दरभंगा । दरभंगा क पूर्वी दियारा क दिन बहुरय बला अछि । किछुए दिन मे इ इलाका पर्यटन स्थल क रूप मे जानल जाएत । दरभंगा शहर से पैंसठ किलोमीटर दूर दरभंगा, सहरसा, सुपौल आ समस्तीपुर क सीमा पर स्थित कुशेश्वर स्थान क चयन क कए विभाग क प्रक्रिया तेज कए देल गेल अछि ।
मिथिला वन प्रमंडल दिस स सरकार कए भेजल गेल विशेष प्रस्ताव मे एहि योजना क प्रारूप बनेबा स लए कए एकर क्रियान्वयन क काज शुरू भए गेल अछि । तत्काल तीस लाख सत्तर हजार सात सौ बानवे टकाक लागत क प्रारूप तैयार कए भेजल जा चुकल अछि । हलांकि आन प्रस्ताव लेल सेहो प्रारूप भेजबा लेल तैयार अछि । पहिल फेज में विकास क मद मे बाइस लाख टकाक स्वीकृति सेहो भेटल अछि । ओना त दू हजार नो सो तेइस हैक्टेयर भूमि बर्ड रेस्कयू क लेल अछि मुदा ओकर बेहतर विकास लेल 80 एकड़ भूमि अधिग्रहण कए बर्ड रेरेस्क्यू सेंटर आ ब्रीडिंग सेंटर बनेबाक योजना लगभग तय मानल जा रहल अछि । एहि लेल संबंधित विभाग कए रिपोर्ट भेजल जा चुकल अछि । ऐतबे टा नहि देहरादून स्थित एफआरआई सेन्टर कए एतय बीच-बीच मे आबय लेल चारि लाख टकाक आवंटन राशि उपलब्ध कराओल गेल अछि । विभाग ओकरा सेहो भेज देलक अछि । टीमक कैक टा वैज्ञानिक एतय आबिकए एकर जायजा सेहो लए चुकल अछि ।
ज्ञात होए जे बहुत साल से कुशेश्वरस्थान क ई इलाका साइबेरियन सहित आन आन विदेशी पक्षी क बसेरा बनल अछि । साल 1995 मे बर्ड रेस्क्यू सेन्टर क लेल स्वीकृति भेटल आ काज सेहो शुरू भए गेल छल । हलांकि एतय बेसी जाड़ क वजह से पक्षि क जमावड़ा सेहो एतय लागल रहैत अछि । ओहि क देखभाल आ नाव स गश्ती करबा क लेल काज सेहो शुरू अछि । वन विभाग सेहो समय समय पर कार्यक्रम करबैत रहैत अछि ताकि लोगक बीच जागरूकता बनल रहय ।
गॉंमक लोग कए भेटत सुविधा
कुशेश्वर स्थान इलाका क पैंतीसटा गामक चयन एहि योजना क लेल भेल अछि । संबंधित गामकए रोशनी स जगमग करबा कए योजना अछि । ओतहि हरेक गाम आ चौंक पर सोलर लाइट लगनाय अछि । बर्ड रेस्क्यू सेंटर आ ब्रीडिंग सेंटर क बीच-बीच मे खाली जगह पर वॉच टावर क निर्माण होएत । संग-संगे एहि पैतीस गाम मे लोग कए रोजगारक सुविधा त भेटबे करत संगे वन विभाग आन आन मदद सेहो पहुँचेबाक योजना पर विचार कए रहल अछि । एहि लेल गामक लोग कए दस-दस टा मुर्गी देबाक क व्यवस्था करल जा रहल अछि संगे-संग पाँच-पाँच टा फलदार आमक गाछ सेहो देल जाएत ताकि ओ अपन आर्थिक उन्नति करैत रहय ।
पर्यटक लेल सेहो रहत विशेष व्यवस्था
पर्यटक लेल कोनो असुविधा नहि होए एहि लेल सेहो विशेष ध्यान देल जाएत । पर्यटन विश्रामागार, पर्यटन वाहन, आ अल्पाहार क व्यवस्था विकसीत कैल जाएत । स्थानीय भोजन परंपरा कए सेहो विकसीत कैल जाएत । मोटरबोट आ नॉव क व्यवस्था सेहो कैल जाएत । एहि क अलावा रेलवे व्यवस्था क सुगम बनेबाक योजना पर सेहो विचार चलि रहल अछि । एतबे टा नहि बैठक आ प्रर्दशनी हॉल क संग पर्यटक कए सुविधा भेटय एकरो इंतजाम करल जा रहल अछि । पर्यटक कए सुरक्षा भेटय एहि क लेल स्थानीय लोगक संग-संग सुरक्षाकर्मी कए सेहो तैनात कैल जाएत । एहि क अलावा एहि दिस लोगक रूझान होए ऐहि लेल मखानाक खेती, मिथिला चित्रकला आ स्थानीय वस्तु कए प्रचारित करबा क लेल बजार सेहो ताकल जाएत आ ब्रिकी क व्यवस्था सुनिश्चित कैल जाएत ।