दरभंगा । पोखरिक शहर दरभंगा मे आम लोक आब महज 50 पाई खर्च क एक लीटर पीबा योग्यक पोखरिक जल प्राप्तर क सकताह। भारत मे इ सबस सस्त0 मिनिरल वाटर अछि आ बिहार मे दरभंगा पहिल शहर होएत जाहि ठाम एहन संयंत्र लागि रहल अछि। बिहारमे पानिक समस्याक निदान हेतु पोखरि तलाओ केर पानि पीब’ जोग बनाओल जाएत। बिहार सरकारकें दीस सँ अहि परियोजना पर काज शुरू कS देल गेल अछि।सुलभ इंटरनेशनल केर सहयोग सँ बिहारक दरिभंगामे पहिल सुलभ जल परियोजनाक आई विधिवत शिलान्यास कएल गेल। जानकारीक अछि जे आई दरिभंगामे सुलभ इंटरनेशनल केर संस्थापक डा० बिन्देश्वर पाठक द्वारा बिहारक पहिल सुलभ परियोजनाक शिलान्यास दरिभंगाक वार्ड न० 21 मे कएल गेल। अहि परियोजनाक पश्चात हरिबोल पोखरिक पानि शुद्ध पेयजलमे परिवर्तन कएल जाएत।जानकारीक अनुसार अहि शिलान्यास कार्यक्रम केर संबोधित करैत सुलभ इंटरनेशनल केर बिंदेश्वरी पाठक बजलाह कि अतिशीघ्र तलाओक नगरी दरभंगामे पीब जोग पानि लेल लोककेँ दिकक्ति नहि उठाब पड़तनि। कार्यक्रममे संजय सरावगी सहित कएको गणमान्य लोक उपस्थित छलाह।
दोसर दीस संस्कृत शिक्षासँ विमुख भ’ रहल छात्र सभसँ चिंतित संस्कृत विश्वविद्यालय केर कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा शुक्रदिन सुलभ इंटरनेशनल केर संस्थापक पद्म श्री डॉ. विंदेश्वर पाठक सँ यूरोपियन गेस्ट हाउसमे औपचारिक शिष्टाचार भेंट कएलक। आ ओ संस्कृत केर संवर्द्धन आ संरक्षण हेतु मदति करबाक बात रखलनि। ओतय पुष्पगुच्छ आ शॉल सँ कुलपति केर सम्मानित कS सभ तरहक मदति हेतु भरोसा देलखिन। संस्कृत आ संस्कृतिक प्रति शुरूए सँ समर्पित डॉ. पाठक सह्रदयसँ छात्र हितक रक्षार्थ हेतु सहमति देलनि। संगहि ओ वीसी प्रो. झा केर भरोसा दिऔलनि जे संस्कृतक उत्थान हेतु शीघ्रातिशीघ्र प्रधानमंत्री सँ भेंट सेहो करब। वीसी प्रो. झा केर अहि लेल विस्तृत कार्य योजना बनेबा लेल कहलखिन। अहि अवसर पर सिंडिकेट आ सीनेट सदस्य डॉ. विनय कुमार चौधरी सेहो उपस्थित छलाह।
संस्कृत सँ घटि रहल सिनेह पर उक्त जानकारी दैत संस्कृत विश्वविद्यालय केर पीआरओ निशिकांत केर कुलपति प्रो. झा स्थिति स्पष्ट करैत कहलखिन जे कम सुविधा संपन्न ग्रामीण परिवारक बच्चा मात्र संस्कृत शिक्षा सँ जुड़ैत रहल अछि आ एखनहुँ स्थिति वएह अछि। पहिने बच्चा सभकें भोजन आ आवास निःशुल्क उपलब्ध भ’ जाएत छलनि आब परिदृश्य एकदम विपरीत छैक। एहनमे संस्कृतकें प्रति गरीब व निर्धन बच्चा सभक लगाव सेहो घटैत जा रहल अछि। तेँ भोजन-पानी आ आवासक व्यवस्था जँ एखनहुँ व्यवस्थित कएल जाए त’ संस्कृत शिक्षाक दशा आ दिशा दुनु बदलि सकैत अछि।भारत सरकार संस्कृत शिक्षा पर प्रति वर्ष दू सए करोड़ रुपैया खर्च करैत अछि।
वीसी प्रो. झा हुनका सँ आग्रह कएलनि कि इतिहास गवाह अछि सुविधा संपन्न लोक, राजा -महाराजा, सेठ-साहूकार, ट्रष्ट आ उदारचित्तक लोक केवल देववाणी संस्कृत केर जीवंत राखयमे तथा पुष्पित-पल्लवित करयमे अग्रणी रहल अछि। अहाँ सक्षम छी तेँ व्यक्तिगत स्तर सँ सेहो दूरगामी पहल कS आबि रहल बाधा सभकेँ दूर करबामे मदति करिऔ। वीसी हुनका कहलखिन कि भारत सरकार संस्कृत शिक्षा पर प्रति वर्ष दू सए करोड़ रुपैया खर्च करैत अछि आऔर अहि राशिमे सँ छात्रवृत्ति आ अन्य हितकारी खर्चा सेहो सामिल रहैत अछि। अपना अहिठाम बिहारमे संस्कृत शिक्षा पर सलाना पांच सए करोड़ खर्च त’ होयते अछि मुदा अहिमे सँ नहि त’ छात्रवृत्ति आ नहि आवास आ भोजन। खाली वेतन आ पेंशनमे ई राशि समाप्त भ’ जाएत अछि।
समाजशास्त्र पर अंतरराष्ट्रीय मेगा सेमिनार अगिला बरख दरिभंगामे “स्वच्छता केर समाजशास्त्र विषय” पर अंतरराष्ट्रीय मेगा सेमिनार होयत। अही संदर्भमे शुक्रदिन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय केर कुलपति प्रो. एस.के. सिंह एवम सुलभ इंटरनेशनल केर संस्थापक डॉ. विन्देश्वर पाठकक बीच सहमति बनल। कुलपति कार्यालय मे आई सुलभ इंटरनेशनल केर संस्थापक डाॅ. विन्देश्वर पाठक आ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय केर कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह के’ बीच भेल भेंटमे अहि पर निर्णय लेल गेल। भेंटवार्तामे कहल गेल कि 2019 सँ दरिभंगासँ सीधे हवाई सुविधा सेहो भेट जाएत। अही कारण सँ अगिला बरख अंतरराष्ट्रीय सेमिनार केर आयोजन कएल जाएत। जाहिमे आस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका, रूस केर प्रतिनिधि सभ भाग लेत। तीन दिवसीय सेमिनार नवम्बर 2019 मे होयत। एकर तैयारी हेतु जल्दिए एकटा कमिटी केर गठन कएल जाएत।