मणिभूषण राजू
मात्र 25 वर्ष क अल्पायु मे योग विद्या मे विश्व कीर्तिमान स्थापित करनिहार योगाचार्य श्री रवि व्योम शंकर झा, योगक क्षेत्र मे लगातार दू-दूटा विश्व कीर्तिमान अपना नामे कए चुकल छथि । मूल रूप से मिथिलाक मधुबनी जिलाक बेनीपट्टी प्रखंड क ढ़ंगा(पश्चिम) गामक एकटा साधारण परिवार मे जनमल श्री झा पिता श्री श्रेष्ठ नारायण झा आ माता श्रीमती कांति देवी क चारिटा संतान मे सबसे छोट पुत्र छथि । बच्चे से अहाँ शांत, मृदुभाषी आ आध्यात्मिक प्रवृति क रहलाह । बचपन मे पिताजी हिनका ‘वामदेव’ कहिकए बजाबैत छल और आन लोग ‘बमबम’ से सम्बोधित करैत छलाह ।
श्री रवि जी अपन प्राथमिक शिक्षा अपने गामक राजकीय मध्य विद्यालय, ढ़ंगा(पश्चिम) से केलथि, तत्पश्चात 2008 ई. मे अहाँ मधुबनी जिलाक प्रख्यात “वाटसन हाई स्कूल” से मैट्रिक आ ओकर बाद आर. के. कालेज, मधुबनी से कला -संकाय से अन्तरस्नातक(2010) केलाक बाद हिन्दी से स्नातक (2013) केलाह ।
बचपन मे हम-उम्र आओर छोट-छोट साथी संगे खेलकूद, शारीरिक व्यायाम आ योग मे अग्रसर भूमिका मे रहैत छलाह । रोज अपन गामक बच्चा संगे नहर पर व्यायाम करैत छलाह । हिनकर कुशल नेतृत्व क्षमता क कारणे मित्रगण हिनका ‘बाबा’ कहिकए सम्बोधित करैत छलाह ।
नियमित व्यायाम अओर योगक हिनकर सफल मार्गदर्शन मे 2011 से हिनकर कैकटा सखा-मित्र आओर शिष्य ‘सेना’ मे आर आन सरकारी आ प्राइवेट संस्थानों मे अपन जगह बना चुकल छथि । बचपन से गामक हरेक समाजिक कार्य मे बढ़िचढ़ि कए हिस्सा लेनाय श्री रवि जी क लेल जीवनक अहम हिस्सा छल । योग आओर आध्यात्म क पहिल ज्ञान श्री रविजी कए अपन परिवारे से भेटल । दादाजी स्व. श्री कमलाकांत झा आओर स्व. श्री शीलाकांत झा हिनकर प्रथम गुरू छलाह । ‘शारीरक साधना’ आ परिश्रम क शिक्षा स्व. श्री कमलाकांत झा जी से आ ‘लय योग’ , ‘भक्ति योग’ क प्राथमिक शिक्षा स्व. शीलाकांत झा जी से प्राप्त केलथि ।
मैट्रिक क बाद टेलिविजन पर योगगुरू बाबा रामदेव क योग शिक्षा से प्रेरित भएकए श्री रविजी सर्वप्रथम त्रिलोकनाथ उच्च विद्यालय, कलुआही मे प्रथम योग शिविर का आयोजन केलथि और फेर ई क्रम ओतय से ‘वाटसन हाई स्कूल,मधुबनी’ आओर ‘आर.के. कालेज, मधुबनी’ तक सतत चलैत रहल । एहि दौरान जखनो गाम अबैत छल त गामक राजकीय मध्य विद्यालय, ढ़ंगा (पश्चिम) मे बच्चा कए नि:शुल्क योग प्रशिक्षण दैत रहल ।
6 दिसंबर 2010 कए योगगुरू बाबा रामदेव जी क मधुबनी प्रवास क कार्यक्रम छल जाहिमे पतंजलि क कार्यकर्ताओं क संगे रूपरेखा स लकए सम्पूर्ण व्यवस्था आ योग प्रशिक्षण क जिम्मेदारी श्री रवि जी उठौलथि । श्री रवि जी क एहि मेहनत आओर लगनशीलता से बाबा रामदेव एतेक प्रभावित भेल जे देशभरि मे योग-शिक्षा क प्रचार-प्रसार मे आगू एबाक लेल कहलथि । योग गुरु बाबा रामदेव जी क यैह गप से प्रभावित भकए श्री झा निश्चय केलथि जे अपन सम्पूर्ण जीवन योग-शिक्षा क प्रचार-प्रसार हेतु समर्पित करब आओर हरिद्वार मे आयोजित होएबला शिविर मे जेबाक निर्णय लेलथि ।
2011 मे हरिद्वार मे योगशिविर मे भाग लेबाक बाद श्री रविजी अपन सम्पूर्ण जीवन योग-शिक्षा कए समर्पित करबाक दृढ़ निश्चय केलथि । जखन बहुतो प्रयास क बादो लोग हिनकर दृढ़ निश्चय कए अथक प्रयास क बादो नहि बदलि पेलाह त हिनकर एहि प्रतिबद्धता अओर समर्पण कए देखिकए माता-पिताजी हिनका योगविज्ञान मे एम.ए. करबाक लेल हरिद्वार जेबाक अनुमति प्रदान केलथि । एहि अनुमति क संगे श्री रवि जी आजीवन ब्रम्हचारी रहि योग साधना कए अपन जीवन समर्पित केलथि ।
2013 ई. मे स्नातक पूर्ण हेबाक पश्चात श्री झा पतंजलि विश्वविद्यालय से एम.ए.(योगविज्ञान) मे नामांकण लेलथि । एहि शिक्षाक दौरान योगक सभटा विधा मे श्री रविजी विधिवत निपुणता हासिल केलथि आओर योगपीठ मे शत प्रतिशत(100%) उपस्थिति देनिहार प्रथम छात्र बनलाह । एहि दौरान देशभर मे आयोजित योगशिविर मे योगगुरू बाबा रामदेव क संग सह-योगशिक्षक क रुप मे अपन सेवा दैत रहलाह । एहि दौरान फिल्म ‘दंगल’ मे अभिनेता आमिर खान कए स्वास्थ्य संबंधी युक्ती (Health Tips) देलथि।
योग मे “आसन क राजा” “शीर्षासन” सबसे कठिन आसन, जे कि योग गुरु रवि क सबसे प्रिय योग विधा रहल छल । बचपने से हिनका मे विश्व कीर्तिमान बनाने क जुनून छल । आ एकरे प्रतिफल अछि जे 21 जून 2016 ई. कए पतंजलि योग शिविर, फरीदाबाद(हुडा ग्राउंड) मे “शीर्षासन” मे विश्व कीर्तिमान स्थापित केलथि आओर सम्पूर्ण विश्व मे अपन देशक नाम रौशन केलथि ।
एहि विजय क संगे श्री झा फेर स निश्चय केलथि जे आब अगला बेर “शीर्षपद्मासन/पद्मशीर्षासन”-‘शीर्षासन मे पद्मासन’ मे विश्व कीर्तिमान बनाओत आओर एक सालक कठिन तपस्या आओर परिश्रम क बाद पुन: 21 जून 2017 कए जी.एम.डी.सी. ग्राउंड, अहमदाबाद मे “शीर्ष पद्मासन” मे विश्व-कीर्तिमान बनेलथि ।
आब योगाचार्य रवि झा जी क अगिला लक्ष्य योग मे विश्व कीर्तिमान क “हैट्रिक” लगेबाक अछि । ओ एहि साल 21 जून 2018 कए “मैराथन योग” में विश्व कीर्तिमान क तैयारी कए रहल अछि ।
पतंजलि क भुतपूर्व छात्र समागम मे जतय योग गुरु स्वामी रामदेव अपने मौजूद छलाह, ई घोषणा केलथि जे योगरत्न रवि झा आबय बला 21 जून कए अंतराष्ट्रीय योग दिवस क पावन अवसर पर 60 घंटाक मैराथन योग करत, जे पुन: एकटा विश्व कृतिमान होएत । इस घोषणा क बाद योगरत्न रवि जी अपन तैयारियों क प्रदर्शन केलथि आ आधा घंटे क दौरान अनेकोनेक योगासन केलथि ।
शीर्षासन मे, शीर्ष पद्मासन मे रवि जी एहि स पहिने दूटा विश्व कीर्तिमान बना चुकल छथि, आब 21 जून कए योगरत्न रवि मात्र 25 वर्ष क आयु मे 60 घंटा धरि अनवरत मैराथन योग करत जे फेर एकबेर एकटा विश्व कीर्तिमान होएत ।
वर्तमान मे रवि जी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली मे योगक प्रशिक्षण देबाक काज कए रहल छथि । विभिन्न सामाजिक आ गैर राजनीतिक संस्था क माध्यम से नि:शुल्क योग आ आध्यात्म शिविर आयोजन कए गरीब आओर पिछड़ा बच्चा-युवा क प्रोत्साहन आ मार्गदर्शन करैत रहला अछि । योग मे अपन विश्व स्तरीय पहचान बना चुकल श्री रवि झा अपन एहि सफलता क श्रेय अपन माता-पिता, पतंजलि विश्वविद्यालय क गुरुजन आ अपन परम मित्र आनंद कए दैत छथि ।
अखैन धरि लगातार तीनटा विश्व कीर्तिमान योग क विभिन्न विधाओं मे कोनो एकटा व्यक्ति द्वारा बनल होए, एहन दुर्लभ काज अखैन धरि संभव नहि भेल अछि ई पूरा विश्व मे कहियो भी देखबाक लेल नहि भेटल अछि । 21जून कए जखन ई संभव होएत त एकबेर फिर सम्पूर्ण विश्व पटल पर हम भारतवासी क लेल ई गौरव क गप होएत ।