आधुनिक पटनाक विकास मे दरभंगाक योगदान पर बहुत कम लिखल गेल। सच पूछू त एहि पर लिखले नहि गेल। आइ जखन मिथिला राज्यक मांग तेज अछि त एहि पर चर्च करब जरूरी अछि जे पटना लेल मिथिला की केलक आ मिथिला लेल पटना की केलक। पटना मे दरभंगाक निशानी एक एक क मिटाउल जा रहल अछि, एहन मे इ पूछब उचित जे आखिर पटना दरभंगाक उपकार किया बिसरि गेल। दरभंगाक पक्ष सामंतवादी व्यवस्थाक पक्ष नहि छी। लोकतंत्रक विकल्प कोनो आन व्यवस्था नहि भ सकैत अछि। पिंकी झा क इ आलेख मुख्य रूप स आजुक विकासक ढिंढोरा क संग भाई-भतिजावाद आ जातिक नाम पर लोकक लागि रहल मूर्ति आ शिलापट क तुलनात्मक अध्ययनक मांग करैत अछि। – समदिया
दरभंगा करैत अछि एक प्रश्न,
की कखनो मन पडैत छी हम,
मिथिलाक आभूषण महल देख,
ठाम-ठाम पर शिला देख,
पटने नहि काशी, दिल्ली, कलकत्ता आ मिस्र धरि,
भेटत किछु शिल्प एक प्रश्न पूछैत,
इ केकरा लेल, इ कथिक लेल,
गुनधुन मे सदिखन रहैत छी हम,
दरभंगा करैत अछि एक प्रश्न,
की कखनो मन पडैत छी हम।
कवि सुधीर क इ पाति पर संभवत: संपूर्ण समाज अपन चुप्पी मे जबाव द दैत – नहि, नहि, नहि। दरभंगा शिक्षा, स्वास्थ आ सामाजिक सबटा स्तर पर बिहार क संपूर्ण विकास क लेल ओहि समस्त प्रयासक संग देलक जे समाज क हित मे छल। विनोवा भावे क भूदान आंदोलन मे एक लाख 17 हजार एकड जमीन डा कामेश्वर सिंह दान देलथि, ओ जमीन आइ कतए अछि एकर जानकारी बिहार सरकार लग सेहो नहि अछि। इ सुनि कए अपने कए आश्चर्य भेल होएत। मुदा एहि स पैघ आश्चर्य क गप इ जे राजधानी पटना क विकास लेल जे दरभंगा क योगदान अछि ओ सेहो ककरो ध्यान पर नहि अछि। पटना मे जतए शिलापट पर दानक राशि अंकित अछि, ओ देखबाक समय तक लोक लग नहि अछि। बहुत कम लोक कए बुझल अछि जे पटना चिकित्सा महाविद्यालय अर्थात पीएमसीएच क स्थापना लेल आधा स बेसी रकम दरभंगा देने अछि। सूची मे सबस उपर सबस बेसी दान देनिहार दरभंगा क नाम अंकित अछि। एहि अस्पतालक निर्माण 25 फरवरी, 1927 कए भेल जाहि लेल दरभंगा द्वारा पांच लाख टका दान देल गेल छल। स्मरण रहै जे 1927 मे पांच लाख टका क वास्तविक मूल्य आजुक हिसाब स कतेक छल। इ अंदाजा आसानी स लगाउल जा सकैत अछि। पीएमसीएचक इतिहास मे अंकित अछि जे बिना दरभंगा क सहयोग स पटना मे चिकित्सा महाविद्यालयक सपना साकार होएब मुश्किल छल। किया त टकाक अलावा दरभंगा हाउस क आधा जमीन से सेहो मेडिकल कॉलेज कए देल गेल। एतबे नहि दरभंगा महाराज अलग स कैंसर अस्पताल क भवन आ उपकरण सेहो दान केलथि जे ओहि समय भारत नहि बल्कि एशियाक एक मात्र कैंसर अस्पताल छल।
एहिना हार्डिंग पार्क पटनाक प्रथम पार्क थिक। एकर निर्माण लेल सेहो 1913 मे दरभंगा 40 हजार टका दान देने छल। पटना रेडियो स्टेशन, जाहि परिसर मे आब दूरदर्शन सेहो अछि, दरभंगा राज द्वारा देल गेल जमीन मे अवस्थित अछि। बहुत कम लोक कए इ ज्ञात अछि जे पटनाक लोक लेल जखन नल जल योजना बनल त पटना नगर निगम कए घर घर नल स जल उपलब्ध करेबा लेल सर्वाधिक राशि दरभंगा महाराज देलथि। दरभंगा महाराजक टका स बनल पानी टंकी आइ धरि ओकर गवाही दैत अछि। पटना विश्वविद्यालय मे स्नातकोत्तर क पढाई लेल देल गेल दरभंगा हाउस एकर प्रमाण अछि जे दरभंगा शिक्षा, स्वास्थ आ सामाजिक संपूर्ण विकास क लेल ओहि समस्त प्रयासक संग देलक जे समाज क हित मे छल। पटना रेलवे टिसन क आगू बग्गी पडाव छल, जाहि ठाम स आब दरभंगाक नाम मिटा देल गेल अछि। मुदा महावीर मंदिर समेत ओ पूरा इलाका एखनो दरभंगा क जमीन अछि। जे बिहार सरकारक जिम्मा मे अछि। पटना रेलवे टिसन लेल सेहो दरभंगाक योगदान उल्लेखनीय अछि। भाषा साहित्यक प्रति अपन प्रेम आ सामाजिक चेतना, परिवर्तनक प्रारब्ध हेतु पत्र-पत्रिका क प्रकाशन मे सेहो दरभंगा संग देलक जेकर प्रमाण अछि इंडियन नेशन, आर्यावर्त आ मिथिला मिहिर। मुदा आब नहि ओ नगरी, नहि ओ ठाम। आब त शेष अछि मात्र स्मृति जतए स कहियो बिहार क राजनीति पर तटस्थ पत्रिकारिता होइत छल, ओ पीठ आइ ढहि गेल अछि आ ओहि ठाम महाराजा कम्पैक्स ढार भ गेल अछि। मुदा ढांचा बदलला स इतिहास मे ओकर योगदान कए नहि मिटाउल जा सकैत अछि। पटना स दरभंगाक नाम मिटेबाक जे प्रयास भेल मुदा आधुनिक पटनाक विकास मे दरभंगा क भागीदारी कए उपेक्षित नहि कैल जा सकैत अछि।
पटना मे दरभंगाक योगदान कए तकबाक शुरुआत कतहु स भ सकैत अछि त ओ अछि दरभंगा हाउस। दू भाग मे विभक्त दरभंगा हाउस एखनो देखबा मे अनुपम अछि। राजा ब्लॉक आ रानी ब्लॉक बक बीच स्थित अछि काली मंदिर। आइ इ दूनू ब्लॉक पटना विश्वविद्यालय क अधिकार मे अछि। दरभंगा जखन इ भवन पटना विश्विविद्यालय कए देने छल ओहि समय मैथिली भाषा क पढाई लेल मैथिली विभाग कए एहि ठाम प्राथमिकता देल गेल जे ओ अपन इच्छा स जगह क चयन करए। एहि स पूर्वहू दरभंगा मैथिली भाषा साहित्यक विस्तार लेल ओहि समय मे (1933-34) एक लाख टका बैंक मे जमा करि देने छल। जेकर उपयोग मैथिली भाषाक विस्तार लेल आइ धरि सुरक्षित राखल अछि। मैथिली विकास कोष क टका क उपयोग कई वर्ष स नहि भ सकल अछि। ओना आब एहि टका स पुस्तक निकालबाक फैसला लेल गेल अछि। तहिना गंगा घाट पर पवित्र काली मंदिर आइ धरि कामेश्वरसिंह धार्मिक न्यास क देख रेख मे अछि। दरभंगा हाउस क संरक्षण करबा मे बिहार सरकार विफल रहल अछि। आंदोलनक नाम पर जतए एकर सुंदरता कए खत्म कैल गेल तहिना सुरक्षाक नाम पर एक ढांचाक संग छेडछाड कैल गेल। महल स गंगा तक जे गुप्त बाट छल से आब बंद करि देल गेल अछि। बरामदा पर सेहो अवैध रूप स निर्माण कैल गेल अछि। कुल मिला कए दरभंगा द्वारा देल गेल एकटा सुंदर महल कए पटना बजा कए नहि राखि सकल।
पीएमसीएच कए पटना लेल एकटा गौरवपूर्ण परिसर कहल जा सकैत अछि। जेकर शिला पर सबस उपर नाम दरभंगाक महाराजा रामेश्वर सिंहक अछि जे 1927 मे एहि अस्पतालक स्थापना लेल पांच लाख टका देने छलाह। जे एहि अस्पतालक निर्माण आधार भेल। एहि अस्पताल मे दरभंगा क योगदान कए घटा देल जाए त एकर कल्पना कठिन भ जाएत, मुदा इ जानकारी शिला पर अंकित भेलाक बावजूद आमजन मे नहि अछि। सवाल उठैत अछि जे अंग्रेजक नाम जाहि जाहि ठाम स हटाउल गेल ओहि ठाम भारतीय क नाम जोडल गेल, मुदा पटना मेडिकल कॉलेजक नाम स अंग्रेजक नाम त हटल मुदा ओकर नाम सबस पैघ दानदाता रामेश्वर सिंहक नाम पर नहि राखल गेल।
एहिना हार्डिंग पार्क क पटनाक प्रथम पार्क अछि। एहि पार्क क नाम तीन बेर बदलल गेल। मुदा पार्क मे कतहु एकटा बोर्ड तक नहि लागल अछि जाहि स इ ज्ञात भ सकए जे एहि पार्क लेल जमीन के देलक आ एकर निर्माण लेल टका के लगेलक। एहन मे आमजन कए कोना पता चलत जे पटना कए पार्क देनिहार दरभंगा आइ एकटा नीक पार्क लेल खुद ललायित अछि। इतिहास कए मिटेबाक प्रयास किया भेल इ त पता नहि मुदा बिहार क सौ साल क मौका पर छपल किताब क पन्ना बहुत मिटल इतिहास कए कोरि कए बाहर करबाक प्रयास केलक अछि। नहि त कियो एकरा भोजपुर त कियो एकरा रामगढ क राजाक देन बता दैत रहलाह अछि। एकर नाम सेहो हार्डिंग स शहीद भेल आ फेर कुवंर सिंह पार्क। मुदा रामेश्वर सिंह क नाम कए लेत आ कतए लिखल जाएत। आइ पार्क क हालत देख लगैत अछि जे ठीक भेल जे रामेश्वर सिंहक नाम नहि लिखल गेल, जेना दरभंगा इ पार्क पटना कए उपहार देने छल पटना अपन एहि सुंदर उपहार कए बचा कए नहि राखि सकल। हार्डिंग पार्क क निर्माण लेल 1913 मे दरभंगाक महाराज रामेश्वर सिंह जमीन आ 40 हजार टका देने छलाह। जेकर प्रमाण कईटा पुस्तक मे भेटैत अछि। मुदा पार्कक शिलापट पर एहन कोनो जानकारी नहि देबाक पाछु क राजनीति बुझबा मे नहि आबि रहल अछि। पटना रेलवे टिसन, महावीर मंदिर आ प्रसार भारती तक दरभंगा क जमीन पर बनल अछि। दरभंगा अपन एहि योगदान स संपूर्ण मिथिला क छाती चौडा करैत रहल अछि। आर्यावर्त आ इंडियन नेशन केवल बिहार नहि बल्कि मिथिलाक स्वर सेहो बुलंद करैत छल। इ स्वर एतबा प्रभावी छल जे आर्यावर्त मे बेर बेर मांग उठलाक बाद गंगा मे पुल बनेबा लेल सरकार बाध्य भेल। जाहि स मिथिला अपन दोसर छोर स सेहो पटना स जुडि सकल। मुदा आब ओ स्वर बंद भ गेल। आब ओहि ठाम महाराजा कंप्लैक्स नामक बाजार बनि गेल। एहि स जतए बिहारक आवाज मध्यम भेल ओतहि मिथिलाक आवाज बंद भ गेल। जतए स बिहारक राजनीति पर तटस्थता स नजरि राखल जाइत छल ओहि ठाम आब सबकिछु बिकाइत अछि।
एहन नहि जे दरभंगाक महाराज कए लोकतांत्रिक व्यवस्था मे विश्वास नहि छल। भारतक पहिल जन प्रतिनिधि दरभंगाक महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह छलाह। 1892 मे भेल पहिल मतदान में उम्मीदवार दरभंगा महाराज छलाह आ वोट देबाक भारत में पहिल अवसर पटनाक लोक कए भेटल छल। 1892 स पहिने मताधिकारक प्रयोग भारत मे कतहु नहि भेल छल। बंगाल स अलग भेलाक बाद जखन बिहारक राजधानी पटना कए बनेबाक फैसला भेल त सबस पैघ सवाल छल जे विधानसभा जा धरि नहि बनैत अछि ता धरि सदन कतए बैसत। विधान परिषद क पहिल बैसार त पटना विश्वविद्यालयक सिनेट हॉल मे भेल दल, मुदा विधानसभाक पहिल बैसार कतए भेल एहि पर चर्च नहि कैल जाइत अछि। कारण अछि जे एहि लेल दरभंगाक नाम लेबाक मजबूरी होएत। दरअसल, बिहार विधानसभा लेल दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह पटनाक छज्जूबाग मे जमीन आ भवन दान केलथि। जाहि मे बिहार विधानसभा क पहिल बैसार भेल। आइ ओहि भवन मे पटना उच्च न्यायालयक मुख्य न्यायाधीश रहैत छथि।
दरभंगाक पक्ष सामंतवादी व्यवस्थाक पक्ष नहि छी। लोकतंत्रक विकल्प कोनो आन व्यवस्था नहि भ सकैत अछि। इ आलेख मुख्य रूप स आजुक विकासक ढिंढोरा क संग भाई-भतिजा आ जातिक नाम पर लागि रहल शिलापट क तुलनात्मक अध्ययनक मांग करैत अछि। एहन मे इ मांग उठब अनुचित नहि जे पटना मे दरभंगा क निशानी कए मिटेबाक प्रयास बंद कैल जाए आ दरभंगा क दानदाता क मूर्ति कोनो चौराहा पर लगाउल जाए। कोनो सडक क नाम ओहि दानदाता क नाम पर राखल जाए जाहि सडकक कात मे दान देल पार्क या भवन अछि। आखिर इ कोनो सामंतवादी विचारधारा क पूनर्स्थापनाक मांग नहि थिक बल्कि इ ओहि विचारधारा क सम्मान आ ओहि व्यक्ति क प्रति श्रद्धांजलि थिक जे समाज लेल अपन सर्वत्र दान क देलक।
आइ मध्यम स्वर मे सही मुदा इ प्रश्न उठब शुरू भ गेल अछि जे पटना क विकास मे योगदान देनिहार दरभंगाक प्रतिनिधि चाहे ओ राजा छलाह बा सांसद या उद्योगपति हुनकर नाम पर पटना मे एकटा स्मारक, एकटा सडक बा एकटा चौराहा तक किया नहि भ सकल अछि। सरकार कए एहि दिस ध्यान नहि अछि, मुदा कोनो मैथिल कए सेहो एहि विषय मे सोचबा लेल समय नहि छैन।
Patna, Mithilak sosak aa satru bha gel achhi;aab sambandh -bichhed ham sab bachab. Sab mili ka Mithila prant banau
बहुत नीक लेख।
मात्र पटने नञिं, भारतक बेशी कऽ विकसित शहरि पर मिथिलाक कर्ज चढल अछि।
मात्र पटने नञिं, भारतक बेशी कऽ विकसित शहरि पर मिथिलाक कर्ज चढल अछि। …………..Sahee Baat.
धन्यवाद पिंकी! अहाँके कलम सँ निकलल रक्तिम् भाव जे दरभंगा द्वारा पटना के बुनियाद ठाड़्ह करय के बयाँ कयलक अछि एहि सँ हम सहित बहुतो हमरे सन के नवतुरिया मैथिल लाभान्वित भेलथि आ आगुओ हेता से विश्वास अछि। बहुत सुन्दर आलेख आ आँखि खोलयवाला अछि।
http://www.esamaad.com/opinions/2012/07/10582/
दरभंगा महाराजक कीर्ति महान् छन्हि आ समूचा भारत संग विदेश में सेहो छन्हि। कहबी छैक जे कीर्तिमें त्याग रहैछ तऽ ओ अमरता प्राप्त करैछ। अवश्य! सुधीर झा के पाँति संग अहाँ के उपरोक्त आलेख अत्यन्त महत्त्वपूर्ण अछि।
एहि सँ नव आन्दोलन जरुर ठाड़्ह होयत। पटना के पटल पर मिथिलाके प्रतिनिधित्व कयनिहार के आत्मविश्वास आब आत्मशक्तिके रूपमें निरूपित होयत आ अहाँकेर जायज माँग जे दरभंगाके योगदान लेल सेहो पटनामें शिलालेखन, सड़क नामकरण, मुर्ति अनावरण आदि अवश्य कैल जायत से हमर हृदयके विश्वास अछि।
लेखनी होय तऽ एहेन जेकर प्रभाव सभ पर पड़य। ईसमाद के प्रयास सदिखन सार्थकता के पर्याय बुझाय लागल अछि। आत्मविश्वास सऽ भरल ई-समाद के समस्त टीम के हार्दिक धन्यवाद आ सुन्दर भविष्य के शुभकामना।
हरिः हरः!
Dhanyabad!badd nik lekh,
Jahina Kendra Biharak upeksha karait achhi tahina Bihar Maithili a Mithilak upeksha karait abi rahal achhi.
Sirf 850 acre nahi 115000 acre zamin bhoodan me dene rahthin Maharajadhiraj.
ahanke aalekh bahut jankari bharal achi vises ka maithil ke lel. padhi ka bahut nik lagal.
ek ta gyapan bihar sarkar ke debak chahi aur ekar prakashan ajuk mukhy samachar patra me seho hebak chahi , takhan e highlight hoyat …..
हार्डिंगे पार्क क नामकरण आ पटना मेडिकल कोललेग क बात हम 23.3। 13 क पुस्तक मेलमे अपन बात् क बीच रखने छलहू ओना बिहार स मिथिला के कोनो आशा रखनाई पठार पर दुभी उगेनाई
वस्तुत: हृदयकेँ छूलक आओर आशा करैत छी जे इ टीम एहन एहन आलेख द मिथिलाक कल्याण करथि।
Nik lekhni…..ehi vishay par charcha jruri….
I think you should write more about darbhanga
Mithila ke Sanskriti ke mitebak ke prayas bha rahal ahi.Bahut dukh ke bat aab jadi Maithil apan samman aar adhikar lel sadak par nahi utarta ta jeho ahi seho khatam bhay jayat. Jai Mithila Jai Maithili