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चीनी उद्योग : मिठगर स्‍मरण, तितगर सच्‍चाई

October 10, 2013
in समाचार, समाद विशेष
A A

lohat

एकटा समय छल जखन देश क चीनी उत्पादन क 40 फीसदी चीनी तिरहुत आ बेतिया स अबैत छल, आब इ मुश्किल स 4 फीसदी रहि गेल अछि। आजादी स पहिने एहि इलाका मे 33टा चीनी मिल छल, आब 28टा रहि गेल अछि, जाहि मे स महज 12टा चालू अछि। चालू मिल मे स 10टा निजी प्रबंधन मे चलि रहल अछि। बगहा आ मोतिहारी क स्थिति जर्ज़र भ चुकल अछि, ओतहि सकरी क अस्तित्व मिटा गेल। रैयाम चीनी मिल अपन दुर्दशा पर कानि रहल अछि त सबस पुरान लोहट चीनी मिल अपन उद्धारक क बाट ताकि रहल अछि। नील क खेत मे कुसियार (ईख) क आगमन स जे चीनी उद्योग क नींव पडल छल ओ चीनी मिल क बंद भेला क संगहि कुसियार क खेत पर आइ गहूंम कब्‍जा भ चुकल अछि। इसमाद लेल पत्रकार नीलू कुमारी आ सुनील कुमार झाक चीनी उद्योग क इतिहास आ वर्तमान पर कईटा जिज्ञासा कए शांत करैत एहि शोधपरक आलेख मे बिहारक हरित क्रांति क रास्‍ता तकबाक सेहो प्रयास कैल गेल अछि। प्रस्‍तुत अछि हिनक विस्‍तृत शोधक किछु अंश आलेख क रूप मे । – समदिया

Sugar-Cane being transported to Choutarwa Sugar Mill of then Champaran, a photo of 1905शर्करा स चीनी तक – चीनी क प्रयोग भारत मे कहिया स भ रहल अछि इ त ज्ञात नहि अछि मुदा अथर्ववेद आ रामायण मे एक स बेसी बेर एकर प्रयोग (चीनी शब्द संस्कृत क शर्करा, आओर प्राकृत क सक्कर शब्द स उत्‍पत्ति भेल अछि ) भेल अछि।  एहन मे कहल जा सकैत अछि जे चीनी भारत मे करीब 3 हजार वर्ष पुरान अछि। मनु, चरक आओर सूश्रुत संहिता मे सेहो एकर उल्‍लेख दवाई क रूप मे कैल गेल अछि। मैगस्‍थनीज आ चाणक्‍य क अर्थशास्‍त्र (321 स 296 ईपू) मे सेहो एकर उल्‍लेख अछि। एकटा चीनी एनस्‍कालोपिडिया मे इ रिकॉर्ड अछि जे सम्राट ताई सुंग (627 स 650 ईपू ) क शासनकाल क दौरान चीनी सरकार चीनी छात्र क एकटा दल कए वैशाली पठेने छलाह ताकि ओ ईख आओर गुर स  चीनी क विनिर्माण क खेती क विधि क अध्यन क सकथि। ओहि समय भारत क पूर्वी हिस्‍सा चीनी उत्‍पादन मे महारथ हासिल क चुकल छल। एहि ठाम स चीनी विदेश मे सेहो निर्यात होइत छल। 1453 मे इंडोनेशिया पर तुर्क शासन क बाद इ निर्यात प्रभावित भेल किया त तुर्क शासक एहि पर अतिरिक्‍त कर क बोझ बढा देलथि । एहि स इ कारोबार घाटा क सौदा भ गेल। धीरे धीरे इ कारोबार दम तोड देलक। ओना विदेश मे भारतीय चीनी क मांग पहिने स बढैत गेल।

नील स ईख तक क यात्रा – 1792 मे ईस्ट इंडिया कम्पनी विदेश मे उठि रहल भारतीय चीनी क माँग कए देखैत अपन एकटा प्रतिनिधि मंडल भारत पठेलक। चीनी उत्‍पादन क संभावना क पता लगेबा लेल लुटियन जे पीटरसन क नेतृत्‍व मे भारत आयल प्रतिनिधिमंडल अपन रिपोर्ट मे कहलक जे बंगाल प्रसिडेंसी क तिरहुत आ चंपारण क ईलाका मे ईख लेल नहि केवल जमीन उपयुक्‍त अछि, बल्कि एहि ठाम सस्‍ता मजदूर आ परिवहन क सुविधा सेहो मौजूद अछि। तखन एहि ईलाका में पैघ पैमाना पर नील क खेती होइत छल, मुदा नील मे मुनाफा कम होइत जा रहल छल। एहन मे इ रिपोर्ट देख ईलाका क किसान सेहो ईख क खेती कए अपनेबा लेल चट द तैयार भ गेलथि। दोसर दिस, ईख क पैदावार क संगहि 1820 मे चंपारण क्षेत्र क बराह स्‍टेट मे चीनी क पहिल शोधक मिल स्‍थापित कैल गेल। एहि स पूर्व चीनी क उत्‍पादन मशीन क बदला मे हाथ स होइत छल। मिस्‍टर स्‍टीवर्ट क अगुवाई मे 300 टन क्षमता एहि कारखाना मे ईख रस स आठ फीसदी तक चीनी निकालल जाइत छल। एहि मिल स उत्‍पादित चीनी तिरहुत ईलाका क लोक कए देखबा लेल तक नहि भेटैत छल। सबटा चीनी बाहर निर्यात होइत छल। 1877 अबैत अबैत पश्चिमी तिरहुत क भिखनपुरा में 5 हजार हैक्‍टेयर स नील क खेती सिमटी कए 1500 हैक्‍टेयर मे रहि गेल आओर 2 हजार हैक्‍टेयर मे ईख क खेती शुरू भ गेल। 1903 अबैत अबैत ईख तिरहुत स नील कए हमेशा क लेल विदा क देलक।

Reyam Sugar Millआधुनिक चीनी मिल क आगमन-  तिरहुत क र्ईलाका परिस्‍कृत चीनी क स्‍वाद 19वीं शताब्‍दी मे चखलक, जखन एहि ठाम चीनी उद्योग क विकास प्रारंभ भेल। 1903 स तिरहुत मे आधुनिक चीनी मिल क आगमन शुरू भेल। 1914 तक चंपारण क लौरिया समेत दरभंगा जिला क लोहट आओर रैयाम चीनी मिल स उत्‍पादन शुरू भ गेल। 1918 मे न्‍यू सीवान आ 1920 मे समस्‍तीपुर चीनी मिल शुरू भ गेल। एहि प्रकार क्षेत्र मे चीनी उत्‍पादन क कईटा पैघ ईकाई स्‍थापित भ गेल। लोहट देशक सबस पैघ मिलक संग संग एकमात्र एहन मिल छल जेकरा माल ढुलाई लेल अपन रेल छल। एकर बावजूद सरकार क उपेक्षा क कारण एकर तेजी स विकास नहि भ सकल। प्रथम विश्व युद्ध क समय एकर किछु प्रगति अवश्य भेल, मुदा विदेशी प्रतियोगी क आगू भारतीय मिल नहि टिकी सकल। 1929 तक भारत मे इ कारोबार संकटग्रस्‍त भ गेल आओर देश मे चीनी मील क संख्या घटि कए केवल 32 रहि गेल, जाहि मे पांचटा तिरहुत क्षेत्र मे छल।

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Sl No.

Unit Name

Previous Owner Name

Date of Establishment

Capacity (TCD)

Acquisition by Government of Bihar

Date of Closure

1

Samastipur

Samastipur Sugar
Central Sugar
Limited

1920-21

808

1977

1997-98

2

Ryam

Tirhut Cooperative
Sugar Co.
Limited

1914-15

925

1977

1994-95

3

Goraul

Sheetal Sugar
Works Limited

1932-33

800

1977

1994-95

4

Siwan

S.K.G. Sugar
Limited

1932-33

1000

1985

1993-94

5

Guraru

Guraru Chini Mill
Limited

1932-33

850

1979

1991-92

6

New Siwan

New Siwan Sugar
& Gur Refining
Company

1918-19

935

1979

1991-92

7

Lohat

Darbhanga Sugar Co. Ltd

1914-15

935

1979

1991-92

8

Bihta

South Sugar Mills Ltd

1932-33

1240

1977

1991-92

9

Sugauli

Sugauli Sugar Works Ltd

1933-34

900

1985

1997-98

10

Hathua

S.K.G. Sugar
Limited

1933-34

1728

1985

1997-98

11

lauria

S.K.G. Sugar
Limited

1905-06

1626

1985

1997-98

12

Motipur

Motipur Sugar Factory

1933-34

1219

1985

1997-98

13

Sakri

Darbhanga Sugar Co. Ltd

1933-34

782

1977

1997-98

14

Banmankhi

Purnea Cooperative
Sugar
Factory Limited

1970-71

1000

1977

1997-98

15

Warisaliganj

Warisaliganj Cooperative
Sugar
Mills

1933-34

700

1977

1993-94

16

Hathua-
Distlillery

S.K.G. Sugar
Limited

N/A

60 Klpd

2002

2002-03

17

Hathua-
Distlillery

S.K.G. Sugar
Limited

N/A

90 Klpd

2002

2002-03

998211_10201621104558165_1848965973_nसंरक्षण क उठेलक फायदा – तिरहुत चीनी उद्योग क इ अवस्था नहि भेल रहिते अगर 1920 क चीनी जाँच समिति एकर संरक्षण क सिफारिश क देने रहिते। ओना 12 साल बाद सम्राजीय कृषि गवेषणा परिषद् ईख उत्पादक क हित क रक्षा लेल चीनी उद्योग कए संरक्षण देबा क सिफारिश केलक। फलतः 1932 मे पहिल बेर 7 साल लेल एहि उद्योग कए संरक्षण प्रदान कैल गेल। जाहि मे चीनी पर आयात शुल्‍क बढा देल गेल संगहि चीनी मिल लेल आयात कैल गेल यंत्र पर सेहो आयात शुल्‍क कम क देल गेल। तिरहुत एहि मौका कए भरपूर फायदा उठेलक आओर एहि ठाम कईआ नव मिल स्‍थापित भेल। जाहि तीव्रता स एहि ठाम एहि उद्योग क विकास भेल ओ संरक्षण क सार्थकता कए सिद्ध करैत अछि। चार वर्ष क भीतर चीनी मील क संख्या 7 स बढि कए 17 भ गेल। चीनी क उत्पादन 6 गुना बढि गेल, आयात कैल गेल यंत्र क मूल्य 8 गुना बढ़ल। संरक्षण प्रदान करबा स 6 वर्ष क भीतर चीनी आयात मे साढ़े आठ करोड़ टका क कमी भ गेल आओर केवल 25 लाख टका चीनी क आयत भारत मे कैल गेल। चीनी कंपनीक फायदा सेहो मोट होइत गेल आ लाभांश जे 1923 आओर 31 क बीच औसतन 11.2% छल से बढि कए 1932 मे 19.5% भ गेल आओर 1934 मे 17.2% रहल। मुनाफा क अंदाजा एहि स लगाउल जा सकैत अछि जे लोहट चीनी मिल क लाभांश स सकरी में एकटा छोट चीनी मिलक स्‍थापना क देल गेल।

चीनी मामला मे आत्‍म निर्भर – 1937 मे चीनी प्रशुल्‍क बोर्ड सेहो चीनी उद्योग कए दू साल आओर संरक्षण देबा क सिफारिश केलक। बोर्ड क सिफारिश मंजूर भेला क बाद तिरहुत मे चीनी क बढैत उत्पादकता स 1938 -39 मे भारत नहि केवल चीनी क मामला मे आत्मनिर्भर भ गेल, अपितु अतिरिक्त उत्पादन सेहो करै लागल छल। उद्योग कए देल गेल संरक्षण एकर प्रमुख कारण रहल। दोसर कारण इ सेहो छल जे दोसर विश्व युद्ध क कारण कच्चा माल आ यंत्र क लागत अत्यंत कम भ गेल छल जे एहि उद्योग क प्रसार मे सहायक सिद्ध भेल। मुदा 1937 मे विश्व क 21 प्रमुख चीनी उत्पादक देश मे भेल एकटा अंतरराष्ट्रीय समझौता स तिरहुत क चीनी कारोबार क लाभ प्रभावित भेल। एहि समझौता मे निर्यात क कोटा तय क देल गेल आ वर्मा कए छोडि कए समुद्र क रास्‍ता अन्य कोनो देश मे चीनी क निर्यात करबा लेल भारत पर 5 साल लेल रोक लगा देल गेल। एहि समझौता क कारण स 1942 तक बिहार सहित पूरा भारत मे अति उत्पादकता क समस्या पैदा भ गेल। एहि स कईटा चीनी मिल निष्क्रिय भ गेल।

Name of Sugar Mill

Crushing Capacity (In TCD)

Total Cane Crushed (in Lakh Quintal)

Total Production of Sugar (lac Qtl)

Recovery %age  (Average)

 Duration of  Crushing Days  (Average)

Total Cane Crushed (in Lakh Quintal)

Total Production of Sugar (lac Qtl)

Recovery %  (Average)

Duration of Crushing Days (Average)

Bagaha

5,000

50.61

4.99

9.84

107

60.06

5.49

9.12

129

Harinagar

10,000

94.61

8.96

9.47

105

124.13

10.99

8.88

123

Narkatiaganj

7,500

78.79

7.65

9.71

111

95.63

8.41

8.8

141

Manjhaulia

5,000

44.87

4.23

9.3

107

51.67

4.47

8.5

119

Sasamusa

2,500

21.09

2.06

9.51

95

25.55

2.26

9

106

Gopalganj

5,000

39.19

3.72

9.5

95

44.75

3.99

8.97

96

Sidhwalia

5,000

47.01

4.43

9.43

103

52.39

4.69

8.95

113

Riga

5,000

48.13

4.48

9.31

120

45.16

4.04

8.91

68

Hasanpur

3,000

31.17

2.95

9.48

112

40.29

3.7

9.2

128

Motihari

2,500

–

–

–

–

4.47

0.26

6.88

32

Lauriya

3,500

15.29

0.66

7.11

102

20.18

1.05

7.39

100

Sugauli

3,500

17.54

0.97

8.6

103

25.44

1.6

8.63

92

Total:

57,500

488.3

45.1

9.24

105

589.72

50.95

8.63

104

आधिपत्‍य लेल बढल तनाव – चीनी क अधिकता स उत्‍पन्‍न परिस्थिति क सामना करबा लेल चीनी उत्पादक सब चीनी संघ क स्थापना केलथि, ताकि चीनी क मूल्य क ह़ास कए रोकल जा सकए। इ संघ अपन सदस्य कारखाना द्वारा चीनी क बिक्री कए सुनिश्चित करै लागल।

1966-67 तक बिहार क निजी मिल मालिक चीनी कंपनी पर अपन कब्जा जमा लेल‍थि। ओ सब एहन नीति अपना लेलथि ताकि चीनी पर स सरकार क नियत्रण पूर्ण रूप स खत्‍म भ सकए। एहि कारण चीनी मील पर मालिक आ सरकार क बीच टकराव बढैत गेल। दोसर दिस वाम धारा सेहो मजदूर हित पर लामबंद होइत गेल आ सरकार क संग ढार भ गेल। 1972 मे केंद्र सरकार द्वारा चीनी उद्योग जाँच समिति क स्थापना कैल गेल। चीनी उद्योग क स्थिति आ समस्या क जांच क इ समिति 1972 क आखिरी सप्ताह मे सरकार कए अपन रिपोर्ट सौंप देलक। समिति सरकार कए चीनी कारखाना क अधिग्रहण करबाक सुझाव देलक। एहि बीच आपातकाल मे वाम दलक समर्थन हासिल करबा लेल सरकार कए पैघ पैमाना पर कोयला आ चीनी कारोबार पर कब्‍जा करबाक दबाव पडल। फलस्वरूप 1977 स 85 क बीच असगर बिहार सरकार 15टा स बेसी चीनी मिल क अधिग्रहण केलक। एहि मे समस्तीपुर (समस्तीपुर शुगर सेन्ट्रल शुगर लिमिटेड ), रैयाम ( तिरहुत कोपरेटिव शुगर कंपनी लिमिटेड ), गोरौल( शीतल शुगर वर्क्स लिमिटेड), सिवान ( एस.के.जी. शुगर लिमिटेड), गुरारू ( गुरारू चीनी मिल), न्यू सिवान ( न्यू सिवान शुगर एंड गुर रिफ़ाइनिग कम्पनी), लोहट ( दरभंगा शुगर कंपनी लिमिटेड), बिहटा ( साउथ बिहार शुगर मिल लिमिटेड), सुगौली( सुगौली शुगर वर्क्स लिमिटेड), हथुआ ( एस.के.जी. शुगर लिमिटेड), लौरिया (  एस.के.जी. शुगर लिमिटेड), मोतीपुर ( मोतीपुर शुगर फेक्टरी ), सकरी ( दरभंगा शुगर कंपनी लिमिटेड), बनमनखी ( पूर्णिया कोपरेटिव शुगर फेक्टरी लिमिटेड) आओर वारिसलीगंज (वारिसलीगंज कोपरेटिव शुगर मिल लिमिटेड)क अधिग्रहण कैल गेल। जखन कि विवेक राज क हरिनगर चीनी मिल, केके बजौदिया क गोपालगंज चीनी मिल, मलिक महमूद अलीक सासामोसा चीनी मिल, ओपी धानुषा क रीगा चीनी मिल आओर दीपक यादवक बगहा चीनी मिल सन किछु मिल अधिग्रहण हेबा स बचि गेल।

Raiyam chini milऔर बढैत गेल मील क दुर्दशा – एहि मिल सब कए चलेबा लेल सरकार बिहार स्टेट शुगर कॉर्पोरेशन लिमिटेड क स्थापना 1974 ई० मे केलक, जे चीनी मिल कए घाटा कए नियत्रित क एकरा सुचारू रूप स प्रबंधन देखत, मुदा भेल ठीक उलटा। एहि मे स बेसीतर इकाई दाम मे गिरावट आओर इनपुट लागत मे वृद्धि क दवाब कए नहि सहि सकल। फलस्वरूप एक कए बाद एक यूनिट बंद होइत चल गेल। 1996-97 क पेराई सीज़न क बाद एकरा पुनर्जीवित करबाक कोशिश बंद भ गेल आ सबआ इकाई बंद पडि गेल। घाटा क अनुमान एहि स लगाउल जा सकैत अछि जे एहि ईकाई सब पर किसान क 8.84 करोड़ आओर कर्मचारी सबहक 300 करोड़ टका बकाया छल। 1990 अबैत अबैत तिरहुत मे ईख क खेती किछु जिला तक सिमटि कए रहि गेल आओर ईख क स्‍थान पर गेहूम क खेत पर कब्‍जा भ गेल। 1997 अबैत अबैत गेहूम तिरहुत क सबस पैघ नकदी फसल बनि गेल आ ईख क नकदी फसल के रूप मे मानयता इतिहास बनि कए रहि गेल।

सरकार रखलक हथियार – फरवरी 2006 मे बिहार सरकार आखिरकार हथियार राखि देलक आ  इ स्‍वीकार क लेलक जे ओ बंद मिल कए चलेबा मे असमर्थ अछि। 1977 मे चीनी मिल कए घाटा कए नियत्रित क  सुचारू रूप स प्रबंधन देबाक दावा झूठा साबित भेल। मिल कए फेर स चालू करबा लेल सरकार गन्ना विकास आयुक्त क अध्यक्षता मे एकटा उच्च स्तरीय बैसार केलक । एहि मे राय बनल जे बिहार स्टेट शुगर कॉर्पोरेशन लिमिटेड कए बंद पडल चीनी मील कए पुनर्जीवित करबा लेल एकटा वित्तीय सलाहकार नियुक्त करबाक चाही, जे एहि बंद पड़ल चीनी मिल सबहक पुनरुद्धार लेल कोनो सटीक योजना बना सकए। एकर बाद एसबीआई कैपिटल कए इ काज सौंपल गेल। एसबीआई कैपिटल परिसंपत्ति  क मूल्यनिर्धारण, परिचालन और वित्तीय मापदंड क आधार पर बिहार सरकार कए एकटा संक्षिप्त रिपोर्ट देलक। एकर अनुसार बंद पडल 15टा मील मे स 14टा मील कए फेर स चलेबाक सुझाव देल गेल एसबीआई कैपिटल क मूल्‍यांकन क बाद समिति अंततः एहि इकाइ सब लेल निविदा आमंत्रित करबाक फैसला केलक आ निजी निवेशक कए आमंत्रित कैल गेल जे ओ एहि बंद पड़ल चीनी मिल सब कए  पुनरुद्धार / पुनर्गठन / लीज़ पर लेथि। शुरुआत उत्‍साहजनक नहि रहल। निवशक क दिलचस्पी नहि कए बराबर रहल। पिछला साल सेहो दिसंबर मे निविदा भरबा आखिरी दिन तक तीनटा चीनी मिल लेल महज छहटा आवेदन भेटल।

550771_515326155152184_2140741913_nपुनरुद्धार क नाम पर मिटा गेल अस्त्तिव – एसबीआई कैपिटल बंद पडल 15टा मील मे स 14टा मील कए फेर स चलेबाक सुझाव देलक, जखनकि सकरी मिल कए विलोप करबाक सुझाव देल गेल। समिति क अनुसार लोहट आ रैयाम क बीच स्थित एहि मिल लेल गन्ना अधिकार क्षेत्र उपलब्ध नहि भ सकत। अतः एकर 115  एकड़ जमीन कए कोनो अन्य कार्य लेल आवंटित क देबाक चाही। लोहट क लाभांश स 1933 मे स्थापित 782 टीएमटी क्षमता वाला एहि मिल कए अधिग्रहणक बाद खंडित क देल गेल छल आ एकर परिसर मे सरकार पहिनहि औद्योगिक परिसर बना देने अछि। एसबीआई कैपिटल एहि सुझाव कए बाद बचल मिल परिसरक वजूद सेहो खत्म क देल गेल। एहि प्रकार स बिहार क चीनी मील क इतिहास मे सकरी पहिल इकाई रहल जे केवल बंद नहि भेल बल्कि ओकरा हमेशा क लेल खत्म क देल गेल। सरकार क एहि पहल स एहन नहि जे अन्य मिल पुनर्जीवित भ गेल। सकरी क हत्‍या जाहि रैयाम लेल कैल गेल ओ सेहो महज़ 27.36 करोड क बोली लगाकए लीज़ पर लेल गेल। दिल्‍ली क कंपनी कंपनी तिरहुत इंडस्ट्री एहि ठाम नव मशीन लगेबा क नाम पर रैयाम चीनी मिल क सबटा साजो सामान बेच चुकल अछि। 2009 मे 200 करोड़ क निवेश स अगिला साल(2010) तक रैयाम मिल कए चालू क देबाक दावा करनिहरार एहि कम्पनी मालिक मिल क पुरानी सम्पति कए बेचबाक अलावा एखन धरि कोनो सकारात्मक पहल नहि केलथि अछि। ओना बिहार सरकार एखन धरि कुल 5टा मील कए निजी हाथ मे द चुकल अछि जाहि मे स केवल दूटा सुगौली आ लौरिया चीनी मिल एक बेर फेर स उत्‍पादन शुरू क देलक अछि,जखनकि रैयाम समेत आन मील क भविष्य निजी हाथ मे गेलाक वाबजूद अंधकारमय अछि।

इथेनॉल बढा देलक मुश्किल – निवेशक क रुचि चीनी उत्‍पादन मे शुरू स कम रहल, ओ इथेनॉल लेल चीनी मिल ल रहल छलाह, जखनकि राज्य सरकार कए इ अधिकार नहि रहल। किया त  28 दिसंबर, 2007 स पहिने गन्ना क रस स सीधा इथेनॉल बनेबाक मंजूरी छल। ओहि समय बिहार मे चीनी मिल लेल प्रयास तेज नहि भ सकल छल, जखन प्रयास तेज भेल तखन दिसंबर, 2007 कए गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1996 मे संशोधन क देल गेल, जेकर बाद केवल चीनी मिल इथेनॉल बना सकैत अछि। एकर  सीधा असर बिहार पर पडल। मुश्किल एहि ठाम स शुरू भेल। एहि कानून में बदलाव क बाद बिहार सरकार लेल बंद चीनी मिल कए चालू करा सकब एकटा पैघ चुनौती बनि चुकल अछि। सरकारी दस्‍तावेज कहैत अछि ले पिछला आठ साल मे बिहार में चीनी मिल लेल लगभग 3606 करोड टकाक निवेशक प्रस्‍ताव अछि। जाहि मे स आठटा मिल लगेबाक प्रस्‍ताव कए कैबिनेट स मंजूरी भेट चुकल अछि जखन कि निवेश परिषद छहटा आओर प्रस्‍ताव कए मंजूरी प्रदान क चुकल अछि। इ प्रस्‍तावित मिल सारण, तिरहुत, दरभंगा, पटना आ मुंगेर प्रमंडल में स्‍थापित हेबाक अछि। जानकार क कहब अछि जे राज्य सरकार पहिने पांच साल क कार्यकाल मे निवेशक क विश्‍वास जीतबाक प्रयास करैत रहल। आब जखन निवेशक क रुचि जागल, तखन केंद्र गन्ना क रस स सीधा इथेनॉल बनेबाक मांग कए खारिज क राज्य मे पैघ निवेश कए प्रभावित क देलक अछि। जे निवेशक चीनी मील कए लेबा लेल शुरुआती दौर मे इच्‍छा प्रकट केने छलाह ओ धीरे धीरे अपन प्रस्ताव वापस लैत गेलाह।

270971_603719852979480_1003754729_nफेर चाही ओहने संरक्षण – बिहार मे एखन महज 2.74 लाख हैक्टियर में ईख क खेती होइत अछि। पिछला पेराई मौसम मे 5.07 लाख टन क रिकार्ड उत्‍पादन क बावजूद चीनी मिल कए करीब 250 करोड क घाटा सहए पडि रहल अछि। बिहार मे गन्‍ना स चीनी क रिकवरी क दर 9.5 फीसदी स घटि कए 8.92 फीसदी भ गेल अछि। बिहार मे चीनी क उत्‍पादन मूल्‍य करीब 3600 प्रति क्विटल अछि, जखनकि चीनी क मूल्‍य घटि कए 2950 प्रति क्विटंल भ गेल अछि। छोआ क दाम राज्‍य सरकार  महज187 टका तय क  रखने अछि जखन कि उत्‍तरप्रदेश मे एकर दाम 300 स 325 टका प्रति क्विंटल अछि। तहिना स्‍प्रीट क दाम बिहार मे महज 28 टका प्रति लीटर अछि जखन कि उत्‍तरप्रदेश मे 33 स 35 टका प्रति लीटर अछि। एहन मे बिहार शूगर मिल एसोसिएशन सरकार स कैश सब्सिडी 17 क बदला मे 30 टका प्रति क्विंटल करबाक मांग क रहल अछि। बिहार मे चीनी उद्योग कए अगर एकबेर फेर ओहि स्‍वर्ण युग मे ल जेबाक अछि त एकर संरक्षण क जरुरत अछि। चीनी उद्योग लग मिठगर स्‍मरण टा नहि बल्कि बहुत रास तितगर सच्‍चाई सेहो अछि जेकरा खत्‍म करब आवश्‍यक अछि ।

SI NO

FACTORY NAME

CAPACITY

SHORT NAME

FACTORY CODE

1

Bihar State Sugar Corpn.    Ltd., Lohat, Distt. Madhubani

P.S.1321

Lohat

21403

2

Bihar State Sugar Corpn. Ltd., Sakari, Distt.Madhubani

P.S.813

Sakri

21404

3

The Bihar State Sugar Corpn. Ltd., Unit. Ryam,Distt. Darbhanga

P.S.925

Ryam

21402

4

New India Sugar Mills Ltd., Hassanpur Road, Distt. Samastipur

Pvt.2500

 Hassanpur

21501

5

Bihar State Sugar Corpn. Ltd., Samastipur Unit,Distt. Samastipur

P.S.808

 Samastipur

21405

6

Bihar State Sugar Corpn.Ltd, Motipur Distt. Muzaffarpur

P.S.1219

Motipur

21409

7

Righa Sugar Co. Ltd., Righa, Distt. Sitamarhi

Pvt.3500

22501

8

Bihar State Sugar Corpn.Ltd., Unit. Garaul,Distt. Vaishali

P.S.813

Garaul

21401

9

Motihari Chini Udyog Ltd., Leasee of M/S Eastern Sugars,Industries Ltd., Motihari, Distt. East Champaran

Pvt.2500

Motihari

22101

10

M.P.Chini Industries Ltd.Ltd., Majhaulia, Distt.West Champaran

Pvt.3500

 Majhoulia

21901

11

Champaran Sugar Co. Ltd., Chanpatia, Distt. West Champaran

Pvt.1600

Chanpatia

22001

12

Bihar State Sugar Corpn. Ltd., Lauriya, Distt. West Champaran

P.S.1626

Lauriya

21407

13

Bagaha Chini Mills Ltd.,P.O. Naraipur, Distt. West Champaran

Pvt.2500

Bagaha

21601

14

The Oudh Sugar Mills Ltd.,Narkatiaganj, Distt. West  Champaran

Pvt.5000

Narkatiaganj

21801

15

Harinagar Sugar Mills Ltd., Harinagar, Distt. West    Champaran

Pvt.7000

Harinagar

21701

16

The Bihar State Sugar  Corpn. Ltd., Sugauli, Distt. East Champaran

P.S.914

Sugauli

21408

17

Champaran Sugar Co. Ltd., Barachakia, Distt. East Champaran

Pvt.932

Barachakia

22002

18

The Bihar State Sugar  Corpn. Ltd., P.O. New  Savan, Distt. Siwan

P.S.914

New Savan

21412

19

The Bihar State Sugar Corpn. Ltd.,  P.O. Siwan, Distt. Siwan

P.S.711

Siwan

21411

20

The Bihar State Sugar  Corpn. Ltd., P.O. Mirganj, Distt. Gopalganj

P.S.1778

Mirganj

21410

21

Bharat Sugar Mills Ltd., Sidhwalia, Distt. Gopalganj

Pvt.1750

 Sidhwalia

22401

22

Sasa Musa Sugar Works Pvt. Ltd.,

Pvt.1750

Sasa Musa

22201

23

Sasa Musa, Distt. Gopalganj

24

The Mills, Gopalganj, Dist. GopalganjVishnu Sugar Mills Ltd.,P.O. Vishnu Sugar

Pvt.3500

 Gopalganj

22301

24

Cawnpore Sugar Works Ltd., Marhowrah, Distt. Saran

Pvt.945

Marhowrah

8004

25

Bihar State Sugar Corpn. Ltd., Unit. Gararu, Distt. Gaya

P.S.864

Gararu

21415

26

Bihar State Sugar Corpn. Unit. Warisaliganj, Distt. Nawadah

P.S.711

 Warisaliganj

21414

27

The Bihar State Sugar Corpn. Ltd., Banmankhi, Distt. Purnea

P.S.1016

Banmankhi

21406

28

The Bihar State Sugar Corpn. Ltd., Unit. Bihta,  Distt. Patna

P.S.1219

Bihta

21413


इ आलेख कई माह क अध्‍ययन क बाद तैयार भेल अछि। अपने लोकनि कए केहन लागल जरुर बताउ । मैथिली पत्रकारिता कए सरकार आ कॉरपोरेट दबाव स मुक्त रखबा लेल आर्थिक मदद करि। इसमाद एक गैर-लाभकारी संगठन अछि।
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Comments 5

  1. ashok jha says:
    12 years ago

    adbhut aalekh. dhanyabad.

    Reply
  2. paras nath thakur says:
    12 years ago

    nik

    Reply
  3. Sohan & Neha says:
    10 years ago

    Without e- samad it was not possible 2 know from my side Supr update.

    Reply
  4. VIJAY KUMAR JHA says:
    9 years ago

    dhnayabad i sab chig sa awgat karaba k lel

    Reply
  5. Munna says:
    5 years ago

    Nice post

    Reply

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