पटना : बिहार सरकार आब पैघ स्तर पर सौर ऊर्जाकें आगु बढयबाक निर्णय कएलक अछि। अहिके तहत राज्य सरकार 2022 तक करीब 3,000 मेगावॉट बिजली सौर ऊर्जाक स्रोतों केर माध्यम सँ खरीद’ केर निर्णय लेलक अछि। अहि लेल राज्य सरकार भरिगर छूट केर सेहो घोषणा कएलक अछि। बिहार सरकार अपन नव अक्षय ऊर्जा नीति, 2017 केर मंजूरी दS देल अछि। अहिके तहत राज्य सरकार अगिला पांच बरिसमे अक्षय स्रोतकें माध्यम सँ करीब 3,433 मेगावॉट बिजली बनेबाक लक्ष्य रखलक अछि। ई ओहि समय राज्यक ऊर्जा आवश्यकताक करीब 25 प्रतिशत होयत। अहिमे सबसँ बेसी बल राज्य सरकार सौर ऊर्जा पर देलक अछि, जेकरा माध्यम सँ 2022 तक 2,969 मेगावॉट बिजली उत्पन्न करबाक योजना बनाएल गेल अछि। शेष 244 मेगावॉट बिजली जैव ईंधन आऔर 220 मेगावॉट पनबिजली परियोजना सभसँ बनाओल जाएत। कैबिनेट सचिवालय केर प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा बतौलनि की ‘बिहार मे एखन वैकल्पिक स्रोत सँ बिजली प्राप्त करबाक पर्याप्त साधन मौजूद अछि। अहि नीतिसँ अगिला पांच बरिसमे पर्यावरण केर दृष्टि सँ अनुकूल तरीका सँ बिजली केर मांग पुर करय पर बल देल जाएत। अहि नीति सँ राज्य सरकार निवेशक सभकेँ आकर्षित करबाक लेल कएको छूट केर घोषणा कएलक अछि। अहिके अंतर्गत बिहार मे देसी के’ साथ-साथ विदेशी निवेशक सेहो गैर-परंपरागत ऊर्जा इकाई स्थापित कS सकत। एकर अलावा, राज्य सरकार मुख्य रूप सँ संचरण आऔर वितरण दाममे छूट देत। वैकल्पिक स्रोत सँ बिजली उत्पन्न करय बला इकाई सभकेँ 10 किलोमीटर के भीतर लगीच बला सब-स्टेशन तक बिजली पहुँचेबाक पूरा पूंजीगत खर्च राज्य सरकार वहन करत। अहिमे मीटरिंग आऔर सुरक्षा खर्च सेहो शामिल अछि। ओतय, 33 किलोवॉट तक केर इकाइ सभकेँ राज्य सरकार तरफ सँ संचरण आऔर वितरण हानि केर भुगतान सेहो राज्य सरकार करत। अहिके अलावा, बिजली उत्पादन पर लागय बला शुल्क सेहो अहि इकाइ सभ लेल माफ होयत। ओतय, राज्य सरकारक औद्योगिक नीति, 2016 केर लाभ सेहो अहि इकाई सभकें प्रदान करत।