पटना। बिहार क विभिन्न विश्वविद्यालय मे छह वर्ष स सृजित पद पर कार्य करि रहल एक हजार स अधिक शिक्षक क नौकरी फिलहाल खतरा मे अछि। नियुक्ति मे धांधली क आरोप क जांच क दौरान निगरानी विभाग क हाथ पुख्ता सबूत लगल अछि। सत्यापन क लेल ओ मानव संसाधन विकास विभाग स सहयोग मंगलक अछि। विभाग एक माह पहिने तीन सदस्यीय कमेटी सेहो गठित करि देने छल, मुदा एखन धरि एकर कोनो बैठक नहि भ सकल अछि।
ज्ञात हुए जे एहि शिक्षक क वर्ष 2003 मे विश्वविद्यालय सेवा आयोग क माध्यम स लिखित परीक्षा आ साक्षात्कार क आधार पर नियुक्ति भेल छल। ओहि समय साक्षात्कार मे अनुचित ढंग स अंक द कए अयोग्य शिक्षक कए नियुक्त करबाक शिकायत क आलोक मे तत्कालीन कुलाधिपति 2006 मे मामला कए निगरानी जांच ब्यूरो क सुपुर्द करि देने छलाह। आयोग क तत्कालीन अध्यक्ष आ कतिपय सदस्य पर एहि मामला मे आरोप लगल छल जे मेधावी अभ्यर्थी क दावा कए दरकिनार करि ओ लोकनि पैरवी पुत्र कए साक्षात्कार मे अनुचित अंक द कए नियुक्त करि देलथि। निगरानी विभाग एहि सिलसिला मे किछु लोक कए गिरफ्तार सेहो केने छल।
सूत्र कहैत अछि जे जांच क क्रम मे निगरानी विभाग पौउलक जे चयनित व्यक्ति क अंकपत्र क जांच करि अनियमित तरीका स अंक देबाक आरोप मे दम अछि। लिहाजा मानव संसाधन विकास विभाग कए संचिका दैत इ अपेक्षा कैल गेल अछि जे ओ साक्षात्कार मे बेसी अंक देबाक आ शोध क नाम पर गलत तरीका स बेसी अंक द कए बहाल करबाक मामला क विशेषज्ञ स जांच कराउत। ब्यूरो क मानब अछि जे इ विशेषज्ञ विभिन्न जर्नल मे प्रकाशित उम्मीदवार क शोध लेख आ ओहि जर्नल क गुणवत्ता आ प्रदत्त अंक देबाक औचित्य पर हुनकर मदद करि सकताह। मुदा हैरानी क गप त इ अछि जे गठन क एक माह बादो विभागीय विशेषज्ञ कमेटी क एकोटा बैठक एखन धरि नहि भ सकल अछि।