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Home समाद विशेष

बढ़ल विदेशी पर्यटकक आवाजाही

December 2, 2008
in समाद विशेष
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दोसरसमाचार

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पटना। बिहार क पर्यटन स्थलक प्रति विदेशी पर्यटक कए आकर्षण लगातार बढि़ रहल अछि। बीतल समय मे कानून व्यवस्था क खराब स्थिति आ पर्यटक स्थल क उपेक्षा क कारण पर्यटक कए बिहार भ्रमण क रफ्तार कम छल। मुदा पिछला तीन साल मे बाहर स आबै वाला लोक क गति काफी तेज भ रहल अछि। देशी पर्यटक क लगाव सेहो बढ़ल अछि, मुदा दोसर देश स आबै वाला क संख्या बेसी तेजी स बढ़ल अछि। नालंदा, राजगीर, गया व बोधगया विदेशी पर्यटक क आकर्षण क मुख्य केन्द्र रहल अछि। पिछले तीन वर्ष क हिसाब देखला पर पता चलैत अछि जे 2005 में बिहार आबैवाला विदेशी पर्यटक क संख्या 63.3 हजार छल। 2006 मे इ संख्या बढि़कए 94.4 हजार भेल, जखन कि 07 मे 177.4 हजार विदेशी बिहार भ्रमण केलथि। 2008 मे इ आंकड़ा मे आओर तेजी स इजाफा भेल। एहि साल दोसर देशों स 391.3 हजार लोग बिहार एलाह। 2009क दस माह मे इ आंकड़ा 300 हजार कए पार करि चुकल अछि, जखन कि आधा साल बाकी अछि।
पर्यटन व्यवसाय स जुड़ल एनके शर्मा कहैत छथि जे पिछला साल पर्यटकक संख्या में वृद्घि रफ्तार धेलक। 2008क जुलाई से सितम्बर, एहि तीन माह मे बिहार आबैवाला क संख्या 1 लाख 26 हजार छल। जुलाई से सितम्बर क बीच क गप करि त 2007 मे एहि अवधि मे गया मे 791.13 हजार विदेशी पर्यटक आएला, जखकि 08 मे 1959.5 विदेशी आएला। एहि अवधि मे बोधगया आबैवाला क संख्या 3.1 हजार आ 7.3 हजार रहल। राजगीर मे इ 4.4 हजार स बढि़कए 83 हजार भेल।
राज्य सरकार सेहो मानैत अछि जे राज्य मे पर्यटन कए प्रमुख उद्योग क रूप मे विकसित हेबाक संभावना क बावजूद अतीत मे पर्यटन उपेक्षित रहल। बेहतर संपर्क सुविधा आ संबंधित विभाग क बीच समन्वय क अभाव मे सेहो पर्यटन लगातार उपेक्षित रहल अछि। सरकार क दावा त एहन अछि जे दोसर कोनो राज्य एहि मामला मे एतबा संपन्न नहि अछि, जाहि ठाम देशी-विदेशी पर्यटक कए आकर्षित करबाक लिहाज स इतिहास, सभ्यता, धर्म और संस्कृति क एतबा विधितापूर्ण खजाना छैक।
प्रदेश क पर्यटन स्थल क भ्रमण पर आबैवाला देशी-विदेशी यात्री क गप करि त 2005 मे जतय 69.44 लाख पर्यटक आएला, त 2006 मे 107.65 लाख भ गेल। 2007 मे इ 105.30 लाख रहल। 2008 मे 129.25 लाख रहल। 2009 क अप्रैल माह धरि इ संख्या 78.07 लाख अछि। पर्यटन विभाग क कहब अछि जे गया, बोधगया, राजगीर, वैशाली, पावापुरी, पटना साहेब सन अनेक धार्मिक स्थल अछि। पर्यटक कए आकर्षित करबा लेल हिनकर विकास कैल जा रहल अछि। योग अनिवासी भारतीय मे काफी लोकप्रिय भ चुकल अछि। एकरा ध्यान मे राखि योग क पाठ्यक्रम चाहनिहार पर्यटक लेल विभाग दू आ तीन सप्ताह क पैकेज तैयार केलक अछि। इ मुंगेर योगाश्रम स जोड़ल गेल अछि। गया क पितृपक्ष मेला क महत्व कए देखैत पिंडदान पैकेज सेहो प्रारंभ कैल गेल अछि। ट्रेस योर रूट्स नामक तेसर पैकेज तैयार भ चुकल अछि। जे अनिवासी भारतीय क बीच काफी लोकप्रिय भ रहल अछि। एकरा संग-संग बिहारक ओ स्थान जे एखन धरि पर्यटनक मानचित्र स ओझल अछि ओकर विकास लेल खास योजना तैयार कैल जा रहल अछि। जाहि मे सीता स जुड़ल सीता सर्किट पर काज लगभग पूरा भ चुकल अछि। गंगा मे जहाज पर रेस्त्रां सेहो पर्यटकक लेल आकर्षणक केंद्र बनत।

Tags: indian tourism
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Comments 1

  1. गजेन्द्र ठाकुर says:
    14 years ago

    बड्ड नीक प्रस्तुति। मोन प्रसन्न भए गेल।
    समाद मैथिलीक ऑनलाइन समाचारपत्रक रूप मे जे सेवा कए रहल अछि से
    लोकक मोनमे अंकित भए गेल अछि।

    Reply

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