मणिभूषण राजू
समस्तीपुर । पूर्व मध्य रेलवे में शुक्र दिन पहिल बेर बायोडीजल सँ मालगाड़ी चलल। समस्तीपुर जंक्शन स्थित डीजल शेड सँ मेंटेनेंस के बाद इंजन निकालल गेल। इंजन में हाईस्पीड के बदले 250 लिटर बायोडीजल डालल गेल।
अधिकारी सब हरियर झंडा देखाकय इंजन के रवाना कयलथि। परीक्षण सफल भेला पर सबगोटे खुशी व्यक्त कयलथि । बाद में इंजन सँ जुड़ि मालगाड़ी रवाना भेल।
जैट्रोफा नामक गाछ सँ बनल अछि बायोडीजल
रेल मंडल के वरिष्ठ यांत्रिक इंजीनियर (डीजल) अमनराज कहलथि कि जैट्रोफा नामक गाछ सँ बायोडीजल के निर्माण भेल अछि। ई साधारण डीजल सँ अलग एकटा प्राकृतिक उत्पाद अछि। पर्यावरण संरक्षण आ स्वच्छता के दृष्टि सँ ई एकटा एतिहासिक उपलब्धि अछि। एकरा गैररासायनिक संगहि किफायती ईंधन मानल गेल अछि। एकरा स्टोर करय लेल आईओसीएल के मदद सँ 40000 लीटर क्षमता कें टंकी बनल अछि। कोलकाता स्थित ईमामी एग्रोटेक सँ बायोडीजल के आपूर्ति भय रहल अछि। वर्तमानमें प्रतिदिन 35000 लीटर डीजल खपत होईत अछि। दू लाख छियासठ हजार लीटर बायोडीजल वित्तीय वर्ष में खपत करय के योजना अछि। ओ कहय छथि कि बायोडीजल के मदद सँ प्रतिदिन 100 ट्रक के बराबर उत्पन्न होबयवला प्रदूषण पसरय सँ बाँचत।
हरेक इंजन में 20% बायोडीजल
डीजल शेड सँ निकलयवला हरेक इंजन में 20% बायोडीजल आ शेष 80% हाई स्पीड डीजल के उपयोग कयल जायत। एहि लेल रेलवे में वैकल्पिक ईंधन पर शोध करयवला संस्था आईआरओएस सँ मंजूरी लेल जायत। एखन फिलहाल, हरेक इंजन में 5% बायोडीजल के उपयोग कयल जायत।
“वायु प्रदूषण पैघ चुनौती अछि। एकरा देखैत बायोडीजल के बढ़ावा देल जा रहल अछि। शुक्रदिन समस्तीपुर रेल मंडल बायोडीजल सँ मालगाड़ी चलाकय एकटा पैघ उपलब्धि हासिल कयलक।’
– आरके जैन, डीआरएम समस्तीपुर मंडल