सुनील कुमार झा
सहरसा। सरकार आ रिजर्व बैंक क बीच आजुक बैसार पर सबहक नजरि अछि। बैसार मे कोनो ठोस फैसला नहि भेल। बीचक बाट तकबाक प्रयास करैत बोर्ड क बैसार खत्म भ गेल। ओहुना बोर्ड लग रिजर्व राशि देबाक सीधा अधिकार नहि अछि। एहन मे सरकार क जे मांग छल ओकरा पूरा करब रिजर्व बैंक लेल कठिन पहिने स कहल जा रहल छल। रिजर्व बैंक क ताजा रुख क बाद सरकार लग बहुत रास विकल्प नहि बचल अछि। एहन मे कहल जा रहल अछि जे सरकार बैंक कए बचेबा लेल बाउंड आनि सकैत अछि।
बैसार स पहिनेहु जानकारक इ दावा छल जे अगर सरकार क आगू रिजर्व बैंक झुकत त दुनिया भरि मे एहि संस्थाक साख खत्म भ सकैत अछि। उर्जित पटेल लेल इ सब एतबा आसान नहि अछि। दोसर दिस कर्मचारी संघ पहिने अनिश्चितकालीन हडताल पर जबाक धमकी द चुकल अछि। ऊपर स रघुराम राजन क लगातार आबि रहल बयान सरकार लेल नव संकट ढार क देलक। सरकार लेल दुविधा इ अछि जे ओ लोककल्याणकारी योजनाक नाम पर जे योजना चलेलक ओकर वसूली चुनावी वर्ष मे नहि चाहैत अछि आ बैंक लग पूंजी नहि अछि। बैंक मे पूंजी अनबाक दू टा रास्ता अछि एकटा रिजर्व बैंक अपन आरक्षित राशि बैंक लेल निगर्त करै या फेर बैंक कर्जदार सब स वसूली शुरु करै। सरकार वसूली लेल तैयार नहि अछि और रिजर्व बैंक टका देबा लेल तैयार नहि। एहन में बैंकक बढैत घाटा कए देखैत एकटा विकल्प बचैत अछि जे सरकार बाउंड जारी क बैंक मे पूंजीक उपलब्धता सुनिश्चित करै। किया त बैंक लग पूंजी एतबा कम भ चुकल अछि जे अगिला साल शायद कोनो बैंक सरकार कए कमा कए एक टका नहि दिय जा रहल अछि। मुद्रा आ स्टार्टअप सन योजना बैंक कए कंगाल बना रहल अछि। एकर वसूली एतबा कम अछि जे कुल 9टा बैंक कए सरकार कोनो कर्ज देबा स रोकि देलक अछि। किया त बैंक कर्ज देबा लेल अतिरिक्त पूंजीक मांग क रहल अछि। सरकार बैंक कए वसूली स पूंजी जमा करबा लेल मना क रहल अछि। एहन मे बैंक लग अपन चालू खर्च जुटेबाक संकट ढार भ चुकल अछि।
कर्ज अथवा गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) लेल भेल बेसी प्रावधान करबा स सार्वजनिक बैंक क बैलेंस शीट पर खराब प्रभाव पड़ल अछि। चालू वित्त वर्ष क जुलाई-सितंबर तिमाही मे सार्वजनिक क्षेत्र क बैंक क कुल घाटा पिछला साल क एहि तिमाही क मुकाबले करीब साढ़े तीन गुना बढि कए 14,716.20 करोड़ पर पहुंच गेल अछि। एक साल पहिने सार्वजनिक क्षेत्र क एहि 21 सरकारी बैंक क कुल घाटा 4,284.45 करोड़ छल। हालांकि, तिमाही आधार पर बैंक क प्रदर्शन मे कनि सुधार आयल अछि। चालू वित्त वर्ष क पहिल तिमाही क मुकाबले एहि बैंक सबहक कुल घाटा 2,000 करोड़ घटिकए 14,716.2 करोड़ रहि गेल अछि, जे अप्रैल-जून 2018 तिमाही मे 16,614.9 करोड़ छल।
बैंक दिस स पेश तिमाही नतीजा क अनुसार घोटाला क मारि झेल रहल पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) कए सितंबर तिमाही मे सबस बेसी घाटा भेल अछि। पीएनबी कए चालू वित्त वर्ष क दोसर तिमाही मे 4,532.35 करोड़ क घाटा भेल अछि। देश क एहि दोसर सबस पैघ बैंक कए एहि साल क शुरुआत मे 14,000 करोड़ क नीरव मोदी कारण भारी नुकसान भेल।
सितंबर मे समाप्त दोसर तिमाही मे, आईडीबीआई बैंक कए 3,602.50 करोड़ रुपये आ इलाहाबाद बैंक कए 1,822.71 करोड़ क घाटा भेल। भारतीय स्टेट बैंक आ ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स कए मजबूत प्रदर्शन क कारण तिमाही आधार पर बैंकों क कुल घाटा कम करबा मे मदद भेटत।
चालू वित्त वर्ष क जुलाई-सितंबर तिमाही मे भारतीय स्टेट बैंक कए महज 944.87 करोड़ क लाभ भेल। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स कए 101.74 करोड़ क मुनाफा भेल। मार्च 2018 कए समाप्त तिमाही मे सार्वजनिक क्षेत्र क 21 बैंक क कुल घाटा 62,681.27 करोड़ छल।
सरकार आ रिजर्व बैंक सार्वजनिक क्षेत्र क बैंक क स्थिति मे सुधार अनबा लेल प्रयास क रहल अछि। सरकार अपन स्तर पर एहि बैंक कए नव पूंजी उपलब्ध करेबाक मे लागल अछि, जखनकि रिजर्व बैंक एकर निगरानी कए कडा क देलक अछि।