 किमी प्रति घंटे क रफ्तार स दौड़त। एखन कारखाना परिसर मे 40 कोठलीक हॉस्टल आ फिटिंग लाइन बनाउल गेल अछि। एहि रेल इंजन कारखाना क लागत करीब 20 हजार करोड़ अछि।
ज्ञात हो जे मधेपुरा मे बीस हजार करोड़ क लागत स रेल विद्युत इंजन कारखान क निर्माण भ रहल अछि। मधेपुरा विद्युत रेल इंजन कारखाना क निर्माण क जिम्मेदारी फ्रांस क सबस पैघ ट्रांसपोर्ट कंपनी ऑल्सटॉम कए देल गेल अछि। इ परियोजना एफडीआइ (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) पर आधारित अछि। इ प्रधानमंत्री क मेक इन इंडिया क एखन धरिक सबस पैघ निवेश अछि।