नव बाट स बदलैत बिहार कए देखबा लेल जखन करीब दर्जन भरि देशक विदेशी पाहुन बिहारक सीमा मे प्रवेश केलाह त पर्यटनक मानचित्र पर बिहार एक बेर फेर अपन मजबूत उपस्थिति दर्ज करेबा मे सफल रहल। एहि एतिहासिक यात्राक दौरान समाद क विशेष समदिया उज्जवल कुमार ओहि 50टा यात्रीक सह-यात्री बनल रहलाह। संपूर्ण यात्रा पर प्रस्तुत अछि हुनकर समाद।
गंगाक बाट स बिहार पहुंचलाह दर्जन भरि देश क
50 टा पाहुन
लिट्टी चोखा आ छठ गीत क पर्यटक लेलथि मजा
यात्राक सफलता स गदगद स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट
कोलकाता-वाराणसी 14 दिन क छल टूर पैकेज
कोलकाता स शुरू भेल छल यात्रा
सात दिन तक रहल बिहार मे
सात अक्टूबर कए छल पटना मे
ठाम-ठाम रुकल 28 कोठली वाला जहाज
डिजाईन देख मन पड़ल महाराजी जमाना
हजाज मे बेंक्वेट हॉल, टीवी रूम आ डायनिंग हॉल सेहो छल
प्रति कमरा 1.5 लाख टका छल भाड़ा
कम पाइन सेहो चलब छल जहाजक विशेषता
करीब दू सौ साल बाद, बंगाल आ वारणसी रूट पर एक बेर फेर क्रूज क परिचालन गंगा नदी पर भेल। पांडव क्रूज प्राइवेट लिमिटेड इ सपना पूरा केलक। करीब 14 दिन तक क एहि टूर पैकेज मे पांच दिन बिहार क लेल छल। चारि अक्टूबर कए पांडव क्रूज बिहार क सीमा मे आयल आ सात अक्टूबर कए इ पटना क गांधी घाट पर रहल। 50 पर्यटक वाला एहि क्रूज मे अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, ऑस्ट्रेलिया आ कनाडा आदि देश क नागरिक सवार छलथि।
अंग केलक पहिल स्वागत
महाभारत काल मे अंग प्रदेश क राजधानी भागलपुर क इलाका स चार अक्टूबर कए इ यात्रा शुरू भेल। पर्यटक एहि ठाम विक्रमशिला यूनिवर्सिटी आ भागलपुरी शिल्प क अवलोकन केलथि। एतहि स शुरू भ गेल बिहार क मेहमाननवाजी। पटनाइट्स कए त एकरा लेल सात अक्टूबर तक क इंतजार करय पड़ल। मुदा बिहारक टूरिज्म डिपार्टमेंट पांचों दिन विदेशी पर्यटक क खातिरदारी मे जुटल रहल। विदेशी मेहमान कए बिहारी व्यंजन क टेस्ट कराबै लेल भागलपुर मे एकटा बिहारी शेफ सवार भेल। ओ अगिो पांच दिन तक पाहुनक संग रहल। हालांकि पहिने एहि पर कोलकाता क शेफ छल। बिहारी शेफ पाहुन लोकनि कए लिट्टी-चोखा, पिठ्ठा, चूड़ा-दही आ जलेबी क रूप मे स्थानीय व्यंजन परोसलथि।
..आई एम हैप्पी इन बिहार
यस, आई लव बिहार, वेरी फ्रैंडली पीपुल, वेरी नाइस एण्ड आई ऐम हैप्पी इन बिहार.. सन वाक्य विदेशी पाहुन धाप्रवाह कहैत रहलथि। बाबा बटेश क धरती पर उतरैत किछु पाहुन एहि ठामक लोक स गप मे लागी गेल त किछु प्राकृतिक सौंदर्य कए देखि अभिभूत भ गेल।
मंदिर क तस्वीर कैमरा मे कैद करैत समय प्रणाम, नमस्ते, गुड मार्निग सेहो लोक सब कए कहैत रहल। टूरिस्ट डिपार्टमेंट क लोक पाहुन सब कए जल्द से जल्द विक्रमशिला खुदाई स्थल देखा कए लौटय चाहैत छल मुदा पाहुन विक्रमशिला क इतिहास आ समृद्ध रहल एहि ठामक लाइब्रेरी क संबंध मे बहुत किछु बुझबा लेल किछु आओर समय रहय चाहैत छल। सब गोटे विक्रमशिला क अतीत कए लग स निहारलक।
अधिकांश सैलानी विक्रमशिला विश्वविद्यालय क अवशेष मे नोनी लगबा पर अफसोस जतौलथि। एहि ठामक आर्किटेक्ट प्रसंशक लंदन निवासी डॉ पाल कहलथि जे एहि ठामक संस्कृति एतबा समृद्ध रहल जे ओकर वर्णन नहि भ सकैत अछि। डेनमार्क निवासी पोये दोसर बेर भारत एलाह अछि आ पहिल बेर बिहार। हुनका एहि गपक अफसोस अछि जे ओ एखनधरि बिहार किया नहि आइल छलाह। सेना मे पायलट रहल पोये कए विक्रमशिला विश्वविद्यालय क इतिहास काफी नीक लागल। हुनका एहि ठाम लेल निर्धारित समय पर आपत्ति छल आ कहब छल जे जगहक हिसाब स काफी कम समय एहि ठाम लेल निर्धारित कैल गेल अछि। ओ कहला जे दू-तीन दिन लेल जल्द फेर मित्र सब संग आयब। एहने किछु विचार न्यूजीलैंड क कैटरीना, एलिजावेथ आ स्वीटजरलैंड क रोजमैरी आदि क सेहो छल। सब गोटे अंगक प्राकृतिक सुंदरता आ शांति क कायल भ गेल। जर्मनी क इंजीनियर डॉ रोमन सैकड़ों फोटो अपन कैमरा मेे कैद कलथि। 41 सदस्यवाला एहि दल क स्वागत ऐतिहासिक विक्रमशिला खुदाई स्थल पर बिहार सरकार क काबिना मंत्री अश्विनी कुमार चौबे केलथि। पाहुन कए स्थानीय माटी मे पान क ऊपज क जानकारी सेहो चौबे जी गाइड क रूप मे देलथि।
निराश आंखि मे चमकल सपना
विदेशी पाहुन कए पहुंचला स इलाकाई लोक क आंखि मे चमक बढि़ गेल। आब कहलगांव, ओरियप, अंतीचक, विक्रमशिला, कासड़ी आदि इलाका मे अधिकांश लोक जिज्ञासा हुनकर निराश आंखि मेे सपना चमका देलक। बाबा बटेशश्वर नाथ धाम स विक्रमशिला तक पाहुन कए आकर्षित करबा लेल दुकान, कैफै, रेस्टोरेंट, फूड प्लाजा, ताजा फल क दुकान, सजावटी रिक्शा क परिचालन क सोच लोक कए रोमांचित करि देने अछि। ओरियप गाम निवासी त्रिभुवन शेखर झा कहैत छथि जे आब इलाका क भविष्य बदलत। खराब सड़क बीतल दिनक गप होइत लोकक रहन-सहन आ व्यवसाय सेहो बदलत।
बाबा बटेश्वर नाथ धाम स्थित गंगा तट पर पर्यटक स भरल क्रूज आधिकारिक रूप स लंगर डालैत अछि। दुकानदार विदेशी सैलानी कए उत्सुकतावश निहारैत अछिं। एक दुकानदार क कहब अछि जे विदेशी लोक ओकर दुकान मे नहि आउत। हुनका हमार दुकान तखन आकर्षित करि सकैत अछि जखन दुकान मे एसी लगल रहत। चारूआत टाइल्स लगल फर्श रहत आ सड़क पर गंदगी नहि रहत। दोसर दुकानदार कहैत छथि एहन शीघ्र होयत।
हम ओहि टस्मानियां क छी, जाहि ठामक रिकी पोंटिंग छथि
ऑस्ट्रेलिया क टस्मानियां सिटी क रहैवाली एनिट ओहि ठामक प्राइमरी स्कूल मे 21 साल स हेड टीचर छथि। अपन वर कालेन डेनी क संग पहिल बेर भारत एलथि अछि। विक्रमशिला विश्वविद्यालय क अवशेष देखबाक दौरान जखन हुनका स गप भेल त ओ कहलथि जे आई बिलांग्स टू टस्मानियां, यू नो रिकी पांटिंग? फेमस क्रिकेटर? यस कहैते ओ फेर कहलथि-रिकी पांटिंग आलसो बिलांग्स टस्मानियां। कई बेर भेंट भ चुकल अछि। एहि गपक गर्व अछि ले ओ हमर टस्मानियां क छथि। एनिट कए इ जानकारी छल जे धोनी झारखंडक छथि जे पहिने बिहारक हिस्सा छल। आस्ट्रेलिया मे भारतीय छात्र पर भ रहल हमल पर एनिट आ कालेन डेनी स जखन पूछल गेल त हुनकर चेहरा क हंसी मायूसी मे बदलि गेल। ओ कहलथि जे खराब लोक सब देश मे अछि ओना टस्मानियां मे भारतीय छात्र पर हमला नहि भेल अछि, जखनकि ओहि ठाम खूब भारतीय छथि। एहि आस्ट्रेलियाई दंपत्ति क कहब अछि जे आस्ट्रेलिया क प्राइवेट स्कूल क संचालक ओहि ठाम भारतीय छात्र पर हमला करबा रहल छथि। एहन हमला स काफी दुख होइत अछि।
मेहमाननवाजी को लेकर खींचतान
बुद्ध सर्किट क भ्रमण करैत 50 टा विदेशी पाहुन क जत्था राजधानी पहुंचल। पटना मे मेहमाननवाजी क लेल बिहार स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट कॉरपोरेशन आ इनक्रिडिबल इंडिया मे खींचतान मचि गेल। बीएसटीडीसी जतय इनक्रिडिबल इंडिया पर आरोप लगा रहल अछि जे खिदमत मे हमरा सब कए लगबाक छल, ओहि ठाम इनक्रिडिबल इंडिया, पटना क डायरेक्टर जनरल संजय श्रीवत्स क कहब अछि जे इंटरनेशनल टूरिस्ट क लेल तमाम रोड मैप बनेबाक काज इनक्रिडिबल इंडिया क होइत अछि। एहन मे बीएसटीडी क रोल कहां होइत अछि।
जेना-तेना गप सुलझल। दूनू गोटे पर्यटक क लेल अलग-अलग इंतजाम केलथि। बीएसटीडीसी जतय अपन शेफ देलक, ताकि बिहारी व्यंजन क स्वाद पाहुन सब चख् िसकैथि , ओतहि इनक्रिडिबल इंडिया क दिस स भारतीय नृत्य कला मंदिर मे कल्चरल इवेंट क आयेाजन कैल गेल्। बीएसटीडी क जीए शआदत हसन मिंटो कहलथि जे बिहार क सीमा मे प्रवेश करबाक संगहि सबटा टूरिस्ट कए बिहारी व्यंजन क स्वाद परोसल गेल। एकरा लेल पहिने स सबटा तैयारी कैल गेल छल। पांच दिनक एतिहासिक यात्रा पूरा करि क्रूज बक्सर मे बिहारक सीमा स विदा भ उत्तरप्रदेशक सीमा मे प्रवेश केलक। मुदा किछु दूर गेला पर क्रूज क एकटा इंजन मे किछु गंदा फंसि गेल आ ओ काज करय बंद कर देलक। लेकिन शीघ्रहि ओकरा ठीक करि लेल गेल आ क्रूज वाराणसी पहुंच गेल। ऐना सफल भेल भगिरथी प्रयास आ खत्म भेल इ गंगाक लहर पर पाहुनक यात्रा।
बिहार कए ल कए बदलल अवधारणा
”इंडियन कल्चर क डायवर्सिटी हमेशा फॉरेन टूरिस्ट कए नीक लगैत अछि। विदेश मे तमाम चीज त भेट जाइत अछि, सुख-सुविधा भेट जाइत अछि, मुदा कल्चर डायवर्सिटी क मामला मे इंडिया क कोनो टक्कर नहि अछि । ओहि मे सेहो यदि बिहार क गप करि त केवल बिहार मे एतबा डायवर्सिटी अछि जे जेतबा बहुतो आन देश मे नहि होइत अछि। ओना आइ सेहो टूरिस्ट बिहार कए महात्मा बुद्ध क लेल बेसी पसंद करैत छथि।
कैप्टन संदीप शेखावत
कैटप्टन-पांडव क्रूज प्राइवेट लिमिटेड ऑफ इंडिया
बिहार क लेल इ गर्व क गप अछि जे एक संग कईटा देश क टूरिस्ट पांच दिन क यात्रा पर बिहार एलथि। स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट हुनकर खातिरदारी मे कोनो कसर नहि छोड़लक ।
गजेंद्र सिंह
टूर एंड ट्रैवल मैनेजर, स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट बिहार
स्टार ग्रुप क फैसिलिटी छल क्रूज मे
एहि क्रूज मे स्टार ग्रुप क फैसिलिटीज छल। यह कारण रहल जे तमाम पाहुन दिन भरि घूमैत छलाह आ राति मे एहि क्रूज मे आराम स सूति जाइत छलाह। एहि क्रूज मे कुल 28 एयर कंडीशंड कोठली छल, एकटा बैंक्वेट हॉल, एक टीवी रूम आ डायनिंग हॉल सेहो छल। एकर अलावा एकटा डिलक्स कैटेगरी क रेस्टोरेंट सेहो छल।
पुरान डिजाईन क छवि
पांडव क्रूज क पूरा डिजाईन पुरान स्टाईल क अछि। क्रूज क कैप्टन संदीप शेखावत कहलथि जे इ जहाज कम पाइन मे सेहो आसानी स चली सकैत अछि। सामान्य तौर पर कोलकाता-वाराणसी रूट पर बालू एतबा अछि जे क्रूज चलब आसान नहि छल। एकरा लेल पांडव क्रूज क खास तौर स डिजाईन कैल गेल अछि।
एकटा टूरिस्ट पर खर्च भेल 1.75 लाख टका
पांडव क्रूज अपन तमाम बूकिंग स्कॉटलैंड स्थित ऑफिस स कैलक अछि। इंडियन मनी क रूप मे एकटा टूरिस्ट पर लगभग 1.75 लाख टका क खर्च आयल अछि। जखन कि हिनकर ठहरबाक इंतजाम एहि क्रूज मे कैल गेल छल। एकटा कोठली मे दू गोटे कए ठहरबाक इंतजाम छल। एहि मे हिनकर दिल्ली स कोलकाता क हवाई खर्च आ फेर टूर समाप्त भेला पर वाराणसी स दिल्ली क हवाई खर्च आओर दिल्ली मे एक राति ठहरबाक खर्च सेहो शामिल छल।
चालक दल-आठ
महिलाएं-10
मुख्य शेफ कोलकाता क छल
सिक्यूरिटी क व्यवस्था– क्रूज पर प्राइवेट सिक्यूरिटी गार्ड आ जतय क्रूज रूकल, ओतहि जिला प्रशासन एकर देखरेख केलक।
बिहार मे कतय-कतय रुकल जहाज
चार अक्टूबर-बटेश्वर धाम भागलपुर
पांच अक्टूबर-मंूगेर
छह अक्टूबर-बाढ़
सात अक्टूबर-पटना
आठ अक्टूबर-बक्सर
नौ कऐ क्रूज वाराणसी मे रुकल
कौन-कौन ठाम भेटल मजा
भागलपुर- बिक्रमशिला यूनिवर्सिटी, बटेश्वरधाम आ भागलपुरी सिल्क इंडस्ट्री।
मुंगेर- मूंगेर योग अनुसंधान केंद्र, भीम बांध
बाढ़- एहि ठाम स बाट धेने नालंदा, राजगीर आ बोधगया गेलथि।
बक्सर- एहि ठाम केलथि बैलगाडि़क सवारी।
नव बाट स बदलैत बिहार कए देखबा लेल जखन करीब दर्जन भरि देशक विदेशी पाहुन बिहारक सीमा मे प्रवेश केलाह त पर्यटनक मानचित्र पर बिहार एक बेर फेर अपन मजबूत उपस्थिति दर्ज करेबा मे सफल रहल। एहि एतिहासिक यात्राक दौरान समाद क विशेष समदिया उज्जवल कुमार ओहि 50टा यात्रीक सह-यात्री बनल रहलाह। संपूर्ण यात्रा पर प्रस्तुत अछि हुनकर समाद।
गंगाक बाट स बिहार पहुंचलाह दर्जन भरि देश क
50 टा पाहुन
लिट्टी चोखा आ छठ गीत क पर्यटक लेलथि मजा
यात्राक सफलता स गदगद स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट
कोलकाता-वाराणसी 14 दिन क छल टूर पैकेज
कोलकाता स शुरू भेल छल यात्रा
सात दिन तक रहल बिहार मे
सात अक्टूबर कए छल पटना मे
ठाम-ठाम रुकल 28 कोठली वाला जहाज
डिजाईन देख मन पड़ल महाराजी जमाना
हजाज मे बेंक्वेट हॉल, टीवी रूम आ डायनिंग हॉल सेहो छल
प्रति कमरा 1.5 लाख टका छल भाड़ा
कम पाइन सेहो चलब छल जहाजक विशेषता
करीब दू सौ साल बाद, बंगाल आ वारणसी रूट पर एक बेर फेर क्रूज क परिचालन गंगा नदी पर भेल। पांडव क्रूज प्राइवेट लिमिटेड इ सपना पूरा केलक। करीब 14 दिन तक क एहि टूर पैकेज मे पांच दिन बिहार क लेल छल। चारि अक्टूबर कए पांडव क्रूज बिहार क सीमा मे आयल आ सात अक्टूबर कए इ पटना क गांधी घाट पर रहल। 50 पर्यटक वाला एहि क्रूज मे अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, ऑस्ट्रेलिया आ कनाडा आदि देश क नागरिक सवार छलथि।
अंग केलक पहिल स्वागत
महाभारत काल मे अंग प्रदेश क राजधानी भागलपुर क इलाका स चार अक्टूबर कए इ यात्रा शुरू भेल। पर्यटक एहि ठाम विक्रमशिला यूनिवर्सिटी आ भागलपुरी शिल्प क अवलोकन केलथि। एतहि स शुरू भ गेल बिहार क मेहमाननवाजी। पटनाइट्स कए त एकरा लेल सात अक्टूबर तक क इंतजार करय पड़ल। मुदा बिहारक टूरिज्म डिपार्टमेंट पांचों दिन विदेशी पर्यटक क खातिरदारी मे जुटल रहल। विदेशी मेहमान कए बिहारी व्यंजन क टेस्ट कराबै लेल भागलपुर मे एकटा बिहारी शेफ सवार भेल। ओ अगिो पांच दिन तक पाहुनक संग रहल। हालांकि पहिने एहि पर कोलकाता क शेफ छल। बिहारी शेफ पाहुन लोकनि कए लिट्टी-चोखा, पिठ्ठा, चूड़ा-दही आ जलेबी क रूप मे स्थानीय व्यंजन परोसलथि।
..आई एम हैप्पी इन बिहार
यस, आई लव बिहार, वेरी फ्रैंडली पीपुल, वेरी नाइस एण्ड आई ऐम हैप्पी इन बिहार.. सन वाक्य विदेशी पाहुन धाप्रवाह कहैत रहलथि। बाबा बटेश क धरती पर उतरैत किछु पाहुन एहि ठामक लोक स गप मे लागी गेल त किछु प्राकृतिक सौंदर्य कए देखि अभिभूत भ गेल।
मंदिर क तस्वीर कैमरा मे कैद करैत समय प्रणाम, नमस्ते, गुड मार्निग सेहो लोक सब कए कहैत रहल। टूरिस्ट डिपार्टमेंट क लोक पाहुन सब कए जल्द से जल्द विक्रमशिला खुदाई स्थल देखा कए लौटय चाहैत छल मुदा पाहुन विक्रमशिला क इतिहास आ समृद्ध रहल एहि ठामक लाइब्रेरी क संबंध मे बहुत किछु बुझबा लेल किछु आओर समय रहय चाहैत छल। सब गोटे विक्रमशिला क अतीत कए लग स निहारलक।
अधिकांश सैलानी विक्रमशिला विश्वविद्यालय क अवशेष मे नोनी लगबा पर अफसोस जतौलथि। एहि ठामक आर्किटेक्ट प्रसंशक लंदन निवासी डॉ पाल कहलथि जे एहि ठामक संस्कृति एतबा समृद्ध रहल जे ओकर वर्णन नहि भ सकैत अछि। डेनमार्क निवासी पोये दोसर बेर भारत एलाह अछि आ पहिल बेर बिहार। हुनका एहि गपक अफसोस अछि जे ओ एखनधरि बिहार किया नहि आइल छलाह। सेना मे पायलट रहल पोये कए विक्रमशिला विश्वविद्यालय क इतिहास काफी नीक लागल। हुनका एहि ठाम लेल निर्धारित समय पर आपत्ति छल आ कहब छल जे जगहक हिसाब स काफी कम समय एहि ठाम लेल निर्धारित कैल गेल अछि। ओ कहला जे दू-तीन दिन लेल जल्द फेर मित्र सब संग आयब। एहने किछु विचार न्यूजीलैंड क कैटरीना, एलिजावेथ आ स्वीटजरलैंड क रोजमैरी आदि क सेहो छल। सब गोटे अंगक प्राकृतिक सुंदरता आ शांति क कायल भ गेल। जर्मनी क इंजीनियर डॉ रोमन सैकड़ों फोटो अपन कैमरा मेे कैद कलथि। 41 सदस्यवाला एहि दल क स्वागत ऐतिहासिक विक्रमशिला खुदाई स्थल पर बिहार सरकार क काबिना मंत्री अश्विनी कुमार चौबे केलथि। पाहुन कए स्थानीय माटी मे पान क ऊपज क जानकारी सेहो चौबे जी गाइड क रूप मे देलथि।
निराश आंखि मे चमकल सपना
विदेशी पाहुन कए पहुंचला स इलाकाई लोक क आंखि मे चमक बढि़ गेल। आब कहलगांव, ओरियप, अंतीचक, विक्रमशिला, कासड़ी आदि इलाका मे अधिकांश लोक जिज्ञासा हुनकर निराश आंखि मेे सपना चमका देलक। बाबा बटेशश्वर नाथ धाम स विक्रमशिला तक पाहुन कए आकर्षित करबा लेल दुकान, कैफै, रेस्टोरेंट, फूड प्लाजा, ताजा फल क दुकान, सजावटी रिक्शा क परिचालन क सोच लोक कए रोमांचित करि देने अछि। ओरियप गाम निवासी त्रिभुवन शेखर झा कहैत छथि जे आब इलाका क भविष्य बदलत। खराब सड़क बीतल दिनक गप होइत लोकक रहन-सहन आ व्यवसाय सेहो बदलत।
बाबा बटेश्वर नाथ धाम स्थित गंगा तट पर पर्यटक स भरल क्रूज आधिकारिक रूप स लंगर डालैत अछि। दुकानदार विदेशी सैलानी कए उत्सुकतावश निहारैत अछिं। एक दुकानदार क कहब अछि जे विदेशी लोक ओकर दुकान मे नहि आउत। हुनका हमार दुकान तखन आकर्षित करि सकैत अछि जखन दुकान मे एसी लगल रहत। चारूआत टाइल्स लगल फर्श रहत आ सड़क पर गंदगी नहि रहत। दोसर दुकानदार कहैत छथि एहन शीघ्र होयत।
हम ओहि टस्मानियां क छी, जाहि ठामक रिकी पोंटिंग छथि
ऑस्ट्रेलिया क टस्मानियां सिटी क रहैवाली एनिट ओहि ठामक प्राइमरी स्कूल मे 21 साल स हेड टीचर छथि। अपन वर कालेन डेनी क संग पहिल बेर भारत एलथि अछि। विक्रमशिला विश्वविद्यालय क अवशेष देखबाक दौरान जखन हुनका स गप भेल त ओ कहलथि जे आई बिलांग्स टू टस्मानियां, यू नो रिकी पांटिंग? फेमस क्रिकेटर? यस कहैते ओ फेर कहलथि-रिकी पांटिंग आलसो बिलांग्स टस्मानियां। कई बेर भेंट भ चुकल अछि। एहि गपक गर्व अछि ले ओ हमर टस्मानियां क छथि। एनिट कए इ जानकारी छल जे धोनी झारखंडक छथि जे पहिने बिहारक हिस्सा छल। आस्ट्रेलिया मे भारतीय छात्र पर भ रहल हमल पर एनिट आ कालेन डेनी स जखन पूछल गेल त हुनकर चेहरा क हंसी मायूसी मे बदलि गेल। ओ कहलथि जे खराब लोक सब देश मे अछि ओना टस्मानियां मे भारतीय छात्र पर हमला नहि भेल अछि, जखनकि ओहि ठाम खूब भारतीय छथि। एहि आस्ट्रेलियाई दंपत्ति क कहब अछि जे आस्ट्रेलिया क प्राइवेट स्कूल क संचालक ओहि ठाम भारतीय छात्र पर हमला करबा रहल छथि। एहन हमला स काफी दुख होइत अछि।
मेहमाननवाजी को लेकर खींचतान
बुद्ध सर्किट क भ्रमण करैत 50 टा विदेशी पाहुन क जत्था राजधानी पहुंचल। पटना मे मेहमाननवाजी क लेल बिहार स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट कॉरपोरेशन आ इनक्रिडिबल इंडिया मे खींचतान मचि गेल। बीएसटीडीसी जतय इनक्रिडिबल इंडिया पर आरोप लगा रहल अछि जे खिदमत मे हमरा सब कए लगबाक छल, ओहि ठाम इनक्रिडिबल इंडिया, पटना क डायरेक्टर जनरल संजय श्रीवत्स क कहब अछि जे इंटरनेशनल टूरिस्ट क लेल तमाम रोड मैप बनेबाक काज इनक्रिडिबल इंडिया क होइत अछि। एहन मे बीएसटीडी क रोल कहां होइत अछि।
जेना-तेना गप सुलझल। दूनू गोटे पर्यटक क लेल अलग-अलग इंतजाम केलथि। बीएसटीडीसी जतय अपन शेफ देलक, ताकि बिहारी व्यंजन क स्वाद पाहुन सब चख् िसकैथि , ओतहि इनक्रिडिबल इंडिया क दिस स भारतीय नृत्य कला मंदिर मे कल्चरल इवेंट क आयेाजन कैल गेल्। बीएसटीडी क जीए शआदत हसन मिंटो कहलथि जे बिहार क सीमा मे प्रवेश करबाक संगहि सबटा टूरिस्ट कए बिहारी व्यंजन क स्वाद परोसल गेल। एकरा लेल पहिने स सबटा तैयारी कैल गेल छल। पांच दिनक एतिहासिक यात्रा पूरा करि क्रूज बक्सर मे बिहारक सीमा स विदा भ उत्तरप्रदेशक सीमा मे प्रवेश केलक। मुदा किछु दूर गेला पर क्रूज क एकटा इंजन मे किछु गंदा फंसि गेल आ ओ काज करय बंद कर देलक। लेकिन शीघ्रहि ओकरा ठीक करि लेल गेल आ क्रूज वाराणसी पहुंच गेल। ऐना सफल भेल भगिरथी प्रयास आ खत्म भेल इ गंगाक लहर पर पाहुनक यात्रा।
बिहार कए ल कए बदलल अवधारणा
”इंडियन कल्चर क डायवर्सिटी हमेशा फॉरेन टूरिस्ट कए नीक लगैत अछि। विदेश मे तमाम चीज त भेट जाइत अछि, सुख-सुविधा भेट जाइत अछि, मुदा कल्चर डायवर्सिटी क मामला मे इंडिया क कोनो टक्कर नहि अछि । ओहि मे सेहो यदि बिहार क गप करि त केवल बिहार मे एतबा डायवर्सिटी अछि जे जेतबा बहुतो आन देश मे नहि होइत अछि। ओना आइ सेहो टूरिस्ट बिहार कए महात्मा बुद्ध क लेल बेसी पसंद करैत छथि।
कैप्टन संदीप शेखावत
कैटप्टन-पांडव क्रूज प्राइवेट लिमिटेड ऑफ इंडिया
बिहार क लेल इ गर्व क गप अछि जे एक संग कईटा देश क टूरिस्ट पांच दिन क यात्रा पर बिहार एलथि। स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट हुनकर खातिरदारी मे कोनो कसर नहि छोड़लक ।
गजेंद्र सिंह
टूर एंड ट्रैवल मैनेजर, स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट बिहार
स्टार ग्रुप क फैसिलिटी छल क्रूज मे
एहि क्रूज मे स्टार ग्रुप क फैसिलिटीज छल। यह कारण रहल जे तमाम पाहुन दिन भरि घूमैत छलाह आ राति मे एहि क्रूज मे आराम स सूति जाइत छलाह। एहि क्रूज मे कुल 28 एयर कंडीशंड कोठली छल, एकटा बैंक्वेट हॉल, एक टीवी रूम आ डायनिंग हॉल सेहो छल। एकर अलावा एकटा डिलक्स कैटेगरी क रेस्टोरेंट सेहो छल।
पुरान डिजाईन क छवि
पांडव क्रूज क पूरा डिजाईन पुरान स्टाईल क अछि। क्रूज क कैप्टन संदीप शेखावत कहलथि जे इ जहाज कम पाइन मे सेहो आसानी स चली सकैत अछि। सामान्य तौर पर कोलकाता-वाराणसी रूट पर बालू एतबा अछि जे क्रूज चलब आसान नहि छल। एकरा लेल पांडव क्रूज क खास तौर स डिजाईन कैल गेल अछि।
एकटा टूरिस्ट पर खर्च भेल 1.75 लाख टका
पांडव क्रूज अपन तमाम बूकिंग स्कॉटलैंड स्थित ऑफिस स कैलक अछि। इंडियन मनी क रूप मे एकटा टूरिस्ट पर लगभग 1.75 लाख टका क खर्च आयल अछि। जखन कि हिनकर ठहरबाक इंतजाम एहि क्रूज मे कैल गेल छल। एकटा कोठली मे दू गोटे कए ठहरबाक इंतजाम छल। एहि मे हिनकर दिल्ली स कोलकाता क हवाई खर्च आ फेर टूर समाप्त भेला पर वाराणसी स दिल्ली क हवाई खर्च आओर दिल्ली मे एक राति ठहरबाक खर्च सेहो शामिल छल।
चालक दल-आठ
महिलाएं-10
मुख्य शेफ कोलकाता क छल
सिक्यूरिटी क व्यवस्था– क्रूज पर प्राइवेट सिक्यूरिटी गार्ड आ जतय क्रूज रूकल, ओतहि जिला प्रशासन एकर देखरेख केलक।
बिहार मे कतय-कतय रुकल जहाज
चार अक्टूबर-बटेश्वर धाम भागलपुर
पांच अक्टूबर-मंूगेर
छह अक्टूबर-बाढ़
सात अक्टूबर-पटना
आठ अक्टूबर-बक्सर
नौ कऐ क्रूज वाराणसी मे रुकल
कौन-कौन ठाम भेटल मजा
भागलपुर- बिक्रमशिला यूनिवर्सिटी, बटेश्वरधाम आ भागलपुरी सिल्क इंडस्ट्री।
मुंगेर- मूंगेर योग अनुसंधान केंद्र, भीम बांध
बाढ़- एहि ठाम स बाट धेने नालंदा, राजगीर आ बोधगया गेलथि।
बक्सर- एहि ठाम केलथि बैलगाडि़क सवारी।
नव बाट स बदलैत बिहार कए देखबा लेल जखन करीब दर्जन भरि देशक विदेशी पाहुन बिहारक सीमा मे प्रवेश केलाह त पर्यटनक मानचित्र पर बिहार एक बेर फेर अपन मजबूत उपस्थिति दर्ज करेबा मे सफल रहल। एहि एतिहासिक यात्राक दौरान समाद क विशेष समदिया उज्जवल कुमार ओहि 50टा यात्रीक सह-यात्री बनल रहलाह। संपूर्ण यात्रा पर प्रस्तुत अछि हुनकर समाद।
गंगाक बाट स बिहार पहुंचलाह दर्जन भरि देश क
50 टा पाहुन
लिट्टी चोखा आ छठ गीत क पर्यटक लेलथि मजा
यात्राक सफलता स गदगद स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट
कोलकाता-वाराणसी 14 दिन क छल टूर पैकेज
कोलकाता स शुरू भेल छल यात्रा
सात दिन तक रहल बिहार मे
सात अक्टूबर कए छल पटना मे
ठाम-ठाम रुकल 28 कोठली वाला जहाज
डिजाईन देख मन पड़ल महाराजी जमाना
हजाज मे बेंक्वेट हॉल, टीवी रूम आ डायनिंग हॉल सेहो छल
प्रति कमरा 1.5 लाख टका छल भाड़ा
कम पाइन सेहो चलब छल जहाजक विशेषता
करीब दू सौ साल बाद, बंगाल आ वारणसी रूट पर एक बेर फेर क्रूज क परिचालन गंगा नदी पर भेल। पांडव क्रूज प्राइवेट लिमिटेड इ सपना पूरा केलक। करीब 14 दिन तक क एहि टूर पैकेज मे पांच दिन बिहार क लेल छल। चारि अक्टूबर कए पांडव क्रूज बिहार क सीमा मे आयल आ सात अक्टूबर कए इ पटना क गांधी घाट पर रहल। 50 पर्यटक वाला एहि क्रूज मे अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, ऑस्ट्रेलिया आ कनाडा आदि देश क नागरिक सवार छलथि।
अंग केलक पहिल स्वागत
महाभारत काल मे अंग प्रदेश क राजधानी भागलपुर क इलाका स चार अक्टूबर कए इ यात्रा शुरू भेल। पर्यटक एहि ठाम विक्रमशिला यूनिवर्सिटी आ भागलपुरी शिल्प क अवलोकन केलथि। एतहि स शुरू भ गेल बिहार क मेहमाननवाजी। पटनाइट्स कए त एकरा लेल सात अक्टूबर तक क इंतजार करय पड़ल। मुदा बिहारक टूरिज्म डिपार्टमेंट पांचों दिन विदेशी पर्यटक क खातिरदारी मे जुटल रहल। विदेशी मेहमान कए बिहारी व्यंजन क टेस्ट कराबै लेल भागलपुर मे एकटा बिहारी शेफ सवार भेल। ओ अगिो पांच दिन तक पाहुनक संग रहल। हालांकि पहिने एहि पर कोलकाता क शेफ छल। बिहारी शेफ पाहुन लोकनि कए लिट्टी-चोखा, पिठ्ठा, चूड़ा-दही आ जलेबी क रूप मे स्थानीय व्यंजन परोसलथि।
..आई एम हैप्पी इन बिहार
यस, आई लव बिहार, वेरी फ्रैंडली पीपुल, वेरी नाइस एण्ड आई ऐम हैप्पी इन बिहार.. सन वाक्य विदेशी पाहुन धाप्रवाह कहैत रहलथि। बाबा बटेश क धरती पर उतरैत किछु पाहुन एहि ठामक लोक स गप मे लागी गेल त किछु प्राकृतिक सौंदर्य कए देखि अभिभूत भ गेल।
मंदिर क तस्वीर कैमरा मे कैद करैत समय प्रणाम, नमस्ते, गुड मार्निग सेहो लोक सब कए कहैत रहल। टूरिस्ट डिपार्टमेंट क लोक पाहुन सब कए जल्द से जल्द विक्रमशिला खुदाई स्थल देखा कए लौटय चाहैत छल मुदा पाहुन विक्रमशिला क इतिहास आ समृद्ध रहल एहि ठामक लाइब्रेरी क संबंध मे बहुत किछु बुझबा लेल किछु आओर समय रहय चाहैत छल। सब गोटे विक्रमशिला क अतीत कए लग स निहारलक।
अधिकांश सैलानी विक्रमशिला विश्वविद्यालय क अवशेष मे नोनी लगबा पर अफसोस जतौलथि। एहि ठामक आर्किटेक्ट प्रसंशक लंदन निवासी डॉ पाल कहलथि जे एहि ठामक संस्कृति एतबा समृद्ध रहल जे ओकर वर्णन नहि भ सकैत अछि। डेनमार्क निवासी पोये दोसर बेर भारत एलाह अछि आ पहिल बेर बिहार। हुनका एहि गपक अफसोस अछि जे ओ एखनधरि बिहार किया नहि आइल छलाह। सेना मे पायलट रहल पोये कए विक्रमशिला विश्वविद्यालय क इतिहास काफी नीक लागल। हुनका एहि ठाम लेल निर्धारित समय पर आपत्ति छल आ कहब छल जे जगहक हिसाब स काफी कम समय एहि ठाम लेल निर्धारित कैल गेल अछि। ओ कहला जे दू-तीन दिन लेल जल्द फेर मित्र सब संग आयब। एहने किछु विचार न्यूजीलैंड क कैटरीना, एलिजावेथ आ स्वीटजरलैंड क रोजमैरी आदि क सेहो छल। सब गोटे अंगक प्राकृतिक सुंदरता आ शांति क कायल भ गेल। जर्मनी क इंजीनियर डॉ रोमन सैकड़ों फोटो अपन कैमरा मेे कैद कलथि। 41 सदस्यवाला एहि दल क स्वागत ऐतिहासिक विक्रमशिला खुदाई स्थल पर बिहार सरकार क काबिना मंत्री अश्विनी कुमार चौबे केलथि। पाहुन कए स्थानीय माटी मे पान क ऊपज क जानकारी सेहो चौबे जी गाइड क रूप मे देलथि।
निराश आंखि मे चमकल सपना
विदेशी पाहुन कए पहुंचला स इलाकाई लोक क आंखि मे चमक बढि़ गेल। आब कहलगांव, ओरियप, अंतीचक, विक्रमशिला, कासड़ी आदि इलाका मे अधिकांश लोक जिज्ञासा हुनकर निराश आंखि मेे सपना चमका देलक। बाबा बटेशश्वर नाथ धाम स विक्रमशिला तक पाहुन कए आकर्षित करबा लेल दुकान, कैफै, रेस्टोरेंट, फूड प्लाजा, ताजा फल क दुकान, सजावटी रिक्शा क परिचालन क सोच लोक कए रोमांचित करि देने अछि। ओरियप गाम निवासी त्रिभुवन शेखर झा कहैत छथि जे आब इलाका क भविष्य बदलत। खराब सड़क बीतल दिनक गप होइत लोकक रहन-सहन आ व्यवसाय सेहो बदलत।
बाबा बटेश्वर नाथ धाम स्थित गंगा तट पर पर्यटक स भरल क्रूज आधिकारिक रूप स लंगर डालैत अछि। दुकानदार विदेशी सैलानी कए उत्सुकतावश निहारैत अछिं। एक दुकानदार क कहब अछि जे विदेशी लोक ओकर दुकान मे नहि आउत। हुनका हमार दुकान तखन आकर्षित करि सकैत अछि जखन दुकान मे एसी लगल रहत। चारूआत टाइल्स लगल फर्श रहत आ सड़क पर गंदगी नहि रहत। दोसर दुकानदार कहैत छथि एहन शीघ्र होयत।
हम ओहि टस्मानियां क छी, जाहि ठामक रिकी पोंटिंग छथि
ऑस्ट्रेलिया क टस्मानियां सिटी क रहैवाली एनिट ओहि ठामक प्राइमरी स्कूल मे 21 साल स हेड टीचर छथि। अपन वर कालेन डेनी क संग पहिल बेर भारत एलथि अछि। विक्रमशिला विश्वविद्यालय क अवशेष देखबाक दौरान जखन हुनका स गप भेल त ओ कहलथि जे आई बिलांग्स टू टस्मानियां, यू नो रिकी पांटिंग? फेमस क्रिकेटर? यस कहैते ओ फेर कहलथि-रिकी पांटिंग आलसो बिलांग्स टस्मानियां। कई बेर भेंट भ चुकल अछि। एहि गपक गर्व अछि ले ओ हमर टस्मानियां क छथि। एनिट कए इ जानकारी छल जे धोनी झारखंडक छथि जे पहिने बिहारक हिस्सा छल। आस्ट्रेलिया मे भारतीय छात्र पर भ रहल हमल पर एनिट आ कालेन डेनी स जखन पूछल गेल त हुनकर चेहरा क हंसी मायूसी मे बदलि गेल। ओ कहलथि जे खराब लोक सब देश मे अछि ओना टस्मानियां मे भारतीय छात्र पर हमला नहि भेल अछि, जखनकि ओहि ठाम खूब भारतीय छथि। एहि आस्ट्रेलियाई दंपत्ति क कहब अछि जे आस्ट्रेलिया क प्राइवेट स्कूल क संचालक ओहि ठाम भारतीय छात्र पर हमला करबा रहल छथि। एहन हमला स काफी दुख होइत अछि।
मेहमाननवाजी को लेकर खींचतान
बुद्ध सर्किट क भ्रमण करैत 50 टा विदेशी पाहुन क जत्था राजधानी पहुंचल। पटना मे मेहमाननवाजी क लेल बिहार स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट कॉरपोरेशन आ इनक्रिडिबल इंडिया मे खींचतान मचि गेल। बीएसटीडीसी जतय इनक्रिडिबल इंडिया पर आरोप लगा रहल अछि जे खिदमत मे हमरा सब कए लगबाक छल, ओहि ठाम इनक्रिडिबल इंडिया, पटना क डायरेक्टर जनरल संजय श्रीवत्स क कहब अछि जे इंटरनेशनल टूरिस्ट क लेल तमाम रोड मैप बनेबाक काज इनक्रिडिबल इंडिया क होइत अछि। एहन मे बीएसटीडी क रोल कहां होइत अछि।
जेना-तेना गप सुलझल। दूनू गोटे पर्यटक क लेल अलग-अलग इंतजाम केलथि। बीएसटीडीसी जतय अपन शेफ देलक, ताकि बिहारी व्यंजन क स्वाद पाहुन सब चख् िसकैथि , ओतहि इनक्रिडिबल इंडिया क दिस स भारतीय नृत्य कला मंदिर मे कल्चरल इवेंट क आयेाजन कैल गेल्। बीएसटीडी क जीए शआदत हसन मिंटो कहलथि जे बिहार क सीमा मे प्रवेश करबाक संगहि सबटा टूरिस्ट कए बिहारी व्यंजन क स्वाद परोसल गेल। एकरा लेल पहिने स सबटा तैयारी कैल गेल छल। पांच दिनक एतिहासिक यात्रा पूरा करि क्रूज बक्सर मे बिहारक सीमा स विदा भ उत्तरप्रदेशक सीमा मे प्रवेश केलक। मुदा किछु दूर गेला पर क्रूज क एकटा इंजन मे किछु गंदा फंसि गेल आ ओ काज करय बंद कर देलक। लेकिन शीघ्रहि ओकरा ठीक करि लेल गेल आ क्रूज वाराणसी पहुंच गेल। ऐना सफल भेल भगिरथी प्रयास आ खत्म भेल इ गंगाक लहर पर पाहुनक यात्रा।
बिहार कए ल कए बदलल अवधारणा
”इंडियन कल्चर क डायवर्सिटी हमेशा फॉरेन टूरिस्ट कए नीक लगैत अछि। विदेश मे तमाम चीज त भेट जाइत अछि, सुख-सुविधा भेट जाइत अछि, मुदा कल्चर डायवर्सिटी क मामला मे इंडिया क कोनो टक्कर नहि अछि । ओहि मे सेहो यदि बिहार क गप करि त केवल बिहार मे एतबा डायवर्सिटी अछि जे जेतबा बहुतो आन देश मे नहि होइत अछि। ओना आइ सेहो टूरिस्ट बिहार कए महात्मा बुद्ध क लेल बेसी पसंद करैत छथि।
कैप्टन संदीप शेखावत
कैटप्टन-पांडव क्रूज प्राइवेट लिमिटेड ऑफ इंडिया
बिहार क लेल इ गर्व क गप अछि जे एक संग कईटा देश क टूरिस्ट पांच दिन क यात्रा पर बिहार एलथि। स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट हुनकर खातिरदारी मे कोनो कसर नहि छोड़लक ।
गजेंद्र सिंह
टूर एंड ट्रैवल मैनेजर, स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट बिहार
स्टार ग्रुप क फैसिलिटी छल क्रूज मे
एहि क्रूज मे स्टार ग्रुप क फैसिलिटीज छल। यह कारण रहल जे तमाम पाहुन दिन भरि घूमैत छलाह आ राति मे एहि क्रूज मे आराम स सूति जाइत छलाह। एहि क्रूज मे कुल 28 एयर कंडीशंड कोठली छल, एकटा बैंक्वेट हॉल, एक टीवी रूम आ डायनिंग हॉल सेहो छल। एकर अलावा एकटा डिलक्स कैटेगरी क रेस्टोरेंट सेहो छल।
पुरान डिजाईन क छवि
पांडव क्रूज क पूरा डिजाईन पुरान स्टाईल क अछि। क्रूज क कैप्टन संदीप शेखावत कहलथि जे इ जहाज कम पाइन मे सेहो आसानी स चली सकैत अछि। सामान्य तौर पर कोलकाता-वाराणसी रूट पर बालू एतबा अछि जे क्रूज चलब आसान नहि छल। एकरा लेल पांडव क्रूज क खास तौर स डिजाईन कैल गेल अछि।
एकटा टूरिस्ट पर खर्च भेल 1.75 लाख टका
पांडव क्रूज अपन तमाम बूकिंग स्कॉटलैंड स्थित ऑफिस स कैलक अछि। इंडियन मनी क रूप मे एकटा टूरिस्ट पर लगभग 1.75 लाख टका क खर्च आयल अछि। जखन कि हिनकर ठहरबाक इंतजाम एहि क्रूज मे कैल गेल छल। एकटा कोठली मे दू गोटे कए ठहरबाक इंतजाम छल। एहि मे हिनकर दिल्ली स कोलकाता क हवाई खर्च आ फेर टूर समाप्त भेला पर वाराणसी स दिल्ली क हवाई खर्च आओर दिल्ली मे एक राति ठहरबाक खर्च सेहो शामिल छल।
चालक दल-आठ
महिलाएं-10
मुख्य शेफ कोलकाता क छल
सिक्यूरिटी क व्यवस्था– क्रूज पर प्राइवेट सिक्यूरिटी गार्ड आ जतय क्रूज रूकल, ओतहि जिला प्रशासन एकर देखरेख केलक।
बिहार मे कतय-कतय रुकल जहाज
चार अक्टूबर-बटेश्वर धाम भागलपुर
पांच अक्टूबर-मंूगेर
छह अक्टूबर-बाढ़
सात अक्टूबर-पटना
आठ अक्टूबर-बक्सर
नौ कऐ क्रूज वाराणसी मे रुकल
कौन-कौन ठाम भेटल मजा
भागलपुर- बिक्रमशिला यूनिवर्सिटी, बटेश्वरधाम आ भागलपुरी सिल्क इंडस्ट्री।
मुंगेर- मूंगेर योग अनुसंधान केंद्र, भीम बांध
बाढ़- एहि ठाम स बाट धेने नालंदा, राजगीर आ बोधगया गेलथि।
बक्सर- एहि ठाम केलथि बैलगाडि़क सवारी।
नव बाट स बदलैत बिहार कए देखबा लेल जखन करीब दर्जन भरि देशक विदेशी पाहुन बिहारक सीमा मे प्रवेश केलाह त पर्यटनक मानचित्र पर बिहार एक बेर फेर अपन मजबूत उपस्थिति दर्ज करेबा मे सफल रहल। एहि एतिहासिक यात्राक दौरान समाद क विशेष समदिया उज्जवल कुमार ओहि 50टा यात्रीक सह-यात्री बनल रहलाह। संपूर्ण यात्रा पर प्रस्तुत अछि हुनकर समाद।
गंगाक बाट स बिहार पहुंचलाह दर्जन भरि देश क
50 टा पाहुन
लिट्टी चोखा आ छठ गीत क पर्यटक लेलथि मजा
यात्राक सफलता स गदगद स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट
कोलकाता-वाराणसी 14 दिन क छल टूर पैकेज
कोलकाता स शुरू भेल छल यात्रा
सात दिन तक रहल बिहार मे
सात अक्टूबर कए छल पटना मे
ठाम-ठाम रुकल 28 कोठली वाला जहाज
डिजाईन देख मन पड़ल महाराजी जमाना
हजाज मे बेंक्वेट हॉल, टीवी रूम आ डायनिंग हॉल सेहो छल
प्रति कमरा 1.5 लाख टका छल भाड़ा
कम पाइन सेहो चलब छल जहाजक विशेषता
करीब दू सौ साल बाद, बंगाल आ वारणसी रूट पर एक बेर फेर क्रूज क परिचालन गंगा नदी पर भेल। पांडव क्रूज प्राइवेट लिमिटेड इ सपना पूरा केलक। करीब 14 दिन तक क एहि टूर पैकेज मे पांच दिन बिहार क लेल छल। चारि अक्टूबर कए पांडव क्रूज बिहार क सीमा मे आयल आ सात अक्टूबर कए इ पटना क गांधी घाट पर रहल। 50 पर्यटक वाला एहि क्रूज मे अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, ऑस्ट्रेलिया आ कनाडा आदि देश क नागरिक सवार छलथि।
अंग केलक पहिल स्वागत
महाभारत काल मे अंग प्रदेश क राजधानी भागलपुर क इलाका स चार अक्टूबर कए इ यात्रा शुरू भेल। पर्यटक एहि ठाम विक्रमशिला यूनिवर्सिटी आ भागलपुरी शिल्प क अवलोकन केलथि। एतहि स शुरू भ गेल बिहार क मेहमाननवाजी। पटनाइट्स कए त एकरा लेल सात अक्टूबर तक क इंतजार करय पड़ल। मुदा बिहारक टूरिज्म डिपार्टमेंट पांचों दिन विदेशी पर्यटक क खातिरदारी मे जुटल रहल। विदेशी मेहमान कए बिहारी व्यंजन क टेस्ट कराबै लेल भागलपुर मे एकटा बिहारी शेफ सवार भेल। ओ अगिो पांच दिन तक पाहुनक संग रहल। हालांकि पहिने एहि पर कोलकाता क शेफ छल। बिहारी शेफ पाहुन लोकनि कए लिट्टी-चोखा, पिठ्ठा, चूड़ा-दही आ जलेबी क रूप मे स्थानीय व्यंजन परोसलथि।
..आई एम हैप्पी इन बिहार
यस, आई लव बिहार, वेरी फ्रैंडली पीपुल, वेरी नाइस एण्ड आई ऐम हैप्पी इन बिहार.. सन वाक्य विदेशी पाहुन धाप्रवाह कहैत रहलथि। बाबा बटेश क धरती पर उतरैत किछु पाहुन एहि ठामक लोक स गप मे लागी गेल त किछु प्राकृतिक सौंदर्य कए देखि अभिभूत भ गेल।
मंदिर क तस्वीर कैमरा मे कैद करैत समय प्रणाम, नमस्ते, गुड मार्निग सेहो लोक सब कए कहैत रहल। टूरिस्ट डिपार्टमेंट क लोक पाहुन सब कए जल्द से जल्द विक्रमशिला खुदाई स्थल देखा कए लौटय चाहैत छल मुदा पाहुन विक्रमशिला क इतिहास आ समृद्ध रहल एहि ठामक लाइब्रेरी क संबंध मे बहुत किछु बुझबा लेल किछु आओर समय रहय चाहैत छल। सब गोटे विक्रमशिला क अतीत कए लग स निहारलक।
अधिकांश सैलानी विक्रमशिला विश्वविद्यालय क अवशेष मे नोनी लगबा पर अफसोस जतौलथि। एहि ठामक आर्किटेक्ट प्रसंशक लंदन निवासी डॉ पाल कहलथि जे एहि ठामक संस्कृति एतबा समृद्ध रहल जे ओकर वर्णन नहि भ सकैत अछि। डेनमार्क निवासी पोये दोसर बेर भारत एलाह अछि आ पहिल बेर बिहार। हुनका एहि गपक अफसोस अछि जे ओ एखनधरि बिहार किया नहि आइल छलाह। सेना मे पायलट रहल पोये कए विक्रमशिला विश्वविद्यालय क इतिहास काफी नीक लागल। हुनका एहि ठाम लेल निर्धारित समय पर आपत्ति छल आ कहब छल जे जगहक हिसाब स काफी कम समय एहि ठाम लेल निर्धारित कैल गेल अछि। ओ कहला जे दू-तीन दिन लेल जल्द फेर मित्र सब संग आयब। एहने किछु विचार न्यूजीलैंड क कैटरीना, एलिजावेथ आ स्वीटजरलैंड क रोजमैरी आदि क सेहो छल। सब गोटे अंगक प्राकृतिक सुंदरता आ शांति क कायल भ गेल। जर्मनी क इंजीनियर डॉ रोमन सैकड़ों फोटो अपन कैमरा मेे कैद कलथि। 41 सदस्यवाला एहि दल क स्वागत ऐतिहासिक विक्रमशिला खुदाई स्थल पर बिहार सरकार क काबिना मंत्री अश्विनी कुमार चौबे केलथि। पाहुन कए स्थानीय माटी मे पान क ऊपज क जानकारी सेहो चौबे जी गाइड क रूप मे देलथि।
निराश आंखि मे चमकल सपना
विदेशी पाहुन कए पहुंचला स इलाकाई लोक क आंखि मे चमक बढि़ गेल। आब कहलगांव, ओरियप, अंतीचक, विक्रमशिला, कासड़ी आदि इलाका मे अधिकांश लोक जिज्ञासा हुनकर निराश आंखि मेे सपना चमका देलक। बाबा बटेशश्वर नाथ धाम स विक्रमशिला तक पाहुन कए आकर्षित करबा लेल दुकान, कैफै, रेस्टोरेंट, फूड प्लाजा, ताजा फल क दुकान, सजावटी रिक्शा क परिचालन क सोच लोक कए रोमांचित करि देने अछि। ओरियप गाम निवासी त्रिभुवन शेखर झा कहैत छथि जे आब इलाका क भविष्य बदलत। खराब सड़क बीतल दिनक गप होइत लोकक रहन-सहन आ व्यवसाय सेहो बदलत।
बाबा बटेश्वर नाथ धाम स्थित गंगा तट पर पर्यटक स भरल क्रूज आधिकारिक रूप स लंगर डालैत अछि। दुकानदार विदेशी सैलानी कए उत्सुकतावश निहारैत अछिं। एक दुकानदार क कहब अछि जे विदेशी लोक ओकर दुकान मे नहि आउत। हुनका हमार दुकान तखन आकर्षित करि सकैत अछि जखन दुकान मे एसी लगल रहत। चारूआत टाइल्स लगल फर्श रहत आ सड़क पर गंदगी नहि रहत। दोसर दुकानदार कहैत छथि एहन शीघ्र होयत।
हम ओहि टस्मानियां क छी, जाहि ठामक रिकी पोंटिंग छथि
ऑस्ट्रेलिया क टस्मानियां सिटी क रहैवाली एनिट ओहि ठामक प्राइमरी स्कूल मे 21 साल स हेड टीचर छथि। अपन वर कालेन डेनी क संग पहिल बेर भारत एलथि अछि। विक्रमशिला विश्वविद्यालय क अवशेष देखबाक दौरान जखन हुनका स गप भेल त ओ कहलथि जे आई बिलांग्स टू टस्मानियां, यू नो रिकी पांटिंग? फेमस क्रिकेटर? यस कहैते ओ फेर कहलथि-रिकी पांटिंग आलसो बिलांग्स टस्मानियां। कई बेर भेंट भ चुकल अछि। एहि गपक गर्व अछि ले ओ हमर टस्मानियां क छथि। एनिट कए इ जानकारी छल जे धोनी झारखंडक छथि जे पहिने बिहारक हिस्सा छल। आस्ट्रेलिया मे भारतीय छात्र पर भ रहल हमल पर एनिट आ कालेन डेनी स जखन पूछल गेल त हुनकर चेहरा क हंसी मायूसी मे बदलि गेल। ओ कहलथि जे खराब लोक सब देश मे अछि ओना टस्मानियां मे भारतीय छात्र पर हमला नहि भेल अछि, जखनकि ओहि ठाम खूब भारतीय छथि। एहि आस्ट्रेलियाई दंपत्ति क कहब अछि जे आस्ट्रेलिया क प्राइवेट स्कूल क संचालक ओहि ठाम भारतीय छात्र पर हमला करबा रहल छथि। एहन हमला स काफी दुख होइत अछि।
मेहमाननवाजी को लेकर खींचतान
बुद्ध सर्किट क भ्रमण करैत 50 टा विदेशी पाहुन क जत्था राजधानी पहुंचल। पटना मे मेहमाननवाजी क लेल बिहार स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट कॉरपोरेशन आ इनक्रिडिबल इंडिया मे खींचतान मचि गेल। बीएसटीडीसी जतय इनक्रिडिबल इंडिया पर आरोप लगा रहल अछि जे खिदमत मे हमरा सब कए लगबाक छल, ओहि ठाम इनक्रिडिबल इंडिया, पटना क डायरेक्टर जनरल संजय श्रीवत्स क कहब अछि जे इंटरनेशनल टूरिस्ट क लेल तमाम रोड मैप बनेबाक काज इनक्रिडिबल इंडिया क होइत अछि। एहन मे बीएसटीडी क रोल कहां होइत अछि।
जेना-तेना गप सुलझल। दूनू गोटे पर्यटक क लेल अलग-अलग इंतजाम केलथि। बीएसटीडीसी जतय अपन शेफ देलक, ताकि बिहारी व्यंजन क स्वाद पाहुन सब चख् िसकैथि , ओतहि इनक्रिडिबल इंडिया क दिस स भारतीय नृत्य कला मंदिर मे कल्चरल इवेंट क आयेाजन कैल गेल्। बीएसटीडी क जीए शआदत हसन मिंटो कहलथि जे बिहार क सीमा मे प्रवेश करबाक संगहि सबटा टूरिस्ट कए बिहारी व्यंजन क स्वाद परोसल गेल। एकरा लेल पहिने स सबटा तैयारी कैल गेल छल। पांच दिनक एतिहासिक यात्रा पूरा करि क्रूज बक्सर मे बिहारक सीमा स विदा भ उत्तरप्रदेशक सीमा मे प्रवेश केलक। मुदा किछु दूर गेला पर क्रूज क एकटा इंजन मे किछु गंदा फंसि गेल आ ओ काज करय बंद कर देलक। लेकिन शीघ्रहि ओकरा ठीक करि लेल गेल आ क्रूज वाराणसी पहुंच गेल। ऐना सफल भेल भगिरथी प्रयास आ खत्म भेल इ गंगाक लहर पर पाहुनक यात्रा।
बिहार कए ल कए बदलल अवधारणा
”इंडियन कल्चर क डायवर्सिटी हमेशा फॉरेन टूरिस्ट कए नीक लगैत अछि। विदेश मे तमाम चीज त भेट जाइत अछि, सुख-सुविधा भेट जाइत अछि, मुदा कल्चर डायवर्सिटी क मामला मे इंडिया क कोनो टक्कर नहि अछि । ओहि मे सेहो यदि बिहार क गप करि त केवल बिहार मे एतबा डायवर्सिटी अछि जे जेतबा बहुतो आन देश मे नहि होइत अछि। ओना आइ सेहो टूरिस्ट बिहार कए महात्मा बुद्ध क लेल बेसी पसंद करैत छथि।
कैप्टन संदीप शेखावत
कैटप्टन-पांडव क्रूज प्राइवेट लिमिटेड ऑफ इंडिया
बिहार क लेल इ गर्व क गप अछि जे एक संग कईटा देश क टूरिस्ट पांच दिन क यात्रा पर बिहार एलथि। स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट हुनकर खातिरदारी मे कोनो कसर नहि छोड़लक ।
गजेंद्र सिंह
टूर एंड ट्रैवल मैनेजर, स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट बिहार
स्टार ग्रुप क फैसिलिटी छल क्रूज मे
एहि क्रूज मे स्टार ग्रुप क फैसिलिटीज छल। यह कारण रहल जे तमाम पाहुन दिन भरि घूमैत छलाह आ राति मे एहि क्रूज मे आराम स सूति जाइत छलाह। एहि क्रूज मे कुल 28 एयर कंडीशंड कोठली छल, एकटा बैंक्वेट हॉल, एक टीवी रूम आ डायनिंग हॉल सेहो छल। एकर अलावा एकटा डिलक्स कैटेगरी क रेस्टोरेंट सेहो छल।
पुरान डिजाईन क छवि
पांडव क्रूज क पूरा डिजाईन पुरान स्टाईल क अछि। क्रूज क कैप्टन संदीप शेखावत कहलथि जे इ जहाज कम पाइन मे सेहो आसानी स चली सकैत अछि। सामान्य तौर पर कोलकाता-वाराणसी रूट पर बालू एतबा अछि जे क्रूज चलब आसान नहि छल। एकरा लेल पांडव क्रूज क खास तौर स डिजाईन कैल गेल अछि।
एकटा टूरिस्ट पर खर्च भेल 1.75 लाख टका
पांडव क्रूज अपन तमाम बूकिंग स्कॉटलैंड स्थित ऑफिस स कैलक अछि। इंडियन मनी क रूप मे एकटा टूरिस्ट पर लगभग 1.75 लाख टका क खर्च आयल अछि। जखन कि हिनकर ठहरबाक इंतजाम एहि क्रूज मे कैल गेल छल। एकटा कोठली मे दू गोटे कए ठहरबाक इंतजाम छल। एहि मे हिनकर दिल्ली स कोलकाता क हवाई खर्च आ फेर टूर समाप्त भेला पर वाराणसी स दिल्ली क हवाई खर्च आओर दिल्ली मे एक राति ठहरबाक खर्च सेहो शामिल छल।
चालक दल-आठ
महिलाएं-10
मुख्य शेफ कोलकाता क छल
सिक्यूरिटी क व्यवस्था– क्रूज पर प्राइवेट सिक्यूरिटी गार्ड आ जतय क्रूज रूकल, ओतहि जिला प्रशासन एकर देखरेख केलक।
बिहार मे कतय-कतय रुकल जहाज
चार अक्टूबर-बटेश्वर धाम भागलपुर
पांच अक्टूबर-मंूगेर
छह अक्टूबर-बाढ़
सात अक्टूबर-पटना
आठ अक्टूबर-बक्सर
नौ कऐ क्रूज वाराणसी मे रुकल
कौन-कौन ठाम भेटल मजा
भागलपुर- बिक्रमशिला यूनिवर्सिटी, बटेश्वरधाम आ भागलपुरी सिल्क इंडस्ट्री।
मुंगेर- मूंगेर योग अनुसंधान केंद्र, भीम बांध
बाढ़- एहि ठाम स बाट धेने नालंदा, राजगीर आ बोधगया गेलथि।
बक्सर- एहि ठाम केलथि बैलगाडि़क सवारी।