बुद्ध क अपेक्षा गुरुगोबिंद सिंह भेला बिहारक छवि बदलबा मे बेसी सहायक
कुमुद सिंह
हम सब एहि तरह क व्यवस्था क उम्मीद नहि केने छलहुं। एहि सेवा सत्कार स हमरा सबहक बिहारी क प्रति सोच बदलि गेल अछि। हमसब कोशिश करब जे गुरु क धरती पर बेर बेर आबि। हम वचन दैत छी जेना एहि ठाम हमरा सब कए इज्जत भेटल अछि तहिना एहि भाव स पंजाब मे सेहो बिहारी सब कए इज्जत करब।
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पंजाब मे आब कोनो बिहारी भेटत त हम ओकरा गला स लगा लेब, हम बिहारिक स्वागत करबा लेल सदिखन तैयार छी। बिहार क लोक जेना हमर एहि ठाम स्वागत केलथि अछि ओ हम भरि जीवन नहि बिसरब…
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बिहार एहन सुंदर होएत, इ न कियो कहने छल, न हि सोचने रही। हम त बुझैत रही बिहार गाम जेकां होएत। आब त सोचैत छी सब साल आबि, ओना पटना मे बिताउल एक एक पल हमर मोबाइल मे कैद अछि। बहुत किछु देखलहुं जेकरा बिसरब त मुश्किल अछि, हां, एतब जरुर जे बिहार क बारे मे आब अगर क्यों नकारात्मक कहत त हम ओकर खंडन करब।
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इ उदगार पटना रेलवे स्टेशन पर पंजाब लौट रहल सिख समुदायक अछि जे पिछला पांच दिन स पटना मे प्रकाश उत्सव मनेबा लेल ठहरल छल।
लौटैत काल अधिकतर लोक बस एतबा कहलथि जे बिहार क एकटा अदभुत सुंदर छवि ल कए वापस लौट रहल छी।
बिहार मे बौद्ध जेकां सिख समुदाय सेहो बहुत कम संख्या मे अछि। मुदा बुद्धिस्ट क मुकाबले सिख समुदाय बिहारी स बेसी वास्ता रखैत अछि। इ गप बिहार सरकार आब जा कए बुझलक अछि। सरकार खास क पर्यटन विभाग बिहारक छवि बदला लेल पिछला किछु साल स बुद्ध आ बोधागया पर पूरा फोकस केने छल। आमतौर पर मानि लेल गेल छल जे बुद्ध बिहार क छवि कए अंतरराष्ट्रीय स्तर क संग संग राष्ट्रीय स्तर पर सेहो निखारि देताह। देश भरि मे पसरल बिहारक छवि बदलि देताह। बुद्ध क बिहार मे पर्यटकक संख्या त बढल मुदा बिहार क छवि मे ओ बदलाव देखबा लेल नहि भेटल जेकर उम्मीद बिहार क आम जनता क रहल छल।
संयोग स एहि साल कालचक्र पूजा क संगहि प्रकाशपर्व क आयोजन भव्य तैयारीक संग भेल। एहि आयोजन मे लगभग 200 करोड़ टका खर्च हेबाक अनुमान अछि। बिहार सरकार एकरा लेल अभूतपूर्व तैयारी केलक। जेकर सराहना अन्य प्रदेश स आयल राजनेताक संगहि पंजाबक मुख्यमंत्री सेहो केलथि। ओ त एतबा धरि कहि देलथि जे पंजाब सरकार एहन आयोजन नहि क सकत। सिख श्रद्दालु क ठहरब लेल 35 ठाम मुफ्त इंतजाम कैल गेल छल। राजधानी पटना स्टेशन पर 62 अन्य ट्रेन क रुकबा आ 12टा विशेष ट्रेन कए एबाक व्यवस्था कैल गेल छल। देश भर स करीब 4 लाख श्रद्धालु विभिन्न माध्यम स पटना पहुंचलथि। सबहक ठहरबा लेल विशेष व्यवस्था सरकार केने छल। पटना मे ढाई सौ स ेसी बस श्रद्धालु लेल चलाउल गेल छल। गंगा मे जहाज सेहो चलाउल गेल छल। कुल मिला कए कहल जा सकैत अछि जे पटना पहुचलाक बाद लोकक सबटा जरुरत सरकार वहन केलक। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं एहि समारोह क तैयारी क कमान अपन हाथ मे रखने छलाह। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पूरा समन्वय करैत रहलाह। सरकार आ प्रकाशसनक संग समाजिक संगठन आ आम लोग एकटा टीमवर्क जेका पूरा समारोह कए संपन्न करेबा मे अपन योगदान देलक।
पूरा आयोजन अविश्वसनीय रहल आ ताहि लेल 350म प्रकाश पर्व क चर्चा हरएक जुबान पर चढि गेल, पक्ष आ विपक्ष स लकए आगंतुक श्रद्धालु तक सरकार आ बिहार कए दाद द रहल छथि। इ प्रशंसा क बाट सरकार बहुतो दिन स ताहि रहल छल। गया मे चलि रहल कालचक्र पूजा बौद्ध सर्किट मे बिहार क सुंदर छवि स्थापित करबा मे सफल रहल, मुदा प्रकाशपर्व समस्त भारत मे बिहार क छवि बदलि कए राखि देलक।
एकर पाछु दूटा मुख्य कारण कहल जा सकैत अछि। पहिल इ जे सिख धर्म सेहो बिहार मे बौद्ध जेकां बहुसंख्यक क धर्म नहि अछि मुदा बिहार क जनता स सिख समुदाय क जुडाब बौद्ध समुदाय क मुकाबले बहुत बेसी अछि। ताहि लेल अगर एकटा बौद्ध क नजरि मे अगर बिहार छवि बदलल त ओकर प्रभाव बिहार आम लोकक जीवन पर नहि देखबा लेल भेटल, मुदा एकटा सिख क नजरि मे अगर बिहार छवि बदलल त ओकर प्रभाव बिहार आम लोकक जीवन देखबा लेल भेटत। किया कि प्रवासी बिहारी क पंजाब या सिख समुदाय मे काफी सहभागिता अछि। एहन मे एहि बदलावक प्रभाव हुनकर जीवन पर तत्काल देखबा लेल भेटत। एकर प्रभाव खास क असंगठित क्षेत्र क दिहाड़ी मजदूर आ कामगार पर देखबा मे भेटत, जे पलायन क दर्द झेलैत छथि, जिनका पिछला कई साल स ‘बिहारीÓ कहि कए अपराधबोध कराउल जाइत छल। पंजाब, राजस्थान, हरियाणा आ दिल्ली मे क्षेत्रीय भेदभाव क सबस बेसी शिकार रहल बिहारी कए प्रति व्यवहार मे आब जरुर बदलाव आउत। सिक्ख बहुसंख्यक एहि राज्यसब मे बिहारी मजदूर क खेती स लकए राज मिस्त्री सन पेशा तक मे दबदबा अछि। संभवत: असंगठित क्षेत्र एहि मजदूर कए आब बिहारी हेबा पर गर्व होएत।
इ गर्व क भाव बुद्धिस्ट लग नहि ते कहियो खत्म भेल छल आ नहि कहियो पुनसर््थापित करबाक जरुरत आम लोक कए महसूस भेल।
एतबे नहि बिहार कए बुद्धिस्ट स बेसी सिख समुदाय स निवेश आ सहायताक उम्मीद सेहो एहि संदर्भ मे कैल जा सकैत अछि। सरकार सेहो प्रकाशपर्व क बाद इ बुझबा लेल तैयार भ रहल छथि जे एहि प्रकारक धार्मिक अनुष्ठान स केवल बिहार छवि नहि सुधारत बल्कि आर्थिक, सामाजिक और वैश्विक लाभ सेहो दैत। एखन इ कहब मुश्किल जे प्रकाशपर्व स सीधा निवेश क संभावना बढ़ल बा नहि बढ़ल, मुदा देश दुनिया मे आब बौद्ध आ सिक्ख अनुयायि सबहक बिहार मे आवाजाही बढत। एहि स बिहार कए तत्काल आर्थिक लाभ आ रोजगार क अवसर बढ़ब स्वाभाविक अछि। आगू गांधी सत्याग्रह क भव्य आयोजन मे बिहार क एहि बदलल छवि क परिणाम सामने आउत, एहि उम्मीद क संग एक बेर फेर स बोले सो निहाल, सतश्री अकाल।